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करौली

शहर में ड्रेनेज सिस्टम फेल, नासूर बनी जलभराव की समस्या

The accused fainted during the raid, the police lost consciousness, the doctors referred to Jaipur
चंद मिनट की बारिश से बाजार जलमग्न, दरिया बन जाती हैं राहें

करौलीJul 04, 2022 / 11:15 am

Anil dattatrey

शहर में ड्रेनेज सिस्टम फेल, नासूर बनी जलभराव की समस्या

शहर में ड्रेनेज सिस्टम फेल, नासूर बनी जलभराव की समस्या

हिण्डौनसिटी. शहरवासियों के लिए जलभराव के समस्या नासूर बनी हुई है। चंद मिनट की बारिश में ही बाजार लबालब हो जाते हैं और रास्ते जलमग्न। पुख्ता डे्रनेज सिस्टम के अभाव में आम दिनों में भी बाजार में जल निकासी की समस्या परेशानी का सबब बनी है। जल निकासी के लिए खारी नाले पर करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी जलभराव की समस्या से निजात नहीं मिली है। दशकों तक जलनिकासी माध्यम रहा खारी नाला ही लोगों की परेशानी बन गया है।
यूं तो मानसून से पहले नगर परिषद द्वारा नालियों और नालों के सफाई का अभियान चला बारिश में जल निकासी का प्रबंध तय किया जाता है। लेकिन प्री- मानसून की बारिश हर साल प्रबंध फेल हो जाते हैं। ऐसे में पुरानी बस्तियों, बाजार सहित शहर के प्रमुख मार्ग जलमग्न नजर आते हैं। शहर में खारी नाले के अलावा जन निकासी के लिए दशकों बाद भी वैकल्पिक ड्रेनेज सिस्टम कायम नहीं हो पाया है। करौली रोड कोतवाली के पास की बस्तियों से लेकर नई मण्डी, मोहन नगर, बाजार और पुरानी आबादी क्षेत्र का जल निकासी का दबाव खारी नाले पर है। ऐसे में बाजार और सड़कों पर बारिश थमने के 3-4 घंटे तक जलभराव की स्थिति रहती है।
यहां होता है जल भराव-
शहर में बारिश के दौरान कटरा बाजार, पुरानी अनाज मंडी बाजार, कम्बलबाल मार्केट, धाकड़ पोठा बाजार, डेम्परोड़ बाजार, दिलसुख टाल गली, सुखदेवपुरा, शीतला चौराहा, दुब्बे पाड़ा, ब्राह्मण धर्मशाला रोड, अस्पताल तिराहा, जगदम्बा मार्केट, करौली रोड़ पर रोडवेज डिपो सामने, पंचायती मंदिर, कोतवाली के पास, स्टेशन रोड, मण्डावरा रोड पर कई स्थानों पर जल भराव होता है।

कीचड़ से अटी तो कहीं मिट्टी में गुम हुई नालियां-
शहर में जल निकासी के लिए बाजार से लेकर प्रमुख रास्तों सहित कॉलोनियों में नालियां बनाई हुई हैं। लेकिन जिम्मेदारों के अनदेखी से कहीं नालियां कीचड़ से अटी हैं तो कहीं मिट्टी के भराव से गुम हो गई हैं। स्टेशन रोड पर ओवर ब्रिज के मुहाने से लेकर बयाना मोड़ चुंगी नाका तक की नालियों की कमोबेश यहीं स्थिति है।
यूं बनीं समस्या-
कटरा बाजार के दुकानदार बाबूलाल महाजन व परमेश चंद ने बताया कि करीब पांच वर्ष पहले बाजार में बारिश के दौरान कुछ देर के लिए जलभराव होता और आधे घंटे में खारी नाले से पानी बह कर शहर से बाहर निकल जता। वर्ष 2017 में खारी नाले का पटाव होने से जलभराव की समस्या गंभीर हो गई है। दुकानों में पानी घुसने से हर वर्ष बाजार में लाखों रुपए का नुकसान होता है।
जल निकासी के हों वैकिल्पक प्रबंध-
बाजार में जलभराव से पीडित दुकानदारों ने बताया कि खारी नाले में धरातल कर सतह असमान होने जल निकासी नहीं हो पाती है। नाले में कीचड़ अटने से घरों से निकल वाले रोजमर्रा के पानी का बाजार में ही भराव होता है। दुकानदार ज्योति प्रकाश व गोपाल कम्बलवाल का कहना है कि नाले के मुहाने व रोड़क्रॉस नालियों की नियमित सफाई कराने व नाले के सामानांतर जल निकासी के लिए वैकल्पिक डे्रेनेज सिस्टम बनाने से सुगम जल निकासी हो सकती है।
इनका कहना है
मुख्य रास्तों सहित कॉलोनियों में नालियों की सफाई कराई गई है। जल निकासी के लिए चौपड़ सर्किल के डेम्परोड़ बाजार तक नाली निर्माण कराया जा रहा है। जलभराव की स्थिति में त्वरित निकासी के लिए तात्कालिक इंतजामों की पूरी तैयारी की हुई है।
बृजेश कुमार जाटव, सभापति
नगर परिषद हिण्डौनसिटी।

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