मोर्चा के पदाधिकारियों ने बताया कि संविधान में ओबीसी को आरक्षण दिए जाने के बावजूद नीट परीक्षा में ओबीसी वर्ग के युवाओं को आरक्षण से वंचित रखा गया है। उन्होंने बताया कि वर्ष 1931 की जनगणना के अनुसार ओबीसी 52 प्रतिशत हैं, जिन्हें क्रीमीलेयर लगाकर 27 प्रतिशत प्रतिनिधित्व के लिए आरक्षण के रूप में सेफगार्ड दिया गया है। जबकि पूरा 52 प्रतिशत दिया जाना चाहिए, फिर भी दिए गए 27 प्रतिशत में भी क्रीमीलेयर लगाया गया है, जो संविधान के अनुच्छेद 340 की मूल भावना के विरुद्ध है।
युवाओं ने बताया कि 12 सितंबर 2021 को मेडिकल प्रवेश के लिए होने वाली नीट परीक्षा में ओबीसी को सेन्ट्रल कोटे की 15 प्रतिशत राज्य मेडिकल की सीटों में आरक्षण को शून्य कर दिया गया है, जो कि ओबीसी के साथ धोखा है। ज्ञापन के जरिए मोर्चा के पदाधिकारियों ने मांगे पूरी नहीं होने पर तीन चरण में देशव्यापी आंदोलन करने की चेतावनी दी है।