सूत्रों के अनुसार ग्राम पंचायतों द्वारा सरकार के करोड़ों रुपए खर्च कर गांवों में मनरेगा योजना के तहत तलाई खुदाई कार्य कराया जाता है। पोखर व तालाबों की खुदाई के बाद पंचायत प्रशासन न इनकी पालों को लेकर गंभीर रहता है, न ही इनके इर्द गिर्द चेतावनी बोर्ड लगाता है। इससे बारिश के दिनों में पोखर-तालाब पानी से लबालब हो जाते हैं। विशेष बात यह है कि अधिकांश तालाब आबादी क्षेत्रों के समीप ही होते हैं। जिससे गावों में रोजमर्रा के उपयोग का पानी भी उसमें संग्रहित होता है।
वैसे तो पूरे सालभर ही इन तालाबों में जलभराव रहता है, लेकिन बारिश के सीजन में तो ये ओवरफ्लो हो जाते हैं। ऐसे में जलभराव की क्षमता की जानकारी के अभाव में लोगों के पानी में डूबने की अनहोनी घटनाएं घटित हो रही हैं।
पुलिस व चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार १५ दिन मेंं ही जिलेभर में हुई चार घटनाओं में एक महिला व आठ मासूम बालकों की अकाल मृत्यु हो चुकी है। लेकिन ग्राम पंचायतों के अलावा पंचायत समिति व उपखंड प्रशासन के अधिकारी इसको लेकर गंभीर नहीं हैं। स्थिति यह है कि जिलेभर में पानी से भरे तालाब और पोखरों में नहाने आए लोगों की सजगता के लिए चेतावनी बोर्ड के अलावा जलभराव क्षमता के बोर्ड नहीं लगे हैं।
यहां हुई डूबने से मौत की घटनाएं
आधे जुलाई से शुरू हुआ हादसों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। सूत्रों के अनुसार १५ जुलाई को नादौती के भीलापाड़ा में फॉर्म पौण्ड में नहाते समय गहरे पानी में डूबने से तीन बच्चों की मौत हो गई थी। इसके बाद १८ जुलाई को टोडाभीम के नांगलशेरपुर गांव में १३२ केवी जीएसएस के पास तालाब में तीन बच्चे डूब गए। जिनमें से एक बालक की मृत्यु हो गई थी। इतना ही नहीं २५ जुलाई को हिण्डौन सदर थाना क्षेत्र के पोछडी गांव के नाले में खेत से लौट रही एक महिला बह गई। उसका शव दो किलोमीटर दूर मिला। हादसों का सिलसिला यहीं नहीं थमा, माह की अंतिम दिन ३१ जुलाई को एकोराशी गांव में पोखर में नहाने गए चार बच्चों की पानी में डूबने से मृत्यु हो गई।
यहां हुई डूबने से मौत की घटनाएं
आधे जुलाई से शुरू हुआ हादसों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। सूत्रों के अनुसार १५ जुलाई को नादौती के भीलापाड़ा में फॉर्म पौण्ड में नहाते समय गहरे पानी में डूबने से तीन बच्चों की मौत हो गई थी। इसके बाद १८ जुलाई को टोडाभीम के नांगलशेरपुर गांव में १३२ केवी जीएसएस के पास तालाब में तीन बच्चे डूब गए। जिनमें से एक बालक की मृत्यु हो गई थी। इतना ही नहीं २५ जुलाई को हिण्डौन सदर थाना क्षेत्र के पोछडी गांव के नाले में खेत से लौट रही एक महिला बह गई। उसका शव दो किलोमीटर दूर मिला। हादसों का सिलसिला यहीं नहीं थमा, माह की अंतिम दिन ३१ जुलाई को एकोराशी गांव में पोखर में नहाने गए चार बच्चों की पानी में डूबने से मृत्यु हो गई।
नोटिस जारी कर लगवाएंगे बोर्ड
१५ दिन में हुए चार हादसों में पानी में डूबने के कारण हुई नौ जनों की मौतों का मामला गंभीर है। पोखर व तालाबों के आसपास जलभराव क्षमता व चेतावनी बोर्ड लगवाने के लिए पंचायत समिति व जलसंसाधन विभाग को नोटिस जारी किए जाएंगे।
– डॉ. दुलीचंद मीणा, एसडीओ हिण्डौनसिटी।
१५ दिन में हुए चार हादसों में पानी में डूबने के कारण हुई नौ जनों की मौतों का मामला गंभीर है। पोखर व तालाबों के आसपास जलभराव क्षमता व चेतावनी बोर्ड लगवाने के लिए पंचायत समिति व जलसंसाधन विभाग को नोटिस जारी किए जाएंगे।
– डॉ. दुलीचंद मीणा, एसडीओ हिण्डौनसिटी।