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बारिश आई हिरणों के लिए मौत का पैगाम लाई

locationकरौलीPublished: Jul 06, 2019 11:02:58 pm

Submitted by:

Anil dattatrey

Rain brings death to deer .Three deer deaths in attack of dogs kill one Injured.Villagers performed protest, demand for protection.श्वानों के हमले में तीन हरिणों की मौत एक घायल-ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, सुरक्षा की मांग

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बारिश आई हिरणों के लिए मौत का पैगाम लाई

पटोंदा.हिण्डौनसिटी.
समीप के इरनिया विनेगा हरिण विचरण क्षेत्र में बारिश का दौर शुरू होते ही हरिणों पर श्वानों के हमले शुरू हो गए हंै। शनिवार सुबह विचरण क्षेत्र में अलग अलग स्थानों पर हुए श्वानों के हमले में तीन हरिणों की मौत हो गई। वहीं एक हरिण गंभीर घायल हो गया।
जानकारी के अनुसार खेड़ीशीश में लम्बे सींगों वालेे हरिण सहित इरनिया गांव के राजीव गांधी सेवा केंद्र, बिनेगा गांव व पटोंदा गांव के रेलवे ओवर ब्रिज के पास स्वच्छंद विचरण कर रहे चार हरिणों श्वानों ने हमला कर दिया। इससे तीन हरिणों की मौंके पर मौत हो गई, जबकि एक गंभीर घायल हो गया। सूचना पर पहुंचे वनकर्मी तीन मृत व एक घायल हरिण को शांतिवीर नगर स्थित वनपाल नाका पर लेकर आए। जहां पशुधन चिकित्सक विनय कुमार मंगल ने मृत हरिणों का पोस्टमार्टम तथा घायल का उपचार किया। मृत हरिणों को नर्सरी परिसर मे दफना दिया गया। घायल हरिण का नर्सरी में रख वनकर्मियों की देखरेख में उपाचार किया जा रहा है। इस दौरान वनपाल विमल शर्मा, सहायक वनपाल, जीवनराम, वनरक्षक सिकन्दर सिंह, रामवीर, भजन लाल, आदि मोके पर मौजूद थे।
ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन-
हरिण विचरण क्षेत्र इरनिया विनेगा में सैकड़ों की संख्या में काले भूरे व लंबे सींगों वाले हरिण विचरण करते हैं, लेकिन बारिश का दौर शुरू होने पर भी वन विभाग ने विचरण क्षेत्र में वनकर्मी तैनात नहीं किए हैं। बारिश में शनिवार को श्वान हमले में चार हरिन जख्मी कर दिए गुस्साए ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत सरपंच इरनिया की मनोजदेवी के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन किया। वन एवम वन्यजीव समिति अध्यक्ष कमलराम मीना, महेश मीना, नरेंद्र, राजू पटेल व रामनिवास ने बताया कि हरिणों पर सुबह व शाम के समय श्वान हमला करते हैं। इस समय क्षेत्र में वनकर्मियों के मौजूद नहीं रहने पर ग्रामीण ही सुरक्षा करते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि हरिणों पर हमले की सूचना पर वनकर्मी मौके पर पहुंचते हैं। ग्रामीणों ने बारिश के मौसम में हरिणों की सुरक्षा के लिए वनकर्मियों की संख्या बढ़ाने की मांग की है।

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