88एमएम बारिश से चरमराई परिषद की व्यवस्थाएं
करौलीPublished: Jul 22, 2018 08:30:49 pm
नगरपरिषद व आपदा प्रबंधन की व्यवस्थाएं एक बार चरमरा गई।
88एमएम बारिश से चरमराई परिषद की व्यवस्थाएं
करौली. स्थानीय जिला मुख्यालय पर ८८ एमएम बारिश होने से रविवार को नगरपरिषद व आपदा प्रबंधन की व्यवस्थाएं एक बार चरमरा गई। जिससे बारिश का पानी घरों में घुसने से लोगों का जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया। इस दौरान जिले की जीवनधारा पांचना बांध में २३० एमसीएफटी पानी की आवक हुई। करौली सहित डांग क्षेत्र में शनिवार रात जोरदार बारिश हुई।, बारिश का पानी तीन दरवाजा पुल से लेकर मेंडकी , हाथीघटा तक के रास्तों पर जमा हो गया। वीरहनुमान मंदिर के पास चार-चार फुट पानी एकत्र हो गया। पानी हाथीघटा के रास्ते की तरफ नहीं बढ़ सका। इस कारण वीरहनुमान मंदिर वाला रास्ता बंद हो गया, आस-पास के लोगों के घरों में पानी घुस गया। अनेक लोगों को रात छत पर गुजारनी पड़ी। सुबह के समय नगर परिषद के आयुक्त विजय प्रताप सिंह, सभापति के निजी सहायक भूपराम शर्मा जेसीबी लेकर पहुंचे, जेसीबी से दो घंटे तक पानी के रास्तों को साफ किया गया। इसके बाद रास्ता चालू हो सका। इसी प्रकार स्टेडियम के पीछे विवेक विहार कॉलोनी के नाले में बारिश का भारी पानी जमा हो गया। जिससे आस-पास के मकानों में दरार आ गई। एक जने का मकान में पानी पूरी तरह घुस गया। मकान मालिक को दूसरे के घर में रात में रहना पड़ा। शिव कॉलोनी, इंदिरा, राजपूत, मीना कॉलोनी, ढोली खार तथा हाइवे के सामने की कॉलोनियों में बारिश का पानी घुसने की शिकायत सामने आई। राजीव गांधी खेल संकुल तथा कलक्टर कार्यालय के आवास की चारदीवारी टूट गई।
नाले-नाली जाम
बारिश से पहले नगरपरिषद ने शहर के सभी नाले तथा नालियों की सफाई कराने का दावा किया। लेकिन बारिश के समय यह दावा इस बार भी फेल नजर आया। रामद्वारे से लेकर वीर हनुमान मंदिर तक के रास्ते में गंदगी जमा होने से पानी रास्ते पर जमा हो गया। भाजपा के सुमित गर्ग ने बताया कि मामूली बारिश में ही पानी घरों में घुस जाता है। इसी प्रकार विवेक विहार कॉलोनी के निवासी मुकेश सारस्वत ने बताया कि नगरपरिषद को दर्जनों बार शिकायत करने के बाद भी पानी निकासी के प्रबंध नहीं किए गए हैं। इस कारण बारिश का घरों के सामने जमा होने से लोग घरों से निकल नहीं सके। उनके मोहल्ले के अनेक घरों में पानी घुस गया। लोगों को दूसरे के घरों में शरण लेनी पड़ी। घरों के सामने रखे वाहन भी पानी में डूब गए। इसके बाद नगरपरिषद पानी निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं कर रही है।
बिजली-पानी का संकट
बारिश के दौरान शहर में बिजली-पानी का संकट खड़ा हो गया। दिन में एक दर्जन बार लाइट की ट्रिपिंग हुई, जिससे लोग गर्मी से अकुला गए। बिजली निगम के अभियंताओं को समक्ष शिकायत दर्ज कराने के बाद भी बिजली संकट से बारिश के समय निजात नहीं मिल रही है। बारिश के समय बिजली निगम की व्यवस्था लगभग चरमराने से उपभोक्ता आहत है। इधर बिजली व्यवस्थाएं बाधित होने से पेयजल संकट खड़ा हो गया। शहर में अनेक दिनों से पानी की आपूर्ति बाधित चल रही है।