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सुरक्षा हो रही गौण, जिम्मेदार मौन, अवैध रिफलिंग बन ना जाए आफत

locationकरौलीPublished: Mar 28, 2019 05:30:35 pm

Submitted by:

Dinesh sharma

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सुरक्षा हो रही गौण, जिम्मेदार मौन, अवैध रिफलिंग बन ना जाए आफत

करौली. जिला मुख्यालय के विभिन्न इलाकों में खतरे का साया मंडरा रहा है। आर्थिक स्वार्थ की खातिर ऑटो चालक/संचालक और कई दुकानदार रसोई गैस की अवैध रिफलिंग कर खतरे से खेल रहे हैं। खतरे से बेपरवाह होकर खुले आम की जा रही अवैध रिफलिंग कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकती है। विडंबना यह है कि जिम्मेदार अधिकारी इससे बेखबर हैं।
अधिकारियों द्वारा जांच-पड़ताल की जहमत नहीं उठाने के चलते नियमों की भी धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। शहर में एक नहीं अनेक स्थानों पर ऑटो चालक ऑटों में रसोई गैस सिलेण्डर से गैस भरते नजर आते हैं। बजीरपुर गेट बाहर, ट्रक यूनियन, होली खिड़किया, ढोलीखार, शिकारगंज सहित अन्य इलाकों में ऑटो चालक ऑटो में पाइप लगाकर रसोई गैस सिलेण्डर से गैस भरते हैं। इससे खतरा बना रहता है।

खतरे से अनजान

नियमों की धज्जियां उड़ें चाहे हादसे की आशंका बनी रहे। इस सबसे ऑटों संचालकों को कोई सरोकार नहीं है। उनका तो बस एक ही ध्येय है, कैसे कम खर्च में अधिक मुनाफा कमाया जाए। सूत्र बताते हैं कि पेट्रोल महंगा पडऩे के कारण आर्थिक फायदे की खातिर चालक उसमें रसोई गैस का उपयोग करते हैं, जो पेट्रोल के मुकाबले सस्ती पड़ती है। लेकिन वे इसको खतरे से अनजान हैं।

नहीं होती जांच-पड़ताल

जिला मुख्यालय पर सरपट ऑटो दौड़ा रहे अनेक चालक विभाग को भी गुमराह कर रहे हैं। जिम्मेदार विभाग भी अपनी जिम्मेदारी के प्रति मुंह मोड़े हुए हैं, जिन्होंने कभी नियमों की पालना के लिए सख्ती नहीं बरती। जिला मुख्यालय पर एकाध नहीं बल्कि सैकड़ों की संख्या में ऐसे ऑटो संचालित हैं, जिन्होंने परिवहन विभाग से पेट्रोल के साथ एलपीजी गैस से ऑटो संचालन का पंजीयन कराया हुआ है। इनमें से अधिकांश ऑटो रसोई गैस सिलेण्डर से दौड़ रहे हैं। लेकिन ना रसद विभाग कार्रवाई कर रहा और ना ही पुलिस इनकी जांच-पड़ताल करती है।

जानकारी नहीं है
रसाई गैस से अवैध रिफलिंग करना तो अपराध है। हमें इसकी जानकारी नहीं है। ऐसा ध्यान में आने पर कार्रवाई की जाएगी।
सुभाष चौधरी, जिला रसद अधिकारी, करौली

सिलेण्डर फटने की खबर से मच गई अफरा-तफरी
करौली. यहां की तांबे की टोरी में सिलेण्डर फटने से लोगों के घायल होने की सूचना पर पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों में हडकम्प मच गया। अस्पताल में सब सर्तक हो गए। सम्बंधित अधिकारी-कार्मिकों में भाग-दौड़ मच गई। स्वयं जिला कलक्टर, जिला पुलिस अधीक्षक सहित अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। ऐसा हुआ जिला प्रशासन की ओर से किए गए डेमों के दौरान। जिला प्रशासन ने आपातकालीन व्यवस्थाएं जांचने के लिए बुधवार सुबह डेमो किया। इसके तहत तांबे की टोरी में सिलेण्डर में आग लगने की सूचना प्रसारित की गई। पुलिस के नियंत्रण कक्ष से सूचना मिलते ही नगरपरिषद की छोटी दमकल मौके पर पहुंची। जिला कलक्टर नन्नूमल पहाडिय़ा, जिला पुलिस अधीक्षक प्रीति चंद्रा, एडीएम सुरेश कुमार व उपखण्ड अधिकारी मुनिदेव सिंह यादव जाप्ते के साथ मौके पर पहुंच गए। कलक्टर ने दमकलकर्मियों के सबसे पहले पहुंचने पर सराहना की।
अस्पताल में मची अफरा-तफरी: डेमो के दौरान आग की सूचना पर राजकीय सामान्य अस्पताल में अफरा-तफरी का माहौल हो गया।
अस्पताल प्रबंधन ने आउटडोर की भीड़ को नियंत्रित किया तथा एम्बुलेंस के रास्ते को खाली कराया। वार्डों में पलंग की अतिरिक्त व्यवस्था की गई। प्रमुख चिकित्सा अधिकारी ने चिकित्सकों को अलर्ट कर दिया। इधर जिला कलक्टर नन्नूमल पहाडिय़ा ने बताया कि आपातकालीन व्यवस्थाओं को जांचने के लिए डेमो किया गया। उन्होंने बताया कि सभी व्यवस्थाएं बेहतर पाई गई। व्यवस्थाओं को और बेहतर तरीके से जांचने के लिए जल्द ही अधिकारियों की बैठक होगी।

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