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37 करोड़ से बन रहे 5 एनिकट निर्माण पर अफसरों की ‘कृपा’

locationकरौलीPublished: Aug 09, 2022 12:11:08 am

Submitted by:

Anil dattatrey

The ‘grace’ of the officers on the construction of 5 anicuts being built with 37 crores
संवेदकों पर मेहरबान जल संसाधन विभाग के अभियंता
अनदेखी: एनिकटों के निर्माण में देरी और अनियमितता के लग रहे आरोप

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हिण्डौनसिटी. नदी और नालों में बहकर आने वाले बारिश के पानी को संग्रहित करने की मंशा से 37 करोड़ रुपए से अधिक लागत से क्षेत्र में बनाए जा रहे पांच एनिकटों के निर्माण में मापदंडों की अनदेखी की जा रही है। आरोप है कि जल संसाधन अभियंताओं की संवेदकों पर ‘कृपा’ के चलते इन एनिकटों का गुणवत्ताहीन निर्माण हो रहा है। हिण्डौन क्षेत्र में गंभीर नदी के बहाव क्षेत्र में पांच एनिकटों का निर्माण चल रहा है। आरोप है कि ठेकेदारी अनुकम्पा से बोझ तले दबे अभियंताओं ने संवेदकों द्वारा कराए जा रहे गुणवत्ताहीन निर्माण से नजरें चुरा रखी हैं। सूत्र बताते हैं कि निर्माण में सरिया, गिट्टी, सीमेंट का घटीया स्तर का प्रयोग किया जा रहा है।
नदी का रेता (लाल बजरी) काम में ली जा रही है। जबकि कुछ माह पहले महू के एनीकट निर्माण में लाल बजरी की मिलावट की शिकायत पर निर्माण कार्य को तुड़वाया जा चुका है। खास बात यह है कि श्रीमहावीरजी एनिकट का निर्माण तो अभी शुरु भी नहीं हुआ है। इसका कारण है कि बारिश का मौसम निर्माण कार्य के अनुकूल नहीं है। ऐसे में मापदंडों की अनदेखी और अनियमितताओं के साथ निर्माण कार्य की धीमी चाल भी एनीकटों के समय पर पूरा होने पर सवाल खड़े होना लाजिमी है।
जितना निर्माण उससे अधिक किया भुगतान

आरोपों के अनुसार गुणवत्ताहीन और धीमी गति के निर्माण के बावजूद जल संसाधन विभाग के अभियंता संवेदकों पर मेहरबान हैं। सूत्र बताते हैं कि कार्यादेश जारी करने के बावजूद संवेदकों ने निर्माण आरंभ नहीं किए, लेकिन वित्तीय वर्ष 2021-22 के अंतिम दिनों में संवेदकों को करोड़ों रुपए का भुगतान कर दिया गया। पोल खुलने पर शिकायतें भी हुईं। जांच की आंच आई तो अभियंता सेटिंग-गेटिंग का खेल खेलने लगे।
विभागीय सूत्रों की मानें तो महू एनीकट का निर्माण कर रहे संवेदक को अब तक 2 करोड़ 91 लाख, भोपुर-बहादुरपुर एनिकट बना रहे संवेदक को 2 करोड 22 लाख, सिद्ध आश्रम पहाड़ी के एनीकट की निर्माण एजेंसी को 1 करोड़ 94 लाख तथा आरेज-किरवाडा-शेखपुरा एनीकट निर्माण कर रहे ठेकेदार को 2 करोड 65 लाख रुपए का भुगतान किया जा चुका है।आरोप लगाए जा रहे हैं कि ठेका फर्मो के रसूख और राजनीतिक संरक्षण के साथ मोटे कमीशन के बोझ से दबे जल संसाधन विभाग के अभियंता इन पर मोहरबान हैं और शिकायतों को विभाग के अधिकारी अनदेखी कर देते हैं।
निर्माण की धीमी चाल

भोपुर-बहादुरपुर एनिकट निर्माण के लिए 9 अप्रेल 21 को कार्यादेश जारी किए गए, लेकिन 17 माह बीतने के बावजूद भी एनिकट का निर्माण 35 से 40 प्रतिशत हो पाया है। जबकि 18 अक्टूबर 2022 को एनिकट निर्माण पूरा करना है। ऐसे में शेष तीन माह से भी कम समय में एनिकट का 60-65 प्रतिशत कार्य पूरा करना मुश्किल दिख रहा है। सिद्ध आश्रम पहाडी के एनीकट निर्माण के लिए कार्यादेश तो 20 जनवरी 22 को हो गए, लेकिन संवेदक ने देरी से कार्य शुरु किया। अभी तक 45 से 50 प्रतिशत निर्माण यहां पूरा हो सका है। इसका निर्माण 29 अक्टूबर 23 को पूरा करना है। महू एनिकट के कार्यादेश 24 जनवरी 22 को हुए, लेटलतीफी के कारण 30 से 35 प्रतिशत कार्य पूरा हुआ है। इसका निर्माण 2 नवम्बर 23 को पूरा करना होगा। आरेज-किरवाडा-शेखपुरा एनीकट के निर्माण के कार्यादेश तो 7 फरवरी 22 को कर दिए, लेकिन अभी महज 35 से 38 प्रतिशत कार्य पूरा हो सका है।

यहां बन रहे एनिकट

मुख्यमंत्री बजट घोषणा के तहत गंभीर नदी के बहाव क्षेत्र में स्वीकृत पांच एनिकटों का निर्माण कुल 37 करोड 37 लाख की लागत से हो रहा है।इनमें से भोपुर-बहादुरपुर एनिकट के निर्माण पर 5 करोड़ 39 लाख 71 हजार रुपए, सिद्ध आश्रम पहाड़ी के एनिकट निर्माण पर 7 करोड़ 23 लाख, 63 हजार रुपए, आरेज-किरवाडा-शेखपुरा एनीकट निर्माण पर 12 करोड़ 11 लाख 38 हजार रुपए, महू एनिकट निर्माण पर 5 करोड़ 80 लाख 60 हजार रुपए एवं श्रीमहावीरजी एनिकट के निर्माण पर 6 करोड़ 81 हजार 69 हजार रुपए खर्च किए जाने हैं।
इनका कहना है

एनिकटों के निर्माण कार्य की समय-समय पर अभियंताओं के द्वारा जांच की जाती है। गुणवत्ताहीन सामग्री की शिकायत है, तो जांच कराएंगे। बाकि अभी तक तो भुगतान से लेकर निर्माण कार्य में अनियमिता नहीं पाई गईं। –सुशील गुप्ता, अधिशासी अभियंता, जल संसाधन विभाग
37 करोड़ से बन रहे 5 एनिकट निर्माण पर अफसरों की ‘कृपा’
37 करोड़ से बन रहे 5 एनिकट निर्माण पर अफसरों की ‘कृपा’
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