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पानी रे पानी…दे गया दर्द भरी कहानी

locationकरौलीPublished: Sep 20, 2019 11:36:02 am

Submitted by:

Dinesh sharma

करौली. गत दिनों कोटा बैराज से जिले की चम्बल नदी में आया उफान किसानों को दर्द दे गया। पानी के दिए जख्मों के निशां देख जहां एक ओर कृषि अधिकारी हैरान है, वहीं किसान भी पानी में बही मेहनत को लेकर आहत हैं।

पानी रे पानी...दे गया दर्द भरी कहानी

पानी रे पानी…दे गया दर्द भरी कहानी

करौली. गत दिनों कोटा बैराज से जिले की चम्बल नदी में आया उफान किसानों को दर्द दे गया। पानी के दिए जख्मों के निशां देख जहां एक ओर कृषि अधिकारी हैरान है, वहीं किसान भी पानी में बही मेहनत को लेकर आहत हैं।
उफनती चम्बल नदी ने इसके किनारे के गांवों के खेतों को अपनी जद में ले लिया और हजारों बीघा भूमि में लहलहाती फसल तबाह हो गई। चम्बल का उफान थमने के बाद कृषि विभाग के फील्ड स्तर से लेकर जिला स्तर तक के अधिकारियों द्वारा फसल नुकसान का आकलन किया जा रहा है।
प्रारंभिक सर्वे में मण्डरायल, करणपुर, सपोटरा इलाके के करीब ढाई दर्जन गांवों की भूमि में फसलों में व्यापक स्तर पर नुकसान माना गया है। कहीं कहीं तो नुकसान की स्थिति शत-प्रतिशत तक पहुंच गई है।
कृषि विभाग की ओर से सभी स्थानों की रिपोर्ट तैयार कर कृषि आयुक्तालय को भेजने की तैयारी की जा रही है।

नुकसान की यह है स्थिति
सूत्रों के अनुसार चम्बल नदी के पानी और इलाके में हुई बारिश से बाजरा, तिल, ग्वार की फसलों में व्यापक नुकसान हुआ है। मण्डरायल इलाके के पांचौली, मल्हापुरा रहुघाट, रांचौली, धांस, मल्हापुरा, निहालपुर, तुरसमपुरा, बर्रेड गांवों की सैंकड़ों हैक्टेयर भूमि में बाजारा, तिल और ग्वार की फसल लहलहा रही थी, लेकिन फसलें पानी में डूब गईं और इन गांवों में इन तीनों ही कृषि जिंसों में 55 फीसदी से लेकर 80 फीसदी तक नुकसान हुआ।
इसी प्रकार गढ़ीकागांव, महाराजपुरा, हसनपुरा, गोटा गांवों में कहीं 20 फीसदी तो कहीं 85 फीसदी तक नुकसान माना गया है। इसी क्रम में टीम ने घुसई, करई, लौहारकी, टोड़ा, सीमारा, कसेड़, अरौरा गांवों में भी नुकसान का जायजा लिया, जहां इन्हीं तीनों फसलों में 20 फीसदी से लेकर 70 फीसदी तक नुकसान आका गया।
पहुंच ही नहीं पाए
चम्बल किनारे बसे कैमकच्छ, टोड़ी और बूडकापुरा गांवों में तो कृषि विभाग की टीम रास्ता अवरुद्ध होने से पहुंच ही नहीं पाई। ऐसे में विभागीय अधिकारियों का मानना है कि इन गांवों में तो लगभग शत-प्रतिशत ही फसल में नुकसान हुआ है।
70 से 80 फीसदी तक नुकसान यहां
टोड़ा, गोटा, मल्हापुरा रहुघाट, रांचौली, मल्हापुरा, निहालपुर आदि गांवों में 70 से लेकर 80 फीसदी तक फसलों में नुकसान हुआ है।

नुकसान का किया है आकलन
चम्बल नदी में आए उफान और बारिश के कारण प्रभावित गांवों में फसलों में हुए नुकसान का आकलन किया गया है। कहीं-कहीं 70 से 80 फीसदी तक फसल खराब हुई है। रिपोर्ट तैयार की जा रही है, जिसे जिला कलक्टर और कृषि आयुक्तालय को भिजवाया जाएगा।
वीडी शर्मा, उपनिदेशक कृषि (विस्तार) करौली

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