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इसमें बताया चिकित्सालय प्रशासन की ओर से अस्पताल में आइसीयू, ऑपरेशन, अटेण्डर आदि के लिए लागू किए गए नए शुल्कों से रोगियों पर भार बढ़ेगा। कहा कि करौली पिछड़ा जिला है। यहां के आम आदमी की आय इतनी नहीं है। ऐसे में आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर पूर्व की भांति ही व्यवस्था की जाए। इस दौरान पीएमओ बीएल मीना ने भाजपाइयों को बताया कि आरएमआरएस में इतना फण्ड नहीं आ पा रहा है, जिससे नए शुल्क लागू करने पड़े हैं। कम फण्ड के कारण संविदाकर्मियों को भुगतान सहित अन्य व्यवस्थाओं के संचालन में परेशानी आती है। आय के स्रोत बढ़ाने के कारण नए शुल्क लागू किए हैं, जो अन्य जगह भी हैं।
इसमें बताया चिकित्सालय प्रशासन की ओर से अस्पताल में आइसीयू, ऑपरेशन, अटेण्डर आदि के लिए लागू किए गए नए शुल्कों से रोगियों पर भार बढ़ेगा। कहा कि करौली पिछड़ा जिला है। यहां के आम आदमी की आय इतनी नहीं है। ऐसे में आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर पूर्व की भांति ही व्यवस्था की जाए। इस दौरान पीएमओ बीएल मीना ने भाजपाइयों को बताया कि आरएमआरएस में इतना फण्ड नहीं आ पा रहा है, जिससे नए शुल्क लागू करने पड़े हैं। कम फण्ड के कारण संविदाकर्मियों को भुगतान सहित अन्य व्यवस्थाओं के संचालन में परेशानी आती है। आय के स्रोत बढ़ाने के कारण नए शुल्क लागू किए हैं, जो अन्य जगह भी हैं।
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गत दिनों जिला कलक्टर नन्नूमल पहाडिया की अध्यक्षता में आरएमआरएस की बैठक में आय के स्रोत बढ़ाने पर चर्चा करते हुए नए शुल्क लागू करने का निर्णय किया था। इसके बाद 1 जून से आइसीयू में भर्ती होने वाले मरीजों से 200 रुपए प्रतिदिन शुल्क लेना शुरू कर दिया, जबकि पहले यह व्यवस्था निशुल्क थी। इसी प्रकार जिला अस्पताल में होने वाले ऑपरेशन में पहले कोई शुल्क नहीं देना पड़ता, लेकिन नए आदेश के बाद बड़े ऑपरेशनों पर 500 रुपए शुल्क लगाया गया है। नए आदेशानुसार शहरी क्षेत्र में किसी निजी कार्य में प्रोटोकॉल के लिए एम्बुलेंस ले जाने पर 5 हजार रुपए एवं शहर से बाहर जाने पर प्रति किलोमीटर पर 10 रुपए अतिरिक्त चार्ज की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा भर्ती मरीज के साथ आने वाले एक परिजन से प्रतिदिन 5 रुपए परिचारक शुल्क लेने तथा अन्य परिजनों से 20 रुपए प्रति व्यक्ति की दर से परिचारक प्रवेश शुल्क लेने का भी निर्णय किया गया है। इससे लोगों में रोष उभरा है।
गत दिनों जिला कलक्टर नन्नूमल पहाडिया की अध्यक्षता में आरएमआरएस की बैठक में आय के स्रोत बढ़ाने पर चर्चा करते हुए नए शुल्क लागू करने का निर्णय किया था। इसके बाद 1 जून से आइसीयू में भर्ती होने वाले मरीजों से 200 रुपए प्रतिदिन शुल्क लेना शुरू कर दिया, जबकि पहले यह व्यवस्था निशुल्क थी। इसी प्रकार जिला अस्पताल में होने वाले ऑपरेशन में पहले कोई शुल्क नहीं देना पड़ता, लेकिन नए आदेश के बाद बड़े ऑपरेशनों पर 500 रुपए शुल्क लगाया गया है। नए आदेशानुसार शहरी क्षेत्र में किसी निजी कार्य में प्रोटोकॉल के लिए एम्बुलेंस ले जाने पर 5 हजार रुपए एवं शहर से बाहर जाने पर प्रति किलोमीटर पर 10 रुपए अतिरिक्त चार्ज की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा भर्ती मरीज के साथ आने वाले एक परिजन से प्रतिदिन 5 रुपए परिचारक शुल्क लेने तथा अन्य परिजनों से 20 रुपए प्रति व्यक्ति की दर से परिचारक प्रवेश शुल्क लेने का भी निर्णय किया गया है। इससे लोगों में रोष उभरा है।
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सर्वसम्मति से किया निर्णय
एमआरएस में फण्ड बढ़ाने के लिए नए शुल्क लागू करने का बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय किया था। एमआरएस में पैसे की कमी है, जिस कारण व्यवस्थाएं बनाए रखने को शुल्क लागू किए हैं, जो अन्य जिलों में भी लागू हैं। — डॉ. बीएल मीना, पीएमओ, सामान्य चिकित्सालय करौली
सर्वसम्मति से किया निर्णय
एमआरएस में फण्ड बढ़ाने के लिए नए शुल्क लागू करने का बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय किया था। एमआरएस में पैसे की कमी है, जिस कारण व्यवस्थाएं बनाए रखने को शुल्क लागू किए हैं, जो अन्य जिलों में भी लागू हैं। — डॉ. बीएल मीना, पीएमओ, सामान्य चिकित्सालय करौली