उनका कहना था कि चिकित्सालय से बेचे गए सामान में कोविड वार्ड का कबाड भी शामिल हैं जो संक्रमित है। इसके बावजूद इसे आबादी क्षेत्र में लाकर डाला गया है। इससे तो संक्रमण फैलने की आशंका रहेगी। कॉलोनीवासियों ने कहा कि इस सामान को या तो किसी खुले स्थान पर डलवा कर बाहर भेजा जाए या फिर चिकित्सालय परिसर से ही इसका परिवहन किया
जाना चाहिए। कॉलोनी के लोग यह शिकायत सभी अधिकारियों से करते रहे लेकिन किसी ने उनकी शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया। अस्पताल का कबाड आबादी क्षेत्र में लाकर जमा कर दिया गया है।
गौरतलब है कि करौली में इस कबाड को खरीद बाहर भेजा जाता है लेकिन फिलहाल कबाडी ने सामान को कॉलोनी की गली में लाकर पटक दिया। आरोप है कि यह सामान रास्ते में डालने से आवागमन भी बाधित हो रहा है। इसी को लेकर लोगों ने विरोध जताया लेकिन उनकी किसी अधिकारी ने नहीं सुनी।
आबादी में भण्डारण नियम विरुद्ध भी
वैसे नियम यह है कि कबाड का भण्डारण आबादी क्षेत्र में होना नहीं चाहिए। इसके बावजूद इन्दिरा कॉलोनी सहित शहर के अनेक स्थानों पर आबादी क्षेत्र में कबाड का सामान एकत्र किया जाता है। इंदिरा कॉलोनी के निवासियों ने तो कबाड के सामान के स्टॉक को हटाने के लिए उपखण्ड अधिकारी के न्यायालय में प्रदूषण अधिनियिम के तहत इस्तगासा भी पुलिस के जरिए पेश किया था। जिला न्यायालय में भी याचिका पेश की थी। इस पर सड़क क्षेत्र से कबाड को हटाने के आदेश भी दिए गए लेकिन इसके बाद भी कॉलोनीवासियों को राहत नहीं मिल सकी है।
इनका कहना है..
इस बारे में उपखण्ड अधिकारी देवेन्द्र सिंह परमार ने कहा कि ये सामान संक्रमित नहीं है। कोविड वार्ड से नहीं बल्कि चिकित्सालय में रखे पुराने सामान को नीलाम किया गया है। जल्दी एक-दो दिन में इसे अन्यत्र भेजने के लिए लोड करा दिया जाएगा।