गुरुवार को करौली दौरे पर आए वशिष्ठ ने पत्रिका से विशेष बातचीत में कहा कि विधानसभा चुनाव में कुछ जातियों का ऐसा गठजोड़ रहा जिसके कारण भाजपा की हार हुई। संसदीय चुनाव में जातिगत फैक्टर काम नहीं करेगा। वे बोले कि देश को प्रगति की ओर अग्रसर करने में नरेन्द्र मोदी का अतुलनीय योगदान है। देश में उनसे बेहतर नेतृत्व कोई और नहीं।
ऐसे में जातिगत फैक्टर अब असरकारक नहीं रहेगा। राष्ट्रीय मुद्दे प्रभावी रहेेंगे। पार्टी में गुटबाजी की स्थिति को नकारते हुए उन्होंने कहा कि सम्पर्क-संवाद और समन्वय की कमी से कुछ नाराजी बन जाती हैं जिसको मिल बैठकर दूर किया जाएगा। बेहतर प्रबंधन से काम करके कार्यकर्ताओं के साथ सभी जाति वर्गो को जोडऩे का प्रयास करेंगे।
सांसद के लिए पार्टी टिकट के सवाल पर वशिष्ठ ने कहा कि जो पार्टी की रीति नीति की समझ रखता हो। जिसका कार्यकर्ताओं से समन्वय और संवाद ठीक हो। ऐसे व्यक्ति को वे प्राथमिकता देना चाहेंगे। मौजूदा सांसद के कामकाज को लेकर उन्होंने संतोष व्यक्त किया।
साथ ही बताया कि टिकट का निर्णय हाइकमान करेगा। वे सभी टिकटार्थियों के आवेदन अपनी राय के साथ हाइकमान को भेज देंगे। कार्यकारिणी व मंडलों में बदलाव को लेकर उनका कहना था कि परिवर्तन सतत प्रक्रिया है। बातचीत करके जहां आवश्यक होगा वो परिवर्तन करेंगे। लेकिन सबको साथ लेकर चलेंगे।
एक बूथ पर तीन मत बढ़ाने हैं जिलाध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश में 51 हजार कुल बूथ हैं। इन सभी पर भाजपा को कांग्रेस के मुकाबले में 1 लाख 50 हजार वोट कम मिले। इस प्रकार 3 मत एक बूथ पर भाजपा को कम प्राप्त हुए। यह अंतर कोई अधिक नहीं है।
हम प्रत्येक बूथ कार्यकर्ता से संवाद करके इस अंतर को खत्म करने का प्रयास करेंगे। इसके लिए बूथ कमेटियों को मजबूत करने का काम प्राथमिकता से करने की योजना है। उन्होंने स्वीकार किया कि समय कम है लेकिन उन्होंने दावा किया कि प्रत्येक कार्यकर्ता जानता है कि यह राष्ट्र निर्माण का चुनाव है। इसलिए वह राष्ट्रवादी सोच से पूरी ऊर्जा के साथ काम करने को तैयार हैं।