सुबह लोग नींद से जागे तो वातावरण में घना कोहरा नजर आया। लोग अलावों के सहारे सर्दी से बचाव करते नजर आए। सबसे अधिक परेशानी स्कूली बच्चों को हुई। वे गर्म लिबासों में लिपटे सडक़ किनारे स्कूली वाहनों का इंतजार करते दिखे। सुबह के समय दृश्यता भी लगभग 8 से 10 मीटर रह गई। जिससे दिल्ली-मुम्बई रेल मार्ग पर ट्रेनों की गति धीमी रही। जबकि प्रमुख सडक़ मार्गों पर वाहन भी धीमी रफ्तार से निकलते देखे गए।
दिन में आसमान में बादलों की आवाजाही बनी रही, जिससे कभी धूप कभी छांव का माहौल नजर आया। लोग धूप के लिए तरस गए। कोहरे की मार से बचने के लिए लोग अपने घरों में ही दुबके रहे। सुबह के समय सडक़ों पर लोगों की आवाजाही कम रही। जरूरी होने पर ही लोग घरों से बाहर निकले।
इधर बारिश के बाद बढ़ी सर्दी के चलते लोग बीमारियों की चपेट में आने लगे हैं। इसका असर राजकीय चिकित्सालय की ओपीडी में दिखाई देने लगा है। सर्दी के चलते लोग बुखार, जुकाम व खांसी की चपेट आने लगें हैं। ज्यादातर बच्चे व वृद्धजनों को सर्दी बीमार कर रही है।