रोडवेज श्रमिक संगठन एटक की स्थानीय शाखा के सचिव सत्यवीर डागुर व आरएसआटीसी रिटायरमेंट एम्प्लाइज एसोसिएशन के सचिव पूरण चंद शर्मा ने बताया कि राज्य सरकार के बजट से रोडवेज कर्मियों को आधारभूत ढांचे में मजबूती की आस थी। लेकिन बजट में न तो नई बसें खरीदने का प्रावधान किया और न ही आथिक संबल देने की घोषणा की गई।
वहीं भाजपा सरकार के समय से चल रहे 45 करोड़ रुपए के आर्थिक अनुदान के प्रस्ताव को भी बजट में शामिल नहीं किया है। इससे राजस्थान रोडवेज के श्रमिक संगठनों का संयुक्त मोर्चा के बैनर तले एटक, इंटक, सीटू, एसोसिएशन, बीजेएमएस व कल्याण समिति फिर से आंदोलन की तैयारी में जुट गए हैं। रोडवेज श्रमिक संगठनों के नेताओं का कहना है कि संशोधित प्रावधानों में रोडवेज को शामिल नहीं किया तो जल्द ही आंदोलन खड़ा किया जाएगा।
विपक्ष मेंं रह किए वादे भूले-
एटक के सचिव सत्यवीरसिंह डागुर ने बताया कि भाजपा सरकार के दौरान रोडवेज कर्मियों ने वर्ष २०१८ मेंं जुलाई माह में 5 दिन व सितम्बर-अक्टूबर माह में 20 दिन की चक्काजाम हड़ताल की थी। उस दौरान कांग्रेस के नेताओं ने सिंधी कैम्प धरना स्थल पर पहुंंच रोडवेजकर्मियों को सत्ता में आने पर रोडवेज की दशा सुधारने के भरोसा दिलाया था। सत्ता में आने पर कांग्रेस सरकार ने चुनावी घोषणा पत्र में शामिल नई बसें खरीदने व आर्थिक संबल देना तो दूर पहले बजट से रोडवेज का नाम ही गायब कर दिया।