राजकीय माध्यमिक विद्यालय बिचुपरी में कार्यरत वरिष्ठ अध्यापक फिलहाल उपजिला कलक्टर कार्यालय में व्यवस्था बतौर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। कोरोना से आई संकट की घड़ी में इन्होंने भी गत 27 मार्च से एक प्रण किया, जिसके तहत भारद्धाज प्रतिदिन एक भामाशाह को आर्थिक सहयोग के लिए तैयार करते हैं।
उन्होंने संकल्प लिया हुआ है कि प्रतिदिन जब तक एक भामाशाह के जरिए जिला प्रशासन के माध्यम से सहायता कोष में आर्थिक सहयोग नहीं दिलाया जाए, तब तक वे अन्न भी ग्रहण नहीं करते। दानदाताओं-भामाशाहों के साथ वे स्वयं कलक्ट्रेट पहुंचते हैं और जिला कलक्टर को सहायता राशि का चेक सौंपते हैं। अब तक वे जिला कलक्टर सहायता कोष में 3 लाख 60 हजार रुपए से अधिक की आर्थिक सहायता के चेक दिला चुके हैं।
भारद्वाज कहते हैं कि मेरी एक छोटी से कोशिश से मानव सेवा हो जाए, बस यही सोचकर मैं प्रतिदिन एक भामाशाह के जरिए सहयोग का संकल्प लेकर कार्य कर रहा हूं। इससे मुझे आत्म संतुष्टि भी हो रही है। फिलहाल 14 अप्रेल तक के लिए यह संकल्प है। भारद्वाज के अनुसार उनके द्वारा कम से कम 5100 रुपए की सहायता के लिए भामाशाहों को प्रेरित किया जाता है, लेकिन कई लोगों व संगठनों ने उनके प्रयास से 11 हजार से लेकर एक लाख रुपए तक दिए हैं। गुरुवार को तो दानदाताओं को राशि के साथ भोजन के पैकेट वितरण के लिए भी उन्होंने प्रेरित किया।