महिलाओं-युवतियों ने मेहन्दी रचाई। वहीं बाजारों में लहरिया की खूब बिक्री हुई। त्योहार के मद्देनजर खरीदारी के लिए बुधवार को शहर के विभिन्न बाजारों में भीड़ रही। ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के लोगों ने त्योहार पर पकवान बनाने के लिए सामग्री की खरीद की, वहीं महिला, बालिकाओं ने अपने भाईयों की कलाई सजाने के लिए राखियां खरीदी।
भीड़ के चलते चौधरी पाड़ा, बजाजा बाजार, हिण्डौनगेट, फूटाकोट सहित कई स्थानों पर दिन में कई बार जाम लगने की नौबत आई। राखियों से सजे बाजार
रक्षाबंधन के मद्देनजर शहर के विभिन्न बाजारों में राखियों की दुकानें सजी हैं। जिन पर खूब बिक्री भी हुई। रक्षाबंधन पर भाई की कलाई सजाने के लिए बहनों ने राखियों की खरीदी। शहर के सदर बाजार, भूडारा बाजार, फूटाकोट, बूरा-बताशा गली, ट्रक यूनियन, हिण्डौन गेट, चौधरी पाड़ा सहित अन्य बाजारों में राखियों की दुकानें सजी हैं।
रक्षाबंधन के मद्देनजर शहर के विभिन्न बाजारों में राखियों की दुकानें सजी हैं। जिन पर खूब बिक्री भी हुई। रक्षाबंधन पर भाई की कलाई सजाने के लिए बहनों ने राखियों की खरीदी। शहर के सदर बाजार, भूडारा बाजार, फूटाकोट, बूरा-बताशा गली, ट्रक यूनियन, हिण्डौन गेट, चौधरी पाड़ा सहित अन्य बाजारों में राखियों की दुकानें सजी हैं।
नई-नई डिजाइनों की आई राखियों को महिलाएं पसंद कर रही हैं। राखी विक्रेताओं के अनुसार विशेष रूप से बच्चों की मोटू-पतलू, स्पीनर, शॉफनर, खिलौना राखी के अलावा महिलाओं की कड़े राखी, वैलेक पॉलिस, धागा मोती पसंद की जा रही हैं। राखी विक्रेताओं के अनुसार राखियों की कीमत 5 रुपए से लेकर 120 रुपए तक है।