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करौली की तहसीलों का राजस्व रिकार्ड हो रहा ऑनलाइन

locationकरौलीPublished: Jun 01, 2019 12:29:12 pm

Submitted by:

Dinesh sharma

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करौली की तहसीलों का राजस्व रिकार्ड हो रहा ऑनलाइन

करौली. अपने खेत की भूमि की जमाबंदी और नक्शों की खातिर आए दिन कार्यालयों की चौखट पर दस्तक देने की समस्या से त्रस्त रहने वाले लोगों-किसानों को अब राहत मिल सकेगी। काश्तकार घर हो चाहे अपने खलिहान में, वह आसानी से बिना किसी झंझट के अपनी खातेदारी के हिस्से को देख सकेंगे। यह सब अब जिले की तहसील क्षेत्र के किसानों के लिए संभव हो सकेगा।
जी हां जिला प्रशासन की ओर से टोडाभीम तहसील को ऑनलाइन की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। जबकि अन्य तहसीलों की प्रक्रिया जारी है। संयुक्त शासन सचिव राजस्व को डीआईएलआरएमपी योजनान्तर्गत टोडाभीम तहसील को अधिसूचित कराए जाने के लिए जिला कलक्टर की ओर से प्रस्ताव भी भिजवाए जा चुकें हैं। उम्मीद है शीघ्र ही गजट नोटिफिकेशन जारी हो जाएगा।

सभी प्रक्रिया पूरी
डीआईएलआरएमपी योजनान्तर्गत टोडाभीम तहसील को ऑनलाइन करने के लिए सेग्रिगेशन एवं मेप डिजिटाइजेशन का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। साथ ही वन टू वन मेपिंग भी कर ली गई है। इस तहसील क्षेत्र के सभी राजस्व गांवों की ई-धरती एवं भू-नक्शा एरर रिपोर्ट को भी शून्य किया जा चुका है। ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत यह सभी कार्य होने के बाद जमाबंदियों को पी-28 प्रपत्र लगाकर एनआईसी जयपुर की ओर से प्राप्त सॉफ्टवेयर द्वारा लॉक करने की कार्रवाई भी की जा चुकी है। जिला कलक्टर नन्नूमल पहाडिया के निर्देशन में एनआईसी करौली की ओर से ऑनलाइन की पूरी कार्रवाई कर दी गई है। अब केवल ऑनलाइन किए जाने के लिए अधिसूचना जारी होनी शेष है।

यह है राजस्व रिकार्ड का गणित
राजस्व विभाग के सूत्रों के अनुसार टोडाभीम तहसील क्षेत्र में 153 राजस्व गांवों में 39 हजार 924 खाते हैं। जबकि 1 लाख 99 हजार 286 कुल खसरे हैं। सूत्र बताते हैं कि ऑनलाइन होने से किसान ई-मित्र के जरिए अपने खसरे की जमाबंदी नकल मय नक्शे के ले सकेंगे, वहीं मोबाइल के जरिए भी वह अपनी जमाबंदी को देख सकेंगे।

खाते किए विभाजित
एनआईसी करौली के तकनीकी निदेशक अनिल जैन के अनुसार ऑनलाइन व्यवस्था के तहत प्रत्येक किसान के खाते का विभाजन कर दिया गया है। सभी गांवों के नक्शे भी डिजिलाइजेशन किए गए हैं। इसका बड़ा फायदा किसान को यह मिलेगा कि वह जिस खसरे की नकल की जरुरत होगी, वह उसे प्राप्त कर सकेंगे। नकल की लिखावट के साथ ही नक्शा का भी प्रिंट होकर मिल सकेगा। जबकि ऑनलाइन से पहले किसानों को जमाबंदी नकल और नक्शा की खातिर कार्यालय के चक्कर काटने के साथ लम्बा इंतजार भी करना पड़ता था।
अभी हिण्डौन तहसील ऑनलाइन, तीन के लिए चल रही कवायद
जिले में वर्तमान में हिण्डौन तहसील क्षेत्र ऑनलाइन व्यवस्था से जुड़ी है। इस तहसील क्षेत्र के किसानों के खातों-नक्शों, जमाबंदियों को करीब दो वर्ष पहले ऑनलाइन कर दिया गया था।
टोडाभीम की ऑनलाइन प्रक्रिया पूर्ण करने के बाद अब जिला प्रशासन जिले की तीन और तहसीलों को ऑनलाइन की सुविधा उपलब्ध कराने में जुट गया है। नादौती तहसील क्षेत्र में काश्तकारों के खेत-भूमि के रिकॉर्डों को ऑनलाइन करने की प्रक्रिया लगभग अंतिम चरण में है, वहीं आगामी माह में मासलपुर और मण्डरायल तहसील को ऑनलाइन की प्रक्रिया शुरू होगी।
ऑनलाइन से मिलेगी राहत
जिला कलक्टर नन्नूमल पहाडिया का कहना है कि राजस्व मंडल और राज्य सरकार ने आमजन को राहत देने के लिए सभी तहसीलों को डिजिलाइजेशन करके ऑनलाइन करने के निर्देश दिए हुए हैं। हमने लोकसभा चुनाव की व्यस्तता के बीच टोडाभीम को ऑनलाइन कर दिया है। इसके बाद अब कोई भी व्यक्ति-काश्तकार को जमाबंदी, खसरा आदि रिकार्ड के लिए तहसील, पटवारी के यहां जाने की आवश्यकता नहीं होगी। इससे बड़ा फायदा यह होगा कि कोई भी काश्तकार कहीं से भी ऑनलाइन रिकार्ड प्राप्त किया जा सकेगा। जिले में हिण्डौन तहसील पहले ही ऑनलाइन हो चुकी है। अब नादौती, मासलपुर और मण्डरायल को ऑनलाइन करने के प्रयास किए जा रहे हैं। धीरे-धीरे जल्दी पूरा जिला ऑनलाइन हो जाएगा।

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