जोरदार धमाके की आवाज से लोगों में भगदड़ मच गई। अनहोनी की आशंका में लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर छिप गए। ग्रामीणों ने झुलसे हुए लोगों को राजकीय चिकित्सालय में भर्ती कराया। जहां से दो जनों को जयपुर रेफर कर दिया।
ड्यूटी चिकित्सक जेपी मीणा ने बताया कि धाधरैन गांव में ग्रामीणों की ओर से एक दिवसीय कन्हैया दंगल का आयोजन किया गया था। दोपहर करीब 12 बजे पद दंगल की उद्घोषणा के लिए आयोजन स्थल के समीप ही तोप चलाने के लिए बारूद भरा जा रहा था। कई लोग सरिया की सहायता से बारूद को तोप के मुंहाने में ठूंस-ठूंस कर भरने में लगे हुए थे।
इसी बीच अधिक तापमान के साथ सरिया व बारूद में लगातार घर्षण होने से बारूद फट गया। इससे बारूद भर रहे धाधरैन गांव निवासी वीनू, सतेन्द्र, उमराव सिंह, पिन्टू, मुनीमसिंह व मूल्या मीणा झुलस गए। इतना ही नहीं झुलसे हुए लोग तेज धमाके के साथ आग की लपटों से दूर जाकर गिरे।
अचानक हुए घटनाक्रम से दंगल में कीर्तन करने आए गायक व श्रोताओं में अफरा तफरी मच गई। बाद में घायलों को चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। धार्मिक कार्यक्रम में हुए हादसे की खबर मिलते ही आसपास के सैंकड़ों लोग भी चिकित्सालय पहुंच गए।
चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद गंभीर रूप से झुलसे उमराव व पिन्टू को जयपुर रेफर कर दिया। सूचना पर बयाना थानाप्रभारी खलील अहमद मय जाप्ता के मौके पर पहुंच गए। उन्होंने बताया कि गांव के बीचोंबीच हो रहे दंगल के आयोजन के दौरान तोप में बारूद भरते समय यह हादसा हुआ है। आयोजन से जुड़े लोगों से पूछताछ की जा रही है।