राजस्थान के इस गांव में संदिग्ध पानी की जांच से भी परहेज,कालागुड़ा में कैंसर बना काल
करौलीPublished: Oct 11, 2018 07:38:56 pm
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राजस्थान के इस गांव में संदिग्ध पानी की जांच से भी परहेज,कालागुड़ा में कैंसर बना काल
करौली. सपोटरा तहसील के कालागुड़ा गांव व उसकी ढाणियों में कैंसर १७ मौतों के मामले में ग्रामीण पानी पर भी संदेह जता रहे हैं। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने ग्रामीणों के इस संदेह को दूर करने का प्रयास भी नहीं किया है। कालागुड़ा के सरपंच बत्तीलाल मीना, ग्रामीण रत्तीलाल मीना तथा अन्य बताते हैं कि गांव हरियाळी के बीच बसा हुआ है। उनका खान-पान भी देशी और पौष्टिक है। उनको संदेह पानी की खराबी को लेकर है। उन्होंने बताया कि एक सरकारी नलकूप से पानी की सप्लाई पांच साल पहले शुरू हुई है। ये संयोग भी हो सकता है कि इस नलकूप लगने के बाद से गांव में कैंसर ने पैर पसारना शुरू किया। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में लगातार कैंसर के रोगी सामने आने पर पढ़े-लिखे युवकों ने पानी की जांच की मांग चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से की। विभाग के अफसरों ने इसे अनदेखा कर दिया।
उल्लेखनीय है कि एक छोटे तालाब के समीप नलकूप लगा हुआ है। इस तालाब में ख्रेतों का पानी भी पहुंचता है।
पानी भी हो सकता है कारण
राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय करौली के वनस्पतिशास्त्र विषय के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. वीके शर्मा ने बताया कि खेतों में दिए जाने वाला फर्टीलाइजर व पेस्टिसाइड (कीटनाशक) पानी में पहुंचता है तो कैंसर की आशंका रहती है। पंजाब, गुडग़ांव तथा नोएडा के गांवों में इस प्रकार के मामले सामने आए हैं। उन्होंने बताया कि बारिश के दौरान फर्टीलाइजर व पेस्टिसाइड व हर्वीसाइड्स पानी के साथ तालाब में पहुंचता है। तालाब का पानी नलकूप में आ रहा है तो इससे कैंसर होने कीआशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है। शर्मा के अनुसार पानी में उपस्थित हैवी मैटल व रेडियो एक्टिव मैटल से गहन अनुसंधान तथा पानी की जांच के बाद ही सही कारणों का पता चलेगा।
अब कराएंगे जांच पानी की
जिले के उपमुख्य चिकित्सा व एवं स्वास्थ्य अधिकारी व सपोटरा के ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी डॉ. पूरणमल वर्मा ने बताया कि कालागुड़ा व उसकी ढाणियों से कैंसर रोगी सामने आ रहे हैं, जो चिंता की बात है। उनकी समझ नहीं आ रहा है कि इतनी संख्या में रोगी क्यों आ रहे हैं। क्योंकि गांव हरियाली के बीच में तथा पर्यावरण शुद्व है। उन्होंने बताया कि अब पानी की जांच कराई जाएगी। इसके लिए विभाग के उच्च अधिकारियों को गुरुवार को पत्र लिखा गया है। उल्लेखनीय है कि राजस्थान पत्रिका में 11 अक्टूबर को कालागुड़ा में कैंसर बना काल शीर्षक से समाचार प्रकाशित हुआ था। इसके बाद हरकत में चिकित्सा विभाग ने पानी की जांच कराने की पहल शुरू की है।