जानकारी के अनुसार समीप के खरेटा रोड़, चेता का पुरा, बेड़ा, बनकी, लहचौड़ा, विजयपुरा, ढिंढोरा, पाली, चुरारी, करसौली, बाढ़, जटनंगला समेत आसपास के गावों में गुरुवार रात टिड्डियां हरे वृक्षों पर बैठी रही। सुबह होने पर अलग-अलग समूहों के रूप मेंं टिड्डी दल ने उड़ान भरी। इस दौरान किसान फसल में नुकसान को लेकर चिंतित हो गए। ग्रामीण सुनील, राजेश, पप्पू, साहब सिंह, हरकेश, पूरण, जगमोहन आदि ने बताया कि देहात में लगातार टिड्डी दल के आने किसान खरीफ की फसल को लेकर चिंतित है।
कोरोना काल में आर्थिक तंगी से जूझ रहे किसानों को टिड्डियों ने परेशानी में डाल दिया है। ग्रामीणों ने बताया कि क्षेत्र के झारेडा, अलीपुरा, ढहरा, बेड़ा, बनकी, भूरीकापुरा, शहदगीकापुरा, बाजना, क्यारदा कला, सूबेदार का पुरा, मंडावरा, बाढ़, करसौली, रीठौली, खेड़ा, जमालपुर, कटकड़ आदि गावों में बारिश के बाद बोई बाजरा, तिलहन, दलहन की फसल को टिड्डियों ने चट कर दिया। किसानों को दोबारा फसल बुवाई का कार्य करने की मजबूरी बनी हुई है।
चट कर गई हरियाली-
ग्रामीणों ने बताया कि लगातार दो दिन तक टिड्डी दल के ठहराव से क्षेत्र में बबूल, छोंकरा, पीपल, गुड़हल, आम व बागवानी फसल, पैठा, लौकी, मिर्ची, बैगन, टमाटर, कद्दू, करेला के पौधों में हरी पत्तियां खराब हो गई। टिड्डियों ने पेड-पौधो से हरियाली को नष्ट कर दिया है। जिससे पर्यावरण संकट गहरा गया है।
किसानों ने बताया कि जिला प्रशासन व कृषि विभाग टिड्डियों को लेकर गंभीर नहीं है। किसानों ने टिड्डी नाशक दवाई किसानों को निशुल्क उपलब्ध कराने व फसल में छडकाव कराने की मांग की है।