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शिमला बन गई सर्व समाज की लाड़ो,बाबुल का गम के बीच चेहरे पर लौटी खुशी

locationकरौलीPublished: Apr 19, 2019 07:47:37 pm

Submitted by:

vinod sharma

shimala ban gae sarv samaaj kee laado, baabul ka gam ke beech chehare par lautee khushee

shimala ban gae sarv samaaj kee laado, baabul ka gam ke beech chehare

शिमला बन गई सर्व समाज की लाड़ो,बाबुल का गम के बीच चेहरे पर लौटी खुशी


करौली. नीयति के क्रूर हाथों ने शिमला के सिर से चाहे पिता का साया उठाने के साथ उसको तथा तीन भाइयों को असाहय बना दिया हो लेकिन सर्वसमाज की ओर दिखाई गई मानवता ने उसे अपनों जैसा दुलार देने में कसर नहीं छोड़ी है। इससे पिता की जुदाई के गम के बीच उसके चेहरे पर मुस्कान बिखेरी है। साथ ही परिवार के लोगों का उसकी शादी करने को बोझ भी कम हो गया है।
मैंगराकला निवासी शिमला, बाबुल के घर से विदा होकर पिया के घर जाने का सपना संजो रही थी कि इसी बीच पिता की असामयिक मौत के कारण उसके नए घर बसाने के सपनों पर पानी फिरता दिखा था। लेकिन उसके टूटते सपनों को फिर साकार करने के लिए मानवता आगे आ गई। इसकी बदौलत अब २२ अप्रेल को शिमला की शादी शान से होने जा रही है। सर्वसमाज के लोगों ने शुक्रवार को मैंगरा कलां जाकर उसकी शादी के लिए सामान पहुंचा दिया। साथ ही अन्य व्यवस्थाओं में सहयोग के साथ छोटे भाइयों की पढ़ाई के खर्च उठाने का वादा किया। इस मदद को देख दुल्हन बनने जा रही शिमला सहित उसके तीनों छोटे भाइयों व अन्य परिजनों की आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े।
पत्रिका की पहल रही सार्थक
इस मामले में राजस्थान पत्रिका की पहल सार्थक रही। राजस्थान पत्रिका ने शिमला असहाय हुए यह सब कुछ राजस्थान पत्रिका की पहल पर संभव हो सका। सर्व समाज के लोग शुक्रवार को मेंगराकला गांव पहुंचे और शादी का समस्त सामान शिमला को सौंपकर उसे अन्य व्यवस्थाओं का सहयोग का विश्वास दिलाया। गौरतलब है कि मेंगराकला गांव काराधेश्याम जाटव अपनी बेटी शिमला की २२ अप्रेल को होने वाली शादी के कार्ड देने करौली आया था। यहां पावर हाउस के समीप विद्युत निगम के कर्मचारियों ने गलतफहमी में आकर उसकी इतनी पिटाई कर डाली जिससे उसकी मौत हो गई। इस मौत से उसकी बेटी शिमला व तीन पुत्र असाहय हो गए। इन बच्चों की मां का पहले ही निधन हो चुका है। इस स्थिति में शिमला की शादी होने पर भी संकट आ गया। इस स्थिति को लेकर राजस्थान पत्रिका ने लग्न के दिन उठी पिता की अर्थी, अब कैसे उठेगी शिमला की डोली शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया। पत्रिका ने सोशियल मीडिया पर भी इस समाचार को प्रसारित किया। इसके बाद सर्व समाज के लोगों की मानवीय संवेदनाएं जागी और पीडि़त परिवार की मदद में सैंकड़़ों हाथ आगे बढ़ गए।
सामान लेकर गएगांव
शिमला की शादी में सहयोग के लिए सर्व समाज तथा स्मार्ट क्लब के लोग के लोग मेंगराकला गांव पहुंचे। उन्होंने शिमला तथा भाइयों को ढांढस बंधाते हुए आलमारी, डबल बैड, गद्दा, कूलर, पंखा, कुर्सी टेबल, सिलाई मशीन चांदी की पायजेब तथा वैश्य महासम्मेलन समिति की तरफ से सोने की कान की बाली, सोने की लोंग, चांदी की चुटकी, अंगूठी आदि सामान प्रदान किया।
इस दौरान कन्या महाविद्यालय के सहायक आचार्य मुनेश मीना, जिला वैश्य महासम्मेलन समिति के जिलाध्यक्ष मनोज गर्ग बीडी वाले, उपाध्यक्ष रिद्धीचंद बंसल, सुनिल बंसल, राजेश बजाज, शिवा एकेडमी स्कूल के निदेशक सुधीर नायर, स्कूल संचालक धारा सिंह माली, राज्यपाल पुरस्कृत शिक्षक मुकेश सारस्वत, शिक्षक संघ अम्बेडकर के जिलाध्यक्ष अमृतलाल छाबड़ा, शैलन्द्र बागोरिया, उदय सिंह जाटव, सामाजिक कार्यकर्ता कुलदीप सारस्वत आदि मौजूद थे।
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मेंगरा कला गांव में बेटी शिमला जाटव को शादी का सामान सौंपते सर्व समाज के लोग

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