scriptराजस्थान के इस गांव के जवान द्वितीय विश्व युद्ध से दिखा रहे हैं पराक्रम | The soldiers of this village of Rajasthan are showing their might from | Patrika News

राजस्थान के इस गांव के जवान द्वितीय विश्व युद्ध से दिखा रहे हैं पराक्रम

locationकरौलीPublished: Jan 15, 2022 11:21:35 am

Submitted by:

Anil dattatrey

The soldiers of this village of Rajasthan are showing their might from the Second World Warकरौली जिले के निसूरा गांव में 500 से अधिक सैनिक व पूर्व सैनिक
-थल सेना दिवस पर विशेष

राजस्थान के इस गांव के जवान द्वितीय विश्व युद्ध से दिखा रहे हैं पराक्रम

निसूरा. थल सेना दिवस पर सेना में तैनाती के अनुभवों को साझा करते पूर्व सैनिक।

निसूरा. गांव जिसकी फौजियों का गांव के नाम से पहचान कायम हो गई। चाहे प्रथम द्वितीय विश्व युद्ध हो या फिर कारगिल की लड़ाई। करौली जिले के इस गांव के जांबाज पीछे नहीं हटे। कुछ तो मातृभूमि की रक्षा करते शहीद भी हुए।
जिले में निसूरा एक ऐसा गांव होगा जिसकी चौथी पीढ़ी फौज में पहुंच गई। बुजुर्गों के अनुसार पूरे गांव से अब तक करीब 500 से अधिक सैनिक सेना में रहकर दुश्मनों को जंग में हरा चुके। गांव के एक सैनिक सुबुद्धि राम वर्ष 1965 के युद्ध में शहीद हुए।
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान गांव के करीब 25 सैनिकों ने अलग-अलग जगहों पर दुश्मनों से लोहा मनवाया। निसूरा गांव से भारतीय सेना में 12 कैप्टन, 25 सूबेदार, 50 नायब सूबेदार सहित हवलदार और दर्जनों सिपाही देश की सरहद के प्रहरी रह चुके। निसूरा गांव में प्रत्येक घर से सेना में बताए। फौज से रिटायर होकर आए लोगों के सुनाएं किस्से आज भी रोंगटे खड़े कर देते हैं।
जरूरत पडऩे हम आज भी तैयार-
सेना से रिटायर्ड कैप्टन टुण्डाराम, कैप्टन समय सिंह गुर्जर, कैप्टन हरस्वरूप, सूबेदार शिवचरण, सूबेदार प्रेमसिंह, हवलदार बहादुरसिंह, हवलदार किरोड़ी, हवलदार निहाल सिंह ने बताया कि जरूरत पडऩे पर हम आज भी तैयार दिखेंगे। पूर्व सैनिक भले उम्रदराज हो गए हैं, लेकिन इनका जज्बा आज भी कम नहीं हुआ है। वह बोले दुश्मन के दांत खट्टे करने में उनके हौसले कम नहीं हुए। आवाज पड़ी तो सीमा पर जा पहुंचेंगे।

पांच पीढिय़ों से सेना में गंगाधर का परिवार –
द्वितीय विश्व युद्ध के सैनिक निसूरा निवासी हवलदार गंगाधर के परिवार की पांच पीढियां सेना में है। उनके तीनों बेटे फौज में भर्ती हुए। बड़े बेटा कैप्टन किरोड़ी ने 1971 के युद्ध में भाग लिया। दूसरे बेटे सूबेदार हरवीर व छोटा बेटा हवलदार भूरसिंह सेना में रहे। तीसरी पीढ़ी में कैप्टन किरोड़ी का पुत्र सूबेदार रामअवतार, हरवीर के दो पुत्र हवलदार रमेश व नायक बाबू गुर्जर एवं भूरसिंह का एक पुत्र महेंद्र सेना में सेवा दे रहे हैं। चौथी पीढ़ी में रमेश का बड़ा बेटा विष्णु गुर्जर व बाबू का बेटा गोविंद सेना में सीमा पर तैनात हैं। वहीं निसूरा गांव के ही हवलदार चिम्मन के पुत्र रामेश्वर, दूसरा बेटा कैप्टन सिरमौर व तीसरा बेटे हवलदार रामनिवास ने भी 1971 के युद्ध में भाग लिया। तीसरी पीढ़ी में कैप्टन सिरमोर का पुत्र नटवर व रामेश्वर का पुत्र चंद्रभान सेना में भर्ती हुए।
राजस्थान के इस गांव के जवान द्वितीय विश्व युद्ध से दिखा रहे हैं पराक्रम
राजस्थान के इस गांव के जवान द्वितीय विश्व युद्ध से दिखा रहे हैं पराक्रम
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो