स्मैक का नशा अब हिण्डौन शहर के अलावा आस-पास के गांव-कस्बों तक फैल चुका है। सैंकड़ों युवाओं इसकी लत लग चुकी है। स्मैक की सप्लाई क्षेत्र के ही लोग कर रहे हैं, जो हर रोज 500 से अधिक पुडिय़ा बेच कर युवा पीढ़ी की सांसोंं में नशीला सफेद धुंआ घोल रहे हैं। शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में कई ठिकानों पर स्मैक का धंधा चोरी छिपे पनप रहा है। जहां 300 से 400 रुपए में सफेद धुंए की पुडिया सहज ही मिल जाती है।
हिण्डौन व आसपास के इलाकों में अधिकतर स्मैक की सप्लाई झालावाड़, कोटा, बारां, प्रतापगढ़ जिले से हो रही है। नशे के सौदागर अब जोधपुर जिले में कैमिकल से बनी सस्ती स्मैक को भी यहां लाने लगे है, जो किसी जहर से कम नहीं है। पत्रिका की पड़ताल में सामने आया है कि कि नशा सप्लायर ट्रेन में सफर कर स्मैक लेकर आते हैं। पुलिस से बचने के लिए वे हिण्डौन रेलवे स्टेशन पर उतरने के बजाए श्रीमहावीरजी व खंडीप व सूरौठ रेलवे स्टेशन पर उतरते हैं। जहां से ग्रामीण क्षेत्र में प्रवेश करते हैं। इसके बाद शहर में स्मैक की खेप पहुंचती है।
स्मैक का ज्यादातर कारोबार सदर थाना इलाके के कोटरा ढहर, फैलीपुरा, कोटरी, पालनपुर, समेत डांग क्षेत्र से सटे गावों में होता है। जबकि शहर में यह काला धंधा कोतवाली थाने के समीप गोपाल गौशाला के आसपास, केशवपुरा, शाहगंज मालीपाड़ा, बड़ी बाखर, तेली की पंसेरी रोड, नई मंडी थाना इलाके में मण्डावरा फाटक, खरेटा रोड चुंगी के पास, रेलवे स्टेशन बजरिया में होता है। पुलिस को भी इन स्थानों पर संचालित अवैध नशे के गोरखधंधे के बारे में जानकारी है, लेकिन कार्रवाई करने में संकोच पर हमेशा सवाल खड़े होते रहें हैं। सूत्र बतातें है कि स्मैक की 1 ग्राम की पुडिया 700 रुपए में आती है, इसकी यहां 20-20 प्वांइट की 5 पुडिया बनती है, जो 300 से 400 रुपए में बिकती हैं। यानि 1 ग्राम के 15 सौ से 2 हजार रुपए तक वसूले जाते हैं।
सूत्रों के अनुसार स्मैक का नशा महंगे नशे में शुमार है। किसी व्यक्ति को जब इसकी लत लग जाती है, तो उसे हर हाल में स्मैक चाहिए होती है। ऐसे में वह मेहनत से कमाई परिवार की जमापूंजी को बर्बाद करने के साथ ही घरेलू उपकरणों तक को बेच डालता है। तलब पूरी करने के लिए स्मैकची चोरी और नकबजनी करते हैं। यही नहीं कई बार बड़ी वारदात को अंजाम तक दे डालते हैं। पुलिस जांच में चोरी की वारदातों में शामिल रहे कई युवकों के स्मैक के नशे के आदी होने की बात सामने आई है। क्राइम रिकॉर्ड खंगाला जाए तो अधिकतर वारदातों में स्मैकचियों का ही हाथ सामने आया है। कई प्रतिष्ठान व घरों में चोरी व महिलाओं के गले से चैन, मोबाइल आदि छीनने की कई वारदातों में स्मैकचियों की संलिप्तता भी रही है।
पुलिस के आंंकडों के अनुसार बीते तीन वर्ष में हिण्डौन सदर, श्रीमहावीरजी, हिण्डौनसिटी, सूरौठ व नई मंडी थाना पुलिस ने स्मैक तस्करी के 36 मामले पकड़े, जिनमें आरोपियों की गिरफ्तारी भी की गई। पुलिस के अनुसार वर्ष 2018 में 15, वर्ष 2019 में 10 व वर्ष 2020 में अब तक 11 मामले पकड़े गए हैं।
हाल ही में कार्यभार संभाला है। स्मैक के धंधे के बारे में थानाप्रभारियों से जानकारी जुटा कर बड़े पैमाने पर कार्रवाई की जाएगी। इसमें जनसहयोग भी लिया जाएगा।
किशोरीलाल
पुलिस उपाधीक्षक, हिण्डौनसिटी। फैक्ट फाइल-
वर्ष 2020 में अब तक पकड़े स्मैक के मामले-
पुलिस थाना ——————–स्मैक के मामले
हिण्डौन सदर——————- 02
श्रीमहावीरजी ——————–02
हिण्डौनसिटी——————– 04
सूरौठ —————————01
नई मंडी ————————-02