एसडीएम अनूप सिंह ने बताया कि हिण्डौन क्षेत्र में जांच के लिए गठित कमेटी में स्थानीय तहसीलदार गजानंद मीणा, जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के सहायक अभियंता भगवान सहाय मीणा, खाद्य निरीक्षक जगदीश प्रसाद गुप्ता व नगरपरिषद के सहायक अभियंता महेन्द्र सिंह जाटव को शामिल किया है।
जबकि सूरौठ क्षेत्र के लिए गठित जांच दल में वहां के तहसीलदार धर्म सिंह, पंचायत समिति के विकास अधिकारी ज्ञानसिंह, पीएचईडी के सहायक अभियंता भगवान सहाय मीणा एवं खाद्य निरीक्षक जगदीश प्रसाद गुप्ता को शामिल किया है।
पत्रिका ने एक्सपोज किया पूरा मामला-
राजस्थान पत्रिका ने 11 मई के अंक में ‘आरओ पानी का अवैध कारोबार, गर्मी में पहुंचा करोडों के पारÓ शीर्षक के साथ प्रमुखता से समाचार प्रकाशित कर जिला प्रशासन, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, नगरीय निकाय व जन स्वास्थय अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों का ध्यान आकर्षित किया था।
इसके बाद एसडीएम अनूप सिंह ने 12 मई को आदेश जारी कर हिण्डौन व सूरौठ तहसीलदारों के नेतृत्व में टीमें गठित कर जांच के आदेश दिए हैं। उल्लेखनीय है बिना अनुमति के चल रहे आरओ प्लांट के अवैध कारोबार से जुड़े लोग शुद्धीकृत जल के नाम पर केमिकल युक्त पानी की होम डिलेवरी कर रहे हैं।
घरों से लेकर दुकान और सरकारी कार्यालयों तक सप्लाई होने वाले इस पानी को लोग सेहतमंद समझकर पी रहे हैं, लेकिन उन्हें शायद पता नहीं कि आरओ वाटर के नाम पर सिर्फ कुआं और नलकूप का पानी ऊंचे दामों पर बेचा जा रहा है। जिसकी शुद्धता की भी कोई गारंटी नहीं है।
उपखंड क्षेत्र में शहर की वर्धमान नगर, रीको औद्योगिक क्षेत्र, मन्नी का पुरा, करौली रोड़, बयाना मार्ग, कृष्णा कॉलोनी, मोहन नगर, किशन नगर, तेली की पंसेरी रोड़ के अलावा कई अन्य स्थानों पर अवैध रूप से आरओ प्लांट संचालित हो रहें हैं। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र सूरौठ, ढिंढोरा, जटनंगला व आसपास के इलाकों में कई आरओ प्लांट बेनियम चल रहें है।