scriptकिशोरी की मौत का मामला: 15 दिन बाद भी पुलिस की चुप्पी | Teenager's death case: Police silence even after 15 days | Patrika News

किशोरी की मौत का मामला: 15 दिन बाद भी पुलिस की चुप्पी

locationकरौलीPublished: Jun 29, 2022 11:59:17 am

Submitted by:

Surendra

किशोरी की मौत का मामला: 15 दिन बाद भी पुलिस की चुप्पीनहीं लगा कोई सुरागआत्महत्या और हादसे के एंगल से भी की जा रही है जांच
करौली जिले के मण्डरायल कस्बे में किशोरी की मौत के मामले को दो सप्ताह गुजरने के बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं। जबकि हैरत की बात यह है कि इस मामले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में स्पेशल टीम भी गठित है। इस मामले में कस्बे की राजनीति गर्मायी हुई रही थी। शव के साथ दो दिन तक धरना दिया था और बाजार बंद रहे थे।

किशोरी की मौत का मामला: 15 दिन बाद भी पुलिस की चुप्पी

किशोरी की मौत का मामला: 15 दिन बाद भी पुलिस की चुप्पी

किशोरी की मौत का मामला: 15 दिन बाद भी पुलिस की चुप्पी
नहीं लगा कोई सुराग
आत्महत्या और हादसे के एंगल से भी की जा रही है जांच

करौली जिले के मण्डरायल कस्बे में किशोरी की मौत के मामले को दो सप्ताह गुजरने के बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं। जबकि हैरत की बात यह है कि इस मामले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में स्पेशल टीम भी गठित की हुई है। इस टीम में पुलिस उपाधीक्षक, पुलिस निरीक्षक, उपनिरीक्षक स्तर के अफसर भी शामिल हंै। इस मामले में कस्बे की राजनीति गर्मायी हुई रही थी। परिजनों, ग्रामीणों तथा भाजपा कार्यकर्ताओं ने शव के साथ दो दिन तक धरना दिया था और बाजार बंद रहे थे। आंदोलनात्मक स्थिति को शांत कराने के लिए पुलिस-प्रशासन के अफसरों ने सांसद मनोज राजोरिया की मौजूदगी में तीन दिन में आरोपियों की गिरफ्तारी का वायदा किया था। इस वायदे के बाद धरना खत्म करके किशोरी की अंत्येष्टि हुई थी। गौरतलब है कि ट्यूशन के लिए घर से निकली 15 वर्षीय किशोरी का शव अगले दिन मण्डरायल किले की दीवार के नीचे पहाड़ी पर पड़ा मिला था। परिजनों सहित अन्य लोगों ने हत्या की आशंका जताते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई थी। साथ ही आरोपियों का पता लगाकर गिरफ्तारी की मांग की थी। पुलिस ने उस समय तो आक्रोशित लोगों को शांत करने के लिए तीन दिन में ही मामले में गिरफ्तारी का आश्वासन दिया था , लेकिन इस आश्वासन को 10 दिन से अधिक गुजरने पर भी पुलिस को मामले में कोई अहम सुराग नहीं मिल सके हैं। शुरू में ये मामला दुष्कर्म करके हत्या कर देने का माना जा रहा था, लेकिन दो अलग- अलग मेडिकल टीमों से कराए गए पोस्टमार्टम की रिपोर्ट के बाद प्रथम दृष्टया दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई है। हालांकि बिसरा भेजने के बाद अंतिम रिपोर्ट जयपुर से अभी आनी है।
आत्महत्या या हादसे के एंगल से भी जांच

चिकित्सकीय परीक्षण में प्राथमिक तौर पर दुष्कर्म नहीं होने की बात सामने आने के बाद पुलिस इस मौत की जांच आत्महत्या और दुघर्टना के एंगल से भी कर रही है। जिस स्थान पर किशोरी का शव मिला था, वहां पर पहुंचना तभी संभव है जब कोई गिरा हो या गिराया गया हो।
पुलिस सूत्रों के अनुसार जिस प्रकार से मृतका की चप्पल शव के पास मिली हैं, उससे आत्महत्या का संदेह भी जाहिर होता है। हत्या की स्थिति में विरोध किए जाने और मारकर फेंकने के दौरान पैरों में चप्पलों का रहना संभव नहीं लगता है। मृतका का शव उल्टा पड़ा था, यानी चेहरा जमीन की ओर था। इसको लेकर भी पुलिस अलग तरीके से आंकलन कर रही है। पुलिस यह तो सच मान रही है कि वह अकेली किले पर किताब-बैग लेकर पहुंची है। इसके बाद उसका सम्पर्क किनसे हुआ और आगे उसकी क्या गतिविधि रही, इसका पता नहीं चल सका है। पुलिस सूत्रों के अनुसार पोस्टमार्टम रिपोर्ट के निष्कर्ष के आधार पर फोरेंसिक एक्सपर्ट से मशिवरा भी किया जायेगा, जिससे हत्या या आत्महत्या के बारे मे स्पष्टता हो सके।
सम्पर्कों को लेकर की तलाश
घर से किशोरी के निकलने के दौरान घर पर उसकी केवल मां थी। अन्य परिजन किसी रिश्तेदारी में गए हुए थे। पुलिस ने जांच के दौरान मृतका किशोरी की सहेलियों से उसके सम्पर्कों के बारे में पूछताछ की है। इसमें सामने आया है कि वह स्वयं तो मोबाइल नहीं रखती थी, लेकिन अपनी सहेलियों के मोबाइल का उपयोग किया करती थी। पुलिस अधिकारी कहते हैं कि ये मामला इतना संवेदनशील है कि परिजनों से कुछ ज्यादा पूछताछ भी नहीं कर सकते। जबकि ज्यादातर सुराग मिल पाना परिजनों और सहेलियों से पूछताछ में ही संभव है। ऐसे में पुलिस केवल क्षेत्र के आपराधिक प्रवृति के लोगों से पूछताछ करके शांत बैठ गई है।
कुछ बताना अभी संभव नहीं
इस मामले में गठित स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम के प्रभारी तथा महिला अपराध विशेष अनुसंधान प्रकोष्ठ के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक किशोर बूटौलिया कुछ भी बताने से बचते रहे। वे हर सवाल के जवाब में ये ही कहते रहे कि जांच चल रही है। अंत में तो यहां तक कह दिया कि कुछ भी बताने से मुलजिमों को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि हर एंगल से जांच कर रहे हैं। कुछ भी बताना अभी संभव नहीं।
जांच चल रही है
इस मामले में अभी जांच जारी है। कई संदिग्ध लोगों से पूछताछ की गई है। मामला संवेदनशील होने से पुलिस हर पहलू पर विचार करके अनुसंधान में जुटी है। ऐसे मामलों के विशेषज्ञों से तकनीकी रिपोर्ट भी जुटाई जा रही है। मामले की जांच के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी किशोर बूटोलिया के नेतृत्व में करौली वृताधिकारी, करौली सदर, लांगरा, करौली कोतवाली के थानाधिकारी को शामिल करते हुए स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम गठित की हुई है।
शैलेन्द्र सिंह इंदौलिया, जिला पुलिस अधीक्षक, करौली
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