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बढ़ाया जाए शिक्षा का बजट, रोजगारोन्मुखी हों पाठ्यक्रम

locationकरौलीPublished: Jan 20, 2020 10:36:05 pm

Submitted by:

Anil dattatrey

The budget of education should be increased, courses should be employment oriented

बढ़ाया जाए शिक्षा का बजट, रोजगारोन्मुखी हों पाठ्यक्रम

निजी शिक्षण संस्थान संचालकों से प्री-बजट चर्चा

हिण्डौनसिटी. मोदी सरकार 2.0 के आगामी केन्द्रीय बजट को लेकर राजस्थान पत्रिका की ओर से आयोजित प्री-बजट चर्चा में निजी शिक्षण संस्थान संचालकों ने विचार रखे। शहर के शिक्षक और विद्यार्थियों को आगामी बजट से काफी उम्मीदें है। उन्होंने प्रमुख रूप से शिक्षा बजट को बढ़ाने के अलावा रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम लागू करने की बात कही।
रोजगार परक हो शिक्षा-
हमारे सामने सबसे बड़ी समस्या शिक्षित बेरोजगारी की है। आज युवा वर्ग शिक्षित हो कर भी इधर-उधर घूम रहा है। अगर इन शिक्षित बेरोजगारों में से आधे ही लोगों को ही रोजगार मिल जाए तो हिन्दुस्तान की तस्वीर बदल जाएगी। आज रोजगार परक शिक्षा की आवश्यकता है। जिससे युवा नौकरी के पीछे भागने के बजाए स्वयं रोजगार स्थापित कर सके।-
-विकास फौजदार
एक समान हो पाठ्यक्रम –
आगामी बजट में सरकार को देशभर में एक समान पाठ्यक्रम लागू करना चाहिए। जिससे सबको समान शिक्षा का अवसर मिल सके। जब सभी विद्यार्थी एक ही पाठ्यक्रम पढ़ेंगे तो दूसरे राज्यों में शिक्षा के स्तर में समानतपा रहेगी।-
-मनीष चौधरी
शिक्षा में क्षेत्रीय भाषाओं का समावेश-
आज के दौर में क्षेत्रीय भाषाए विलुप्त होती जा रहीं है। इन भाषाओं के संरक्षण व संवर्धन की आवश्यकता है। सरकार को स्वदेशी भाषाओं को संरक्षित, पुनर्जीवित कर बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तत्काल आवश्यक कदम उठाने चाहिए।
-वर्धमान जैन।
निजी स्कूलों को मिले रियायत-
निजी शिक्षण संस्थानों को भी सुविधा और संसाधनों के लिए वाणिज्यिक गतिविधियों से हटाकर शैक्षणिक संस्थानानिक रूप में शामिल किया जाना चाहिए। जैसे बिजली कनेक्शनों में सरकारी विद्यालयों के समान रियायत, आरटीई की राशि का समय पर भुगतान मिलना चाहिए।
-गौरव दत्तात्रेय।
प्रतिभाओं से नहीं हो भेदभाव-
निजी स्कूल व सरकारी स्कूलों के मेधावियों को समान समझ कर प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। जिससे होनहारों कुंठाए उत्पन्न होने के बजाए आगे बढऩे का हौंसला मिल सके।-
-आकाश जैन

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