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स्वाइन फ्लू की आहट से घर-घर मरीजों का सर्वे,शर व गांवों में विभाग की टीम संदिग्ध मरीजों की कर रही जांच अभी तक 21 रोगी सामने आए

locationकरौलीPublished: Jan 03, 2019 06:11:23 pm

Submitted by:

vinod sharma

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Swine flu 201 patients face up

स्वाइन फ्लू की आहट से घर-घर मरीजों का सर्वे,शर व गांवों में विभाग की टीम संदिग्ध मरीजों की कर रही जांच अभी तक 21 रोगी सामने आए


करौली. जिले में स्वाइन फ्लू रोग की दस्तक के बाद चौकन्ने हुए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने घर-घर में संदिग्ध मरीजों की तलाश शुरू कर दी है। करौली जिले में अधिकृत रूप से अभी तक २१ स्वाइन फ्लू रोगी सामने आए है, जिनमे से दो रोगी गत दो माह के दौरान चिन्ह्रित किए गए हैं। अब सर्दी बढऩे के साथ जुकाम, खासी तथा बुखार के मरीज सामने आने लगे हैं। इस कारण उच्च स्तरीय आदेश पर चिकित्सा विभाग के अधिकारियों ने अस्पताल के आउटडोर में आने वाले संदिग्ध मरीजों पर नजर रखना शुरू किया है। ग्रामीण क्षेत्र में एएनएम तथा कम्पाउण्डर की टीम को संबंधित क्षेत्र में मरीजों के सर्वे के लिए लगा दिया गया है। जिले में रोजाना ही करौली शहर, मण्डरायल, सपोटरा, करणपुर, मासलपुर तथा अन्य क्षेत्रों के संदिग्ध मरीजों की जांच विशेष तौर पर की जा रही है। राजकीय अस्पताल करौली की फिजीशियन डॉ. कैलाश मीना ने बताया कि स्वाइन फ्लू का वायरस तेजी से फैलता है। अनेक बार मरीज के आस-पास बैठने वाले लोगों को भी अपनी चपेट में ले लेता है। किसी में भी स्वाइन फ्लू के लक्षण दिखे तो उससे तीन फीट की दुरी बनाई रखनी चाहिए।
२४ घंटे के लिए कर्मचारी लगाए
करौली के राजकीय अस्पताल में बिगत तीन माह में एक भी स्वाइन फ्लू रोगी सामने नहीं आया है। लेकिन जिला अस्पताल में जिले के अस्पतालों से मरीज रैफर होकर आते हैं। इस कारण स्वाइन फ्लू रोगियों के लिए सर्जीकल वार्ड के समीप आईसोलोशन वार्ड खोला गया है। अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. बृजलाल मीना ने बताया कि अभी अस्पताल में स्वाइन फ्लू रोगी चिन्ह्रित नहीं किया है। लेकिन संदिग्धों की जांच चल रही है। इस बारे में चिकित्सकों की बैठक भी बुलाई गई है। जिसमें रोग के उपायों के बारे में विस्तृत रूप से चर्चा की जाएगी।
स्वाइन फ्लू के लक्ष्ण
नाक का लगातार बहना, छीक आना
कफ, कोल्ड और लगातार खांसी
मांसपेशियों में दर्द और अकडऩ
सिर में भयानक दर्द
नींद नहीं आना, अधिक थकान
दवा खाने के बाद भी बुखार का लगातार बढऩा
रोग पर अंकुश के उपाय
स्वाइन के फ्लू के बचाव के लिए खूब पानी पिएं तथा शराीर में पानी की कमी नहीं होने दी जाए साथ ही आराम करें। शुरुआत में उपचार के लिए पैरासीटमॉल जैसी दवाई बुखार के लिए दी जाती है। बीमारी के बढऩे टैम्यू फ्लू से इलाज किया जाता है। नाक अधिक बहने पर तुरंत चिकित्सक को दिखाया जाए।
होम्योपैथिक दवाई लेने से स्वाइन फ्लू की संभावना कम रहेगी
स्वाइन फ्लू रोग पर अंकुश के लिए होम्योपैथिक अस्पताल प्रबंधन ने तैयारी की है। होम्योपैथिक चिकित्सालय के प्रभारी चिकित्सक राजेन्द्र शर्मा ने बताया कि रोग पर अंकुश के लिए जनसहयोग के माध्यम से शिविर लगाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि स्वाइन फ्लू की रोग की चपेट में आने से पहले ही होम्योपैथिक दवाई दी जाती है। दवाई लेने वाले व्यक्ति में ८० फीसदी स्वाइन फ्लू के चपेट में आने की संभावना नहीं रहती है। उन्होंने बताया कि स्कूलों में शिविर लगाके विद्यार्थियों को दवाई पिलाई जाएगी।
२१ रोगी सामने आए हैं
अभी तक 21 रोगी सामने आए हैं। स्वाइन फ्लू पर अंकुश लगाने के लिए घर-घर संदिग्ध मरीजों का सर्वे किया जा रहा है। विभाग पूरी तरीके से मुस्तैद है।
डॉ.पूरणमल वर्मा उपमुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी करौली
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