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रातभर रहा पड़ाव, सुबह टिड्डी दल ने भरी उड़ान

locationकरौलीPublished: Jul 11, 2020 02:49:16 pm

Submitted by:

Anil dattatrey

Overnight stay, locust crew took flight in the morning, Farmer worried, agriculture department carefree किसान चिंतित, कृषि विभाग बेपरवाह

रातभर रहा पड़ाव, सुबह टिड्डी दल ने भरी उड़ान

रातभर रहा पड़ाव, सुबह टिड्डी दल ने भरी उड़ान


हिण्डौनसिटी. उपखंड मुख्यालय समेत आसपास के गावों में हरे वृक्षों पर रातभर पड़ाव डालने के बाद टिड्डी दल ने शुक्रवार सुबह उड़ान भरी। हजारों टिड्डियों के एकसाथ उडऩे से आसमान स्याह काला नजर आने लगा। टिड्डियां कहीं फिर से खेतों में नहीं ठहर जाएं, इस आशंका में किसान पीपा, थाली व अन्य बर्तन बजाने लगे। रात को जिन वृक्षों पर टिड्डियां बैठी थी, सुबह उनकी हरियाली नष्ट हुई दिखाई दी।

जानकारी के अनुसार समीप के खरेटा रोड़, चेता का पुरा, बेड़ा, बनकी, लहचौड़ा, विजयपुरा, ढिंढोरा, पाली, चुरारी, करसौली, बाढ़, जटनंगला समेत आसपास के गावों में गुरुवार रात टिड्डियां हरे वृक्षों पर बैठी रही। सुबह होने पर अलग-अलग समूहों के रूप मेंं टिड्डी दल ने उड़ान भरी। इस दौरान किसान फसल में नुकसान को लेकर चिंतित हो गए। ग्रामीण सुनील, राजेश, पप्पू, साहब सिंह, हरकेश, पूरण, जगमोहन आदि ने बताया कि देहात में लगातार टिड्डी दल के आने किसान खरीफ की फसल को लेकर चिंतित है।
फसल को चट कर गई टिड्डियां-
कोरोना काल में आर्थिक तंगी से जूझ रहे किसानों को टिड्डियों ने परेशानी में डाल दिया है। ग्रामीणों ने बताया कि क्षेत्र के झारेडा, अलीपुरा, ढहरा, बेड़ा, बनकी, भूरीकापुरा, शहदगीकापुरा, बाजना, क्यारदा कला, सूबेदार का पुरा, मंडावरा, बाढ़, करसौली, रीठौली, खेड़ा, जमालपुर, कटकड़ आदि गावों में बारिश के बाद बोई बाजरा, तिलहन, दलहन की फसल को टिड्डियों ने चट कर दिया। किसानों को दोबारा फसल बुवाई का कार्य करने की मजबूरी बनी हुई है।

चट कर गई हरियाली-
ग्रामीणों ने बताया कि लगातार दो दिन तक टिड्डी दल के ठहराव से क्षेत्र में बबूल, छोंकरा, पीपल, गुड़हल, आम व बागवानी फसल, पैठा, लौकी, मिर्ची, बैगन, टमाटर, कद्दू, करेला के पौधों में हरी पत्तियां खराब हो गई। टिड्डियों ने पेड-पौधो से हरियाली को नष्ट कर दिया है। जिससे पर्यावरण संकट गहरा गया है।
टिड्डी नाशक दवा छिडकाव कराने की मांग-
किसानों ने बताया कि जिला प्रशासन व कृषि विभाग टिड्डियों को लेकर गंभीर नहीं है। किसानों ने टिड्डी नाशक दवाई किसानों को निशुल्क उपलब्ध कराने व फसल में छडकाव कराने की मांग की है।
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