खाद्यान के टोटे से स्कूल की रसोई पर ताला, छात्राओं के स्कूल में आठ माह से पोषाहार बंद
करौलीPublished: Aug 04, 2018 05:54:19 pm
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खाद्यान के टोटे से स्कूल की रसोई पर ताला, छात्राओं के स्कूल में आठ माह से पोषाहार बंद
खाद्यान के टोटे से स्कूल की रसोई पर ताला, छात्राओं के स्कूल में आठ माह से पोषाहार बंद
करौली. सरकार के स्कूलों में मिड डे मील कार्यक्रम के प्रति शिक्षा विभाग के अधिकारी कितने गम्भीर है, जिसका नमूना ये है कि करौली जिला मुख्यालय के राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक स्कूल में आठ माह से पोषाहार वितरण बंद पड़ा है। खास बात ये है कि आधा दर्जन बार विभाग के अधिकारियों ने स्कूल का निरीक्षण कर लिया। लेकिन पोषाहार पर ध्यान तक नहीं दिया। स्कूल से कलक्ट्रेट व डीईईओ कार्यालय की दूरी भी अधिक नहीं है। इसके बाद भी करौली के स्कूल में पोषाहार वितरण बंद है तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि गांवों के स्कूलों की हालात कैसी होगी। बालिका उच्च माध्यमिक स्कूल में खाद्यान के अभाव में दिसम्बर 2017 से पोषाहार बंद है। इसके बाद से प्रत्येक माह की रिपोर्ट में स्कूल प्रबंधन नोडल अधिकारी व जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय को खाद्यान शून्य होने की सूचना भेजते हैं। लेकिन अधिकारियों ने स्कूल में कभी खाद्यान उपलब्ध कराने की पहल तक नहीं की। स्कूल का स्टॉफ भी रिपोर्ट भेज अपना काम पूरा समझ लेता है। इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक व प्रारम्भिक तथा क्रय विक्रय सहकारी समिति की उदासीनता साफ तौर पर सामने आ रही है। पोषाहार नहीं पकने पर स्कूल का रसोई घर अस्त-व्यस्त पड़ा हुआ है।
१५० विद्यार्थी रोजाना भूखे लौटते
वजीरपुर दरवाजे के पास संचालित राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक स्कूल में 150 छात्र-छात्राओं को पोषाहार दिया जाना है। लेकिन खाद्यान के अभाव में पोषाहार नहीं पक रहा है। जिससे १५० विद्यार्थी रोजाना भूखे लौट रहे हैं। इन विद्यार्थियों में से इस सत्र में कक्षा पहली में प्रवेश लेने वालों ने तो एक बार भी पोषाहार चखा नहीं है, उन्हें पोषाहार के बारे में किसी प्रकार की जानकारी तक नहीं है। स्कूल में पोषाहार तो बंद है, पर अन्नपूर्णा दुग्ध योजना के तहत विद्यार्थियों को दूध जरूर पिलाया जा रहा है।
ये कैसा निरीक्षण
शिक्षा विभाग के अधिकारी आए दिन स्कूलों का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं में सुधार की हिदायत देते है। विभाग के अधिकारियों ने दिसम्बर से लेकर अभी तक आधा दर्जन बार प्रवेशोत्सव कार्यक्रम तथा औचक निरीक्षण किया। लेकिन अधिकारियों के इस निरीक्षण से स्कूल में पोषाहार व्यवस्था में किसी भी प्रकार का सुधार नहीं हुआ है। खाद्यान पहुंचाने की गम्भीरता किसी भी अधिकारी नहीं दिखाई। इसी प्रकार सरकार ने मिड डे मिल वितरण की सूचना प्रतिदिन डीईईओ कार्यालय में मैसेज के जरिए जमा कराने के आदेश दिए हुए हैं। ये आदेश भी खोखले साबित हो रहे हैं।
खाद्यान का अभाव है
दिसम्बर माह से खाद्यान के अभाव में पोषाहार वितरण बंद पड़ा है। खाद्यान के अभाव की सूचना नोडल अधिकारी व डीईईओ कार्यालय में भेजी जाती है। लेकिन खाद्यान नहीं मिला है।
रेखा शर्मा कार्यवाहक प्रधानाचार्य राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक स्कूल करौली
मामला गम्भीर जांच करेंगे
करौली के स्कूल में ही आठ माह से पोषाहार वितरण बंदहोना गम्भीर मामला है। जांच कर लापरवाह अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करेगे।
हरिराम मीना जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक स्कूल करौली