सरकार के आदेश पर जिन स्कूलों का नामांकन शून्य था, उनके अध्यापकों को एपीओ कर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में लगाया गया। इसके लिए 27 दिसम्बर 2016 को जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) प्रारम्भिक ने पदस्थापन के लिए 33 शिक्षकों की काउसंलिंग कर पत्रावली अनुमोदन के लिए जिला परिषद कार्यालय भेज दी। जहां से पदस्थापन में तकनीकी खामी बताकर पत्रावली डीईओ भेज दी। फिर इसके बाद से पत्रावली जिला परिषद व डीईओ कार्यालय के बीच चल रही है, लेकिन शिक्षकों के पदस्थापन का अनुमोदन जिला परिषद की प्रशासन स्थापना समिति की बैठक में नहीं हो सका है।
इन खामियों पर मांगा जवाब… जिला परिषद ने काउंसलिंग में बरती गई अनियमिताओं को निस्तारण कर फिर से पत्रावली भेजने के लिए डीईओ को पत्र लिखा था। सूत्रों ने बताया कि कुछ प्रबोधकों की दो-दो बार काउंसलिग की गई। जो नियमों के खिलाफ है। इधर कम नामांकन वाले स्कूलों में अध्यापकों का पदस्थापन नहीं होने से शिक्षण व्यवस्था बाधित है। तो वहीं 50 से अधिक स्कूल एक-एक अध्यापक के भरोसे संचालित है। इस कारण शिक्षा व्यवस्था बाधित हो रही है।
परीविक्षा काल गुजरा,फिर भी वेतन अधूरा… यहां करौली में परीविक्षा काल की अवधि गुजरने के छह माह बाद भी जिले के 304 अध्यापकों को वेतन नियमितीकरण नहीं किया गया है। जिससे वे आर्थिक संकट से जूझने को मजबूर है। इस संबंध में शिक्षकों ने सोमवार को जिला प्रमुख अभय कुमार मीना को ज्ञापन सौंप वेतन नियमितीकरण कर स्थायी करने की मांग की है।
भेज दिया है जवाब… जिला परिषद ने जिन प्रकरणों के संबंध में जवाब मांगा, उनका जवाब भेज दिया है। अब अनुमोदन जिला परिषद को करना है। – देवेन्द्र पाल सिंह जिला शिक्षा अधिकारी (प्रारम्भिक) करौली
प्रकरणों के निस्तारण के आदेश… काउंसलिंग के समय अनियमितता की गई, उन प्रकरणों के निस्तारण केआदेश दिए गए हैं। डीईओ की लापरवाही से पदस्थापन अटका हुआ है। – अभय कुमार मीना जिला प्रमुख करौली