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इस शहर के कालेज में दान की पुस्तकों से पढ़ेंगे विद्यार्थी

locationकरौलीPublished: Sep 15, 2019 12:20:01 pm

Submitted by:

Anil dattatrey

Students will read from the books of charity in the college of this city.Community library will be established in government postgraduate college.राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में स्थापित होगी सामुदायिक पुस्तकशाला

राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय

इस शहर के कालेज में दान की पुस्तकों से पढ़ेंगे विद्यार्थी

हिण्डौनसिटी. राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में विद्यार्थियों के लिए अच्छी खबर है। अब पाठ्यक्रम की पुस्तकों के लिए पुस्तकालय में किताबों का टोटा भी रोड़ा नहीं बनेगा। हर जरुरतमंद विद्यार्थी को पाठ्यपुस्तक मुहैया कराने के लिए पुस्तकालय के समानांतर सामुदायिक पुस्तक शाला स्थापित करने की कवायद शुरू की है। पुस्तक शाला का संचालन छात्रों की समिति व्याख्याताओं की देखरेख में करेगी। पुस्तक शाला में व्याख्याता, पास आउट छात्र व आम नागरिकों से नई व पुरानी पुस्तकें दान ली जाएंगी।

महाविद्यालय के प्रशासन ने नई पहल करते हुए सामुदायिक पुस्तक शाला की स्थापना की शुरुआत की है। इसके लिए व्याख्याताओं की समिति बनाकर 5 से 15 विद्यार्थियों को सह-सदस्य के रूप में शामिल किया गया। एक छात्र सह-सदस्य का अधिकतम कार्यकाल दो वर्ष तय किया गया है। एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अनिल अग्रवाल ने बताया कि है सामुदायिक पुस्तक शाला पुस्तकालय से अलग व्यवस्था है। लेकिन पुस्तकालय की भांति संचालन के लिए सह-सदस्यों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। पुस्तक शाला से भी कार्ड जारी कर छात्रों को पाठ्य पुस्तकें आवंटित की जाएंगी।

दान से जुटाएंगे पाठ्यपुस्तकें-
महाविद्यालय सूत्रों के अनुसार सामुदायिक पुस्तक शाला में दान से पाठ्यक्रम व अन्य पुस्तकें जुटाई जाएंगी। इसके लिए ‘डोनेट ए बुक’ कैम्पेन चला कर जरुरत की प्राथमिकता से पुस्तकें एकत्र की जाएंगी। इसके लिए शिक्षक, पास-आउट छात्र तथा आमजन को पढ़ी हुई पुरानी व नई पुस्तकों को दान देने के लिए प्रेरित किया जाएगा। स्नातक व स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम की 3 वर्ष व प्रतियोगी परीक्षाओं की अधिकतम दो वर्ष पुरानी पुस्तकें की दान में ली जाएंगी। वहीं साहित्यिक व पाण्डुलिपी श्रेणी की पुस्तकों लिए समयावधि निर्धारित नहीं की गई है।

बीपीएल व आर्थिक कमजोरों को प्राथमिकता-
सामुदायिक पुस्तकशाला से पुस्तकों जारी करने में बीपीएल व आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के विद्यार्थियों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके बाद अधिक उपस्थिति व गत परीक्षा में अंकों की वरीयताक्रम में पुस्तकें प्रदान की जाएंगी।
मिलेगी सहकारिता की सीख-
महाविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर मुकेश गोयल ने बताया कि सामुदायिक पुस्तक शाला से विद्यार्थियों को सहकारिता मॉडल में कार्य कराने का प्रशिक्षण मिलेगा। साथ ही वे पुस्तकालय प्रबंंधन, बुक शेयरिंग स्टडी भी सीख सकेंगे।

इनका कहना है-
विद्यार्थियोंं को जरुरत की पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध कराने के लिए सामुदायिक पुस्तक शाला स्थापित की जा रही है। पुस्तकें दान करने के लिए लोगों को पे्ररित किया जा रहा है।
डॉ. गोविंद सहाय मीणा, कार्यवाहक प्राचार्य
राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय हिण्डौनसिटी।
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