पीडि़त महेंद्र नाथ ने बताया कि शनिवार रात को ऊमस भरी गर्मी होने से वह सपरिवार घर के बाहर आंगन में सोए हुए थे। आकाश में बादल छाए रहने के दौरान रात करीब 11 बजे एकाएक बिजली चमक और गडगड़ाहट के साथ उसका मकान ढहर गया। गर्जना से मकान की छत व दीवारों के गिरने की आवाज सुन परिजल सहम गए। मकान के कक्षों मेंं रखा हजारों रुपए की कीमत का अनाज, पंखा, टीवी, कूलर आदि सामान मलबे में दब गया। रविवार सुबह घटना की जानकारी लेने के लिए मौके पर भीड जमा हो गई।
ग्रामीणों ने बताया कि आकाशीय बिजली के प्रभाव से पास स्थित नीम का पेड़ का तना भी फट गया। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से अकाशीय बिजली पीडित परिवार को आर्थिक सहायता मुहैया कराने की मांग की है। ताकि परिवार को लिए धूप और बारिश से बचाव के लिए छत मिल सके।