क्षेत्र की नदियों में भी किया विसर्जन कुछ ने तो गंगाजी जाने की स्थिति नहीं बन पाने के कारण इलाके में बह रही चम्बल, पांचना नदियों में अस्थियों का विसर्जन कर डाला है। कुछ ने अस्थियों को पेड़ों पर लाकर लटकाया है तो कुछ ने अपने घर में इनको सुरक्षित रखा है। करौली मोक्षधाम में अस्थियों को रखने के लिए लॉकर बने हुए हैं। लेकिन यहां केवल 10 मृतकों की अस्थि रखने की व्यवस्था उपलब्ध है जो काफी दिनों से फुल हैं।
इसी क्रम में पिछले दिनों मोक्षधाम सेवा समिति के सचिव बबलू शुक्ला तथा नगरपरिषद सभापति के पुत्र अमीनुद्दीन ने इस दिशा में पहले करके जिला कलक्टर को ज्ञापन देकर अस्थि विसर्जन की व्यवस्था के लिए वाहन (बस) की अनुमति चाही थी। कलक्टर ने प्रदेश स्तर से तो बस की अनुमति की व्यवस्था कर दी लेकिन उत्तरप्रदेश सरकार की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों के कारण अस्थि विसर्जन के लिए वाहन की अनुमति नहीं मिल सकी।