गंगापुरसिटी मार्ग पर राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के बाहर लगे संविधान की प्रस्तावना के शिलालेख के चारों ओर झाडिया उगी हैं व गंदगी का जमावड़ा है। देखरेख नहीं होने से स्मारक का फाउंडेशन जीर्ण-शीर्ण होने लगा है। शिलालेख को ग्रामीण संविधान की प्रस्तावना की बजाय शहीद स्मारक के नाम से जानते हैं।
गौरतलत है कि स्वतंत्रता सैनानियों के संघर्ष की स्मृति में आजादी की 25 वी वर्ष गांठ पर वर्ष1972 में भारत सरकार ने शिलालेख लगवाया था। करीब साढ़े पांच फीट ऊंचे स्मारक के अग्रभाग पर संविधान की प्रस्तावना उकेरी हुई है। जिस पर संविधान के मूल उद्देश्य न्याय, स्वतंत्रता, समता और बंधुतामय विवरण के अंकित हंै। वहीं पीछे की तरफ स्वतंत्रता सैनानी रहे उपखण्ड के हिण्डौन निवासी प्रेमनिधि अग्रवाल व सूरौठ निवासी मूलचंद शर्मा का नाम अंकित है।
संविधान प्रस्तावना के शिलालेख पर शीर्ष पर दोनों ओर राष्ट्रीय प्रतीक बने हैं। इसमें अशोक चक्र, राष्ट्रीय पक्षी मयूर, राष्ट्रीय पशु शेर व राष्ट्रीय पुष्प कमल बना हुआ है।
इनका कहना है-
संविधान प्रस्तावना के स्मारक की सांर सभाल की जाएगी। मौका अवलोकन कर स्मारक की सम्मान और संरक्षा का प्रबंध किया जाएगा।
अनूपसिंह, एसडीएम, हिण्डौनसिटी.
ड्यूटी चिकित्सक डॉ. बृजेश चौधरी ने बताया कि बेरखेडा की नदी के पास हुई बाइक भिडंत में कलसाड़ा गांव निवासी सतेंद्र शर्मा, विजयपुरा निवासी मानवेंद्र जाट व अमन सिंह घायल हो गए।