अप्रेल का महीना खत्म होने वाला है, और सूरज ने कड़े तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। लोग लू के थपेड़ों से बचने के लिए घर के अंदर ज्यादा समय बिताना चाहते हैं, लेकिन यहां भी उनके लिए मुश्किलें कम नहीं हैं। बिजली कटौती या अन्य तकनीकी समस्या के चलते कूलर-एसी शोपीस बनकर रह गए हैं। हालांकि निगम द्वारा तहसील मुख्यालयों व ग्रामीण इलाकों में 15 से 16 घंटे बिजली देने का दावा किया जा रहा है। लेकिन हकीकत में कोयले की कमी के कारण उत्पादन इकाईयों के ठप होने से निगम के पास गर्मी में बिजली कटौती के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। लोड़ सेडिंग कर बिजली की खपत कम करने की वजह से ग्रामीण ही नहीं बल्कि शहरी क्षेत्रों में भी लगातार आपूर्ति गडबड़ाती जा रही है। जिससे भीषण गर्मी में पेयजल किल्लत बढऩे लगी है। गावों में भी पूरे दिनभर ही बिजली गायब रहने लगी है। रात के समय भी लगातार बिजली आपूर्ति नहीं होने से लोगों की नींद ***** हो रही है। बिजली कटौती से कुटीर उद्योग हों या फिर छोटे कारोबारी, सब का रोजगार चौपट होता जा रहा है।
31 प्रतिशत तक बढ़ी डिमांड-
निगम सूत्रों की मानें तो कोयला संकट के कारण पूरे प्रदेश में बिजली आपूर्ति पर बुरा प्रभाव पड़ा है। गर्मी के मौसम में राज्य में बिजली की मांग में करीब 31 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वहीं कोयले की आपूर्ति घट गई है। यही कारण है कि बिजली कटौती में इजाफा हो रहा है। जिससे लोगों की परेशानी बढ़ रही है। बिजली उत्पादन के लिए राज्य में प्रतिदिन 27 रैक कोयला की जरूरत होती है, जबकि इन दिनों 18 से 20 रैक ही मिल पा रहे हैं।
निगम सूत्रों की मानें तो कोयला संकट के कारण पूरे प्रदेश में बिजली आपूर्ति पर बुरा प्रभाव पड़ा है। गर्मी के मौसम में राज्य में बिजली की मांग में करीब 31 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वहीं कोयले की आपूर्ति घट गई है। यही कारण है कि बिजली कटौती में इजाफा हो रहा है। जिससे लोगों की परेशानी बढ़ रही है। बिजली उत्पादन के लिए राज्य में प्रतिदिन 27 रैक कोयला की जरूरत होती है, जबकि इन दिनों 18 से 20 रैक ही मिल पा रहे हैं।
आगे भी जारी रह सकती है कटौती
भीषण गर्मी का यह दौर मई-जून तक जारी रहेगा। ऐसे में यह मानकर चलना चाहिए कि बिजली कटौती का खेल आगामी दो माह तक जारी रहेगा। इसके बाद भी गर्मी रंग दिखाएगी तो कटौती को आगे भी जारी रखा जा सकता है। इसमें ग्रामीण इलाकों को ज्यादा परेशानी का सामना करना होगा। क्योंकि 5-6 घंटे बिजली कटौती की बात करने वाले निगम के जिम्मेदार अभियंता ग्रामीण इलाकों में मनमर्जी से 15 से 16 घंटे तक कटौती करते हैं। और जानकारी मांगने पर कहा जाता है कि फाल्ट के चलते बिजली बंद हुई है। (पत्रिका संवाददाता)
भीषण गर्मी का यह दौर मई-जून तक जारी रहेगा। ऐसे में यह मानकर चलना चाहिए कि बिजली कटौती का खेल आगामी दो माह तक जारी रहेगा। इसके बाद भी गर्मी रंग दिखाएगी तो कटौती को आगे भी जारी रखा जा सकता है। इसमें ग्रामीण इलाकों को ज्यादा परेशानी का सामना करना होगा। क्योंकि 5-6 घंटे बिजली कटौती की बात करने वाले निगम के जिम्मेदार अभियंता ग्रामीण इलाकों में मनमर्जी से 15 से 16 घंटे तक कटौती करते हैं। और जानकारी मांगने पर कहा जाता है कि फाल्ट के चलते बिजली बंद हुई है। (पत्रिका संवाददाता)
इनका कहना है-
जिले में शहरी व ग्रामीण इलाकों में लोड सेडिंग के लिए आवश्यकतानुसार बिजली कटौती की जा रही है। उत्पादन इकाइयों में कोयले की कमी के कारण बिजली की आपूर्ति गडबडाई है। सुधार होते ही उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली आपूर्ति कर राहत प्रदान की जाएगी।
-आरसी शर्मा, अधीक्षण अभियंता, विद्युत निगम, करौली।
जिले में शहरी व ग्रामीण इलाकों में लोड सेडिंग के लिए आवश्यकतानुसार बिजली कटौती की जा रही है। उत्पादन इकाइयों में कोयले की कमी के कारण बिजली की आपूर्ति गडबडाई है। सुधार होते ही उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली आपूर्ति कर राहत प्रदान की जाएगी।
-आरसी शर्मा, अधीक्षण अभियंता, विद्युत निगम, करौली।
फेक्ट फाईल
जिले में करौली और हिण्डौन डिवीजन हैं जेवीवीएनएल के।
जिले में 10 सब डिवीजन हैं करौली जिले में।
जिले में कुल 2 लाख 56 हजार 423 बिजली उपभोक्ता हैं।
जिले में कुल 806 लाख यूनिट बिजली की खपत होती है प्रतिदिन।
जिले में करौली और हिण्डौन डिवीजन हैं जेवीवीएनएल के।
जिले में 10 सब डिवीजन हैं करौली जिले में।
जिले में कुल 2 लाख 56 हजार 423 बिजली उपभोक्ता हैं।
जिले में कुल 806 लाख यूनिट बिजली की खपत होती है प्रतिदिन।