करौली

पौने दो साल में नहीं हुई बैठक ,प्रमुख शासन सचिव ने दिए थे निर्देश,लोह अयस्क प्रोजेक्ट स्थापित करने का मामला

rajaszthan paztrika hindi news/com

करौलीMar 06, 2019 / 09:49 pm

vinod sharma

पौने दो साल में नहीं हुई बैठक ,प्रमुख शासन सचिव ने दिए थे निर्देश,लोह अयस्क प्रोजेक्ट स्थापित करने का मामला

पौने दो साल में नहीं हुई बैठक ,प्रमुख शासन सचिव ने दिए थे निर्देश,लोह अयस्क प्रोजेक्ट स्थापित करने का मामला
करौली. हिण्डौन सिटी इलाके की पहाडिय़ों में लोह अयस्क का प्रोजेक्ट स्थापित करने के मामले में अधिकारी कितने गम्भीर है इसका नमूना यह है कि पौने दो साल बाद भी इस प्रोजेक्ट में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए अधिकारियों की संयुक्त बैठक भी नहीं हो सकी है।
इस कारण इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट में पौने दो साल बाद भी ढाक के तीन पात जैसी स्थिति है। इस प्रोजेक्ट की समीक्षा के लिए जुलाई २०१७ में खान एवं पेट्रोलियम विभाग के तत्कालीन प्रमुख शासन सचिव ने करौली के जिला कलक्टर, खनिज विभाग के अधिकारियों की संयुक्त बैठक ली। बैठक में जमीन के विवाद को समाप्त कर प्रोजेक्ट की गति देने के आदेश दिए। इसके लिए करौली में जिला कलक्टर की मौजूदगी में राजस्व, वन, खनिज विभाग के अधिकारियों की बैठक होनी थी। सूत्रों ने बताया कि बैठक के नोडल अधिकारी खनिज विभाग ने तत्कालीन कलक्टर व उपवन संरक्षक से समय मांगा। लेकिन दोनों ने ही बैठक आयोजित करने में रुचि नहीं दिखाई, जिससे प्रोजेक्ट की समीक्षा तक नहीं हो सकी है। वरिष्ठ भू-वैज्ञनिक एपी सिंह ने बताया कि संयुक्त बैठक में जमीन के विवाद का निस्तारण तथा प्रोजेक्ट स्थापित करने में आ रही दिक्कतों का समाधान करना था लेकिन बैठक नहीं हो पाई।
इस विवाद का होना था निस्तारण
अधिकारियों की संयुक्त बैठक में सर्वे ऑफ इंडिया की टोपो शीट व राजस्व रिकॉर्ड का मिलान कर जमीन के विवाद का निस्तारण होना था। राजस्व रिकॉर्ड 19८४-१९८५ के अनुसार दैदरोली, टोडूपुरा, लीलोटी व खोहर्रा की पहाड़ी सिवायचक व चारागाह जमीन है। इसके विपरीत सर्वे ऑफ इंडिया की टोपो शीट १९७३ में पहाडिय़ों को वन क्षेत्र में बताया है। इस कारण वन विभाग पहाडियों को अपनी मानता है। दोनों विभागों के बीच के इसी विवाद का निपटारा होना था कि टोपो शीट सही है या राजस्व विभाग का रिकॉर्ड। इस विवाद के निस्तारण से लोह के खनन करने की राह प्रशस्त होगी।
१८८० हैक्टेयर में है पहाडिय़ां
हिण्डौन सिटी क्षेत्र के देदरौली, टोडूपुरा, खोहर्रा व लिलोटी क्षेत्र में जिन पहाडियों पर लोह अयस्क पाया गया है, वे १८८० हैक्टेयर में है। क्षेत्रों में की गई खुदाई में १२३७ मिलियन टन लोह अयस्क होने का अनुमान लगाया गया। इस दौरान ४८७ मीलियन टन मैगनेटाइट और ७५० मिलीयन टन होमाटाइट अयस्क पाया गया। खनिज विभाग के वैज्ञानिक बताते है कि इन पहाडिय़ों में उच्च क्वालिटी का लोह अयस्क मिला है।
तेज गति से हो काम
लोह अयस्क का प्रोजेक्ट स्थापित होने के बाद क्षेत्र की दशा बदल जाएगी, जिससे अधिकारियों को तेज से काम करना चाहिए।
डॉ. बीएल मीना निजी हॉस्पिटल संचालक व निवासी कालाखाना
जनप्रतिनिधियों से करेंगे मांग
क्षेत्र में लोह-अयस्क के प्रोजेक्ट को गति देने के लिएक्षेत्र के ग्रामीण जनप्रतिनिधियों से मुलाकात करेंगे। अधिकारी जल्द ही बैठक आयोजित कर जमीन के विवाद का निपटारा करें।
मुनेश मीना सहायक आचार्य राजकीय कन्या महाविद्यालय व निवासी मनेमा
अधिकारियों की बैठक जल्द हो
प्रोजेक्ट स्थापित करने में अधिकारियों की उदासीनता सामने आई है, अब जमीन के विवाद के निपटारे के लिए अधिकारियों की संयुक्त बैठक जल्द होनी चाहिए।
बजरंग सिंह फौजदार ग्रामीण

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