इस बार परिंदों को मिलेगा पांचना का पानी
केवलादेव राष्ट्रीय पक्षी उद्यान में कुल 350 प्रजाति से अधिक प्रजाति के पक्षी प्रवास पर आते हैं। इनमें से करीब 120 प्रजाति के विदेशी पक्षी यहां प्रवास करने सर्दियों के सीजन में अते हैं। इसके अलावा करीब 80 से अधिक प्रजाति के अन्य विदेशी पक्षी भी यहां विश्राम के लिए ठहरते हैं। हर वर्ष करीब 200 से अधिक प्रजाति के विदेशी पक्षी यहां सर्दी का मौसम बिताते हैं। देश के कोने-कोने से स्थानीय प्रजाति के करीब 150 प्रजाति के पक्षी यहां देखे जाते हैं। इन पक्षियों को निहारने के लिए बड़ी संख्या में देशी-विदेशी सैलानी यहां पहुंचते हैं, लेकिन पिछले दो दशक से ज्यादा समय से यहां पांचना का पानी नहीं मिल रहा था। इससे घना में परिंदों की संख्या पर भी विपरीत असर पड़ रहा है। अब अच्छी बारिश के बाद घना को पानी मिलने की संभावना बन गई हैं। ऐसे में यहां इस बार परिंदों को प्राकृतिक पानी के साथ अच्छा भोजन भी सहज रूप से मिल सकेगा। यह भी पढ़ें – विदेश से MBBS करने वालों छात्रों के लिए बड़ी खबर, भारतीय दूतावास ने जारी नई एडवाइजरी 20 हजार क्यूसेक पानी की निकासी
करौली में भारी बारिश से चलते
पांचना बांध का जलस्तर शनिवार को बढ़ गया। वैसे तो बांध के तीन गेट खोलकर पिछले तीन दिन से गंभीर नदी में 4 हजार क्यूसेक पानी निकासी की जा रही थी, लेकिन शनिवार को पानी की जबरदस्त आवक हुई। इसके चलते जल संसाधन विभाग को पहले तो तीन गेटों को दो फीट तक खोलकर 8 हजार क्यूसेक पानी की निकासी करनी पड़ी, लेकिन इसके बाद भी पानी की आवक बढ़ती गई तो दो और गेट खोलकर कुल पांच गेटों से पानी निकासी 16 हजार क्यूसेक तक करनी पड़ी। इसके बाद तीसरे पहर बांध में पानी की आवक और बढ़ गई। ऐसे में 25 हजार क्यूसेक पानी की आवक होने लगी और गेज भी लगातार बढ़ता गया। इस पर पांच गेटों से कुल 20 हजार क्यूसेक पानी निकालना पड़ रहा।
रविवार सुबह सेवला तक आ जाएगा पानी – डीएफओ मानस सिंह
घना के डीएफओ मानस सिंह ने बताया कि बांध से छोड़ा गया पानी रविवार सुबह तक सेवला पहुंच जाएगा। सिंह ने बताया कि वर्ष 2021-22 में भी यहां पानी आया था, लेकिन इतनी मात्रा में पानी लंबे समय बाद यहां आ रहा है। पांचना के पानी से घना का यह सीजन शानदार बीतने की संभावना है। इसके अलावा इस पानी से घना रिचार्ज भी हो जाएगा। इसका सकारात्मक असर पेड़-पौधों के अलावा अन्य जगह भी होगा। पांचना के पानी में पर्याप्त मात्रा में भोजन भी पक्षियों के लिए आ सकेगा। करौली में अच्छी बारिश से बांध का पानी यहां पहुंच रहा है। वहीं भरतपुर में अच्छी बारिश से यहां के वेटलेंड पूरी तरह से लबालब हो गए हैं।