सामान्य श्रेणी के डिब्बे बढ़ाए
रेल में यदि कोचों की संख्या बढ़ाई जाती है तो उसी अनुपात में सामान्य श्रेणी के डिब्बे भी बढ़ाए जाने चाहिए। इससे सामान्य श्रेणी में यात्रा करने वाले लोगों को इसका लाभ मिल सकेगा।
– डॉ. गोविन्द प्रसाद गुप्ता, प्राचार्य राजकीय कन्या महाविद्यालय करौली
रेल में यदि कोचों की संख्या बढ़ाई जाती है तो उसी अनुपात में सामान्य श्रेणी के डिब्बे भी बढ़ाए जाने चाहिए। इससे सामान्य श्रेणी में यात्रा करने वाले लोगों को इसका लाभ मिल सकेगा।
– डॉ. गोविन्द प्रसाद गुप्ता, प्राचार्य राजकीय कन्या महाविद्यालय करौली
आयकर में मिले छूट
सेवारत, पेशेवर तथा वेतनभोगी महिलाओं का जीवन स्तर पद के अनुरूप बनाए रखने के लिए आयकर प्रावधान में छूट दी जाए। इसके अलावा महंगाई पर भी अंकुश लगाना होगा।
– डॉ. मंजू शर्मा, व्याख्याता राजकीय कन्या महाविद्यालय करौली
सेवारत, पेशेवर तथा वेतनभोगी महिलाओं का जीवन स्तर पद के अनुरूप बनाए रखने के लिए आयकर प्रावधान में छूट दी जाए। इसके अलावा महंगाई पर भी अंकुश लगाना होगा।
– डॉ. मंजू शर्मा, व्याख्याता राजकीय कन्या महाविद्यालय करौली
शिक्षा में निर्धन तबके का रखे ध्यान
आम बजट में शिक्षा से संबंधित सामग्री सस्ती होने की उम्मीद है। निजी स्कूल व महाविद्यालयों पर अंकुश लगाना होगा। इसके अलावा क्वालिटी आधारित शिक्षा के लिए अधिक बजट मिलने से निर्धन तबके के विद्यार्थियों को फायदा होगा।
मुनेश मीना, व्याख्याता पीजी कॉलेज करौली
आम बजट में शिक्षा से संबंधित सामग्री सस्ती होने की उम्मीद है। निजी स्कूल व महाविद्यालयों पर अंकुश लगाना होगा। इसके अलावा क्वालिटी आधारित शिक्षा के लिए अधिक बजट मिलने से निर्धन तबके के विद्यार्थियों को फायदा होगा।
मुनेश मीना, व्याख्याता पीजी कॉलेज करौली
दवाइयां सस्ती की जाएं
गम्भीर रोगों के उपचार में काम आने वाली दवाई सस्ती की जानी चाहिए। इससे निर्धन तबका का विशेष फायदा होगा। चिकित्सा सुविधा विस्तार के लिए बजट में घोषणा करनी चाहिए।
-डॉ. शैलेन्द्र गुप्ता
गम्भीर रोगों के उपचार में काम आने वाली दवाई सस्ती की जानी चाहिए। इससे निर्धन तबका का विशेष फायदा होगा। चिकित्सा सुविधा विस्तार के लिए बजट में घोषणा करनी चाहिए।
-डॉ. शैलेन्द्र गुप्ता
हिंडौन के लोग बोले— घटे महंगाई और मिले रोजगार
हिंडौन में भी एक फरवरी को संसद में पेश होने वाले आम बजट को लेकर लोग कई उम्मीदें लगाए हैं। नोटबंदी के बाद जीएसटी सहित अन्य अप्रत्यक्ष करो के बोझ से लोग राहत चाहते हैं। परवान चढ़ रही महंगाई में कमी की होने की लोग उम्मीद लगाए बैठे हैं, ताकि टैक्स की मार व महंगाई से गड़बड़ाई घर की अर्थ व्यवस्था को संभाला जा सके। केन्द्रीय व राज्य कर्मचारी सरकारी महकमों के चल रहे
हिंडौन में भी एक फरवरी को संसद में पेश होने वाले आम बजट को लेकर लोग कई उम्मीदें लगाए हैं। नोटबंदी के बाद जीएसटी सहित अन्य अप्रत्यक्ष करो के बोझ से लोग राहत चाहते हैं। परवान चढ़ रही महंगाई में कमी की होने की लोग उम्मीद लगाए बैठे हैं, ताकि टैक्स की मार व महंगाई से गड़बड़ाई घर की अर्थ व्यवस्था को संभाला जा सके। केन्द्रीय व राज्य कर्मचारी सरकारी महकमों के चल रहे
निजीकरण व ठेका प्रणाली को खत्म कर युवाओं को रोजगार दिलाने बात कर रहे हंै। पत्रिका ने केन्द्रीय बजट को लेकर विभिन्न वर्गों के लोगों से उनकी राय जानी। तो अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दी। मिले उचित समर्थन मूल्य
आम बजट में फसलों की सरकारी खरीद के लिए अधिकतम समर्थन मूल्य तय होना चाहिए। इससे फसल उत्पादन का खर्च निकल सकेगा। साथ ही किसानों को खाद, बीज व कीटनाशक रियायती दर उपलब्ध हो। सिंचाई के लिए सस्ती बिजली दी जाए।
पूरण सिंह गुर्जर, किसान
आम बजट में फसलों की सरकारी खरीद के लिए अधिकतम समर्थन मूल्य तय होना चाहिए। इससे फसल उत्पादन का खर्च निकल सकेगा। साथ ही किसानों को खाद, बीज व कीटनाशक रियायती दर उपलब्ध हो। सिंचाई के लिए सस्ती बिजली दी जाए।
पूरण सिंह गुर्जर, किसान
बंद हो ठेका प्रणाली
केन्द्रीय विभागों में ठेका प्रणाली को खत्म कर पहले की तरह रोजगार के अवसर विकसित करने चाहिए। युवाओं की अधिकाधिक भर्ती करनी चाहिए। निजीकरण को रोकना चाहिए। केन्द्रीय महकमों के प्रति युवाओं में रुझान विकसित करते के लिए पूर्व की भांति राज्यों से अलग सुविधाएं बरकार रखी जाए।
– त्रिलोकचंद राजौरा, केन्द्रीय कर्मचारी।
केन्द्रीय विभागों में ठेका प्रणाली को खत्म कर पहले की तरह रोजगार के अवसर विकसित करने चाहिए। युवाओं की अधिकाधिक भर्ती करनी चाहिए। निजीकरण को रोकना चाहिए। केन्द्रीय महकमों के प्रति युवाओं में रुझान विकसित करते के लिए पूर्व की भांति राज्यों से अलग सुविधाएं बरकार रखी जाए।
– त्रिलोकचंद राजौरा, केन्द्रीय कर्मचारी।
रसोई से बाहर हो जीएसटी
केन्द्रीय बजट में रसोई का सामान, खाद्य वस्तुओं व सहायक सामग्रियों को जीएसटी से मुक्त करना चाहिए। इससे निर्धन व मध्यम वर्ग का गड़बड़ाया रसोई का बजट संवर सकेगा। दाल, सब्जी, पैकिंग वस्तुओं को कर मुक्त करने से दरंे घटेंगी तो महिलाओं को घर चलाने में आसानी रहेगी।
निर्मला देवी, गृहिणी।
केन्द्रीय बजट में रसोई का सामान, खाद्य वस्तुओं व सहायक सामग्रियों को जीएसटी से मुक्त करना चाहिए। इससे निर्धन व मध्यम वर्ग का गड़बड़ाया रसोई का बजट संवर सकेगा। दाल, सब्जी, पैकिंग वस्तुओं को कर मुक्त करने से दरंे घटेंगी तो महिलाओं को घर चलाने में आसानी रहेगी।
निर्मला देवी, गृहिणी।
पढ़ाई में जोड़ें व्यावसायिक कोर्स
केन्द्रीय बजट में हर युवाओं को रोजगार के अवसर मुहैया कराने के प्रावधान किए जाएं। केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय (एचआरडी) उच्च प्राथमिक स्तर से ही पढ़ाई के साथ व्यावयायिक पाठ्यक्रम अनिवार्य करे। इससे शुरुआत से ही युवा एक ट्रेड विशेष में दक्ष होकर रोजगारोन्मुखी
हो सकेगा।
-काजल जांगिड़, छात्रा
केन्द्रीय बजट में हर युवाओं को रोजगार के अवसर मुहैया कराने के प्रावधान किए जाएं। केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय (एचआरडी) उच्च प्राथमिक स्तर से ही पढ़ाई के साथ व्यावयायिक पाठ्यक्रम अनिवार्य करे। इससे शुरुआत से ही युवा एक ट्रेड विशेष में दक्ष होकर रोजगारोन्मुखी
हो सकेगा।
-काजल जांगिड़, छात्रा
तिलहन भी हो कर मुक्त
अन्य जिंसों की तरह तिलहन फसलों को कर मुक्त करना चाहिए। इससे व्यापारी वर्ग को राहत मिलेगी। मण्डी की खरीद-फरोख्त में सरलीकरण होना चाहिए। जिससे किसान को समय पर उचित दाम मिल सके। आयकर में छूट की सीमा पांच लाख होनी चाहिए।
-विशंभर बंडीभोला, अध्यक्ष कृषि उपज मंडी व्यापार मण्डल।
अन्य जिंसों की तरह तिलहन फसलों को कर मुक्त करना चाहिए। इससे व्यापारी वर्ग को राहत मिलेगी। मण्डी की खरीद-फरोख्त में सरलीकरण होना चाहिए। जिससे किसान को समय पर उचित दाम मिल सके। आयकर में छूट की सीमा पांच लाख होनी चाहिए।
-विशंभर बंडीभोला, अध्यक्ष कृषि उपज मंडी व्यापार मण्डल।