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कोरोना वैक्सीन के प्रति बढ़ा रुझान – पहले कार्मिक करते थे इंतजार, अब लोगों को लग रही कतार

locationकरौलीPublished: May 12, 2021 08:10:28 pm

Submitted by:

Surendra

कोरोना वैक्सीन के प्रति बढ़ा रुझान
पहले कार्मिक करते थे इंतजार, अब लोगों को लग रही कतार
भरपूर प्रचार पर भी नही आ रहे थे लोग, अब कराने लगे सिफारिश
करौली। इसे चाहें महामारी का खौफ मानें या कोरोना वैक्सीनेशन के प्रति यकायक बढ़ी जागरूकता कि कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन लगवाने के लिए अब लोग खुद चलकर आ रहे हैं। कुछ दिन पहले स्थिति यह थी कि कार्मिक टीका लगवाने आने वालों का इंतजार करते रहते थे। कुछ दिनों से हालत ऐसी बदली है कि वैक्सीन लगवाने को टीका केन्द्रों पर कतार नजर आने लगी है।

कोरोना वैक्सीन के प्रति बढ़ा रुझान - पहले कार्मिक करते थे इंतजार, अब लोगों को लग रही कतार

कोरोना वैक्सीन के प्रति बढ़ा रुझान – पहले कार्मिक करते थे इंतजार, अब लोगों को लग रही कतार

कोरोना वैक्सीन के प्रति बढ़ा रुझान

पहले कार्मिक करते थे इंतजार, अब लोगों को लग रही कतार


भरपूर प्रचार पर भी नही आ रहे थे लोग,
अब कराने लगे सिफारिश

करौली। इसे चाहें महामारी का खौफ मानें या कोरोना वैक्सीनेशन के प्रति यकायक बढ़ी जागरूकता कि कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन लगवाने के लिए अब लोग खुद चलकर आ रहे हैं। कुछ दिन पहले की स्थिति यह थी कि वैक्सीनेशन केन्द्रों पर कार्मिक टीका लगवाने आने वालों का इंतजार करते रहते थे। कुछ दिनों से हालत ऐसी बदली है कि वैक्सीन लगवाने को टीकाकरण केन्द्रों पर कतार लगी नजर आने लगी है।
फं्रट लाइन के कार्मिकों के बाद लगभग तीन माह पहले से आमजन के लिए कोरोना वैक्सीन लगाई जाने लगी थी। प्रशासन की ओर से वैक्सीन को लेकर भरपूर प्रचार किए जाने के बाद भी लोग वैक्सीन लगवाने को आगे नहीं आ रहे थे। इस पर अलग अलग वार्ड क्षेत्रों में भी वैक्सीन शिविर लगवाए गए लेकिन फिर भी लोगों में इसके प्रति जागरूकता की कमी बनी रही। वैक्सीनेशन को लेकर प्रति दिन का लक्ष्य निर्धारित करते हुए प्रयास किए जाते रहे हैं। फिर भी अब तक उपलब्धियों को लेकर प्रशासन संतुष्ट नहीं रहा है।
आंकड़ों के आधार पर देखें तो जिले में 31 मार्च को 12.74 प्रतिशत तथा 1 अप्रेल को 24 प्रतिशत लोगों ने ही निर्धारित लक्ष्य के मुकाबले में वैक्सीन लगवाई थी।
एक सप्ताह पहले तक भी स्थिति में बदलाव नहीं दिख रहा था। हालत यह थी कि करौली शहर के बीच बापू विद्यालय में भी टीके के लिए शिविर आयोजित किए जाने पर दिनभर में 50 लोग भी टीके लगवाने को नहीं पहुंचे थे। बेहतर रेस्पांस नहीं आने पर प्रशासन ने दो दिन बाद यहां पर टीकाकरण बंद कर डाला था। चिकित्सा विभाग के आंकड़ों के अनुसार 30 अप्रेल को 13.77 तथा 1 मई को 12.68 प्रतिशत लोग ही निर्धारित लक्ष्य के मुकाबले में वैक्सीन लगवाने के टीकाकरण केन्द्रों पर पहुंचे।
टीकाकरण के प्रति लोगों में जागरूकता की कमी को लेकर प्रशासन व चिकित्सा अधिकारी हैरत भी करते रहे।
लेकिन अब कोरोना संक्रमण की भयावहता के मामले बढऩे के साथ ही तीन-चार दिनों से यह स्थिति बदल गई है। अब वैक्सीन लगवाने के लिए कतार में इंतजार करने तक की नौबत आने लगी है। इतना ही लोग वैक्सीन के लिए सिफारिश तक कराने लगे हैं। टीकाकरण के ताजा आंकड़ों के अनुसार 10 मई को 65 प्रतिशत तथा 11 मई को 83 प्रतिशत तक वैक्सीनेशन विभाग के तय लक्ष्य के मुकाबले में किया गया।
जानकारों का मानना है कि वैक्सीनेशन के सकारात्मक प्रभाव और बढ़ते कोरोना संक्रमण के खतरे की खबरों के प्रचारित होने के बाद यह बदलाव आया है। अब कुछ दिनों से तो हालत यह हो गई है कि वैक्सीनेशन के लिए सिफारिशें कराई जाने लगी हैं।
अब सुखद संकेत

बीते तीन माह से हमने काफी प्रचार करके अधिक से अधिक टीकाकरण के लिए प्रयास किए। करौली में इसके परिणाम भी अन्य स्थानों के मुकाबले में बेहतर रहे लेकिन फिर भी बीते दिनों में टीका लगवाने के प्रति लोगों में जागरूकता की कमी नजर आई। अब कुछ दिनों से लोगों का वैक्सीन के प्रति रुझान बढऩा अच्छा संकेत है। इस महामारी में वैक्सीन से ही बचाव संभव है।
देवेन्द्र सिंह परमार, उपखण्ड अधिकारी, करौली।

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