पुलिस सूत्रों के अनुसार जिस प्रकार से मृतका की चप्पल शव के पास मिली हैं, उससे आत्महत्या का संदेह भी जाहिर होता है। हत्या की स्थिति में विरोध किए जाने और मारकर फेंकने के दौरान पैरों में चप्पलों का रहना संभव नहीं लगता है। मृतका का शव उल्टा पड़ा था, यानी चेहरा जमीन की ओर था। इसको लेकर भी पुलिस अलग तरीके से आंकलन कर रही है। पुलिस यह तो सच मान रही है कि वह अकेली किले पर किताब-बैग लेकर पहुंची है। इसके बाद उसका सम्पर्क किनसे हुआ और आगे उसकी क्या गतिविधि रही, इसका पता नहीं चल सका है। पुलिस सूत्रों के अनुसार पोस्टमार्टम रिपोर्ट के निष्कर्ष के आधार पर फोरेंसिक एक्सपर्ट से मशिवरा भी किया जायेगा, जिससे हत्या या आत्महत्या के बारे मे स्पष्टता हो सके।
घर से किशोरी के निकलने के दौरान घर पर उसकी केवल मां थी। अन्य परिजन किसी रिश्तेदारी में गए हुए थे। पुलिस ने जांच के दौरान मृतका किशोरी की सहेलियों से उसके सम्पर्कों के बारे में पूछताछ की है। इसमें सामने आया है कि वह स्वयं तो मोबाइल नहीं रखती थी, लेकिन अपनी सहेलियों के मोबाइल का उपयोग किया करती थी। पुलिस अधिकारी कहते हैं कि ये मामला इतना संवेदनशील है कि परिजनों से कुछ ज्यादा पूछताछ भी नहीं कर सकते। जबकि ज्यादातर सुराग मिल पाना परिजनों और सहेलियों से पूछताछ में ही संभव है। ऐसे में पुलिस केवल क्षेत्र के आपराधिक प्रवृति के लोगों से पूछताछ करके शांत बैठ गई है।
इस मामले में गठित स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम के प्रभारी तथा महिला अपराध विशेष अनुसंधान प्रकोष्ठ के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक किशोर बूटौलिया कुछ भी बताने से बचते रहे। वे हर सवाल के जवाब में ये ही कहते रहे कि जांच चल रही है। अंत में तो यहां तक कह दिया कि कुछ भी बताने से मुलजिमों को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि हर एंगल से जांच कर रहे हैं। कुछ भी बताना अभी संभव नहीं।
इस मामले में अभी जांच जारी है। कई संदिग्ध लोगों से पूछताछ की गई है। मामला संवेदनशील होने से पुलिस हर पहलू पर विचार करके अनुसंधान में जुटी है। ऐसे मामलों के विशेषज्ञों से तकनीकी रिपोर्ट भी जुटाई जा रही है। मामले की जांच के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी किशोर बूटोलिया के नेतृत्व में करौली वृताधिकारी, करौली सदर, लांगरा, करौली कोतवाली के थानाधिकारी को शामिल करते हुए स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम गठित की हुई है।
शैलेन्द्र सिंह इंदौलिया, जिला पुलिस अधीक्षक, करौली