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सड़क पर रफ्तार की होड़ दे रही मौत को दावत,यातायात नियमों का उड़ा रहे मखौल

locationकरौलीPublished: Nov 16, 2021 10:27:38 am

Submitted by:

Anil dattatrey

The speed race on the road is feasting on the death, making fun of the traffic rules
वाहन चालकों को नहीं चालान की परवाह

सड़क पर रफ्तार की होड़ दे रही मौत को दावत,यातायात नियमों का उड़ा रहे मखौल

सड़क पर रफ्तार की होड़ दे रही मौत को दावत,यातायात नियमों का उड़ा रहे मखौल

हिण्डौनसिटी. यातायात नियमों का उल्लंघन सड़क दुर्घटनाओं को बढ़ा रहा है। जल्दी पहुंचने की आपाधापी में लोग परिवहन नियमों की परवाह कतईं नहीं कर रहे। नजीतजन सड़क दुर्घटनाओं में बढ़ोत्तरी हो रही है। रविवार रात को भी बयाना रोड़ पर तेज रफ्तार बाइक व पिकअप में हुई जोरदार भिडंत में ससुर-दामाद की जान चली गई, जबकि बाइक पर सवार तीसरा युवक जयपुर में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहा है।
परिवहन विभाग व यातायात पुलिस के सूत्रों के अनुसार सड़क दुर्घटना को लेकर किए गए सर्वे के अनुसार लगभग 85 फीसदी दुर्घटना चालकों की लापरवाही की वजह से होती है। चालक द्वारा नशे में वाहन चलाने, तेज रफ्तार से गाड़ी चलाने, क्षमता से अधिक सवारी या सामान लोड करने के चलते अधिकांश दुघर्टनाएं घटित होती हैं। चालक का थका होना एवं नींद पूरी नहीं होने की अवस्था में भी गाड़ी चलाना हादसे की वजह बनता है। हिण्डौन ही नहीं, बल्कि करौली जिले में जर्जर एवं अनफिट वाहन भी सड़क पर फर्राटा मारते दिखते है।
चकाचक तो कहीं जर्जर सड़क बन रहीं दुर्घटनाओं का सबब-

वैसे तो करौली जिले में चकाचक सड़के तो कम ही है। चकाचक सड़कों पर तेज रफ्तार में गाड़ी चलाना शान समझा जाता है। बाइक व कार चालक चकाचक सड़कें मिलते ही फर्राटे भरने लगते हैं। वहीं यात्री वाहनों को सवारी लेने की होड़ लगी रहती है। सिंगल लेन एवं जर्जर सड़क तो दुर्घटना की प्रमुख वजह है ही। हिण्डौन- बयाना रोड़, हिण्डौन-महवा रोड़ व हिण्डौन-करौली जाने वाले स्टेट हाईवे की सड़के हालांकि कम चकाचक है, लेकिन वाहन चालकों में फिर भी रफ्तार की होड देखी जाती है। जो कई बार बड़ी दुघर्टनाओं को अंजाम तक पहुंचाती है। बयाना रोड़ दुर्घटना के मामले में डेंजर जोन बन चुका है। इस मार्ग में सर्वाधिक दुर्घटना होती है।
नशे की हालत में तेज रफ्तार में वाहन चलाना सबसे बडा कारण-
नशा करने के बाद वाहन चलाना आम बात हो गया है। नशा का सेवन करने के बाद चालक सड़क पर रेस ड्राइविंग करता है। वहीं ट्रक एवं बाइक के चालकों द्वारा सफर के दौरान नशा का सेवन कर वाहन चलाया जाता है। अधिकांश मामलों में दुर्घटना की वजह चालक का नशे में होना पाया गया है।
ओवरलोडेड वाहनों का परिचालन आम बात-
क्षमता से अधिक यात्रियों एवं सामानों को लेकर चलना आम बात है। छोटे से लेकर बड़े वाहन तक क्षमता से अधिक सवारियों को लेकर चलता है। पांच सीट की क्षमता वाली ऑटो पर आठ से दस सवारियों तक को बैठाया जाता है। वहीं बसों पर छत तक पर लोगों को बिठाया जाता है। माल ढोने वाली छोटी से बड़ी वाहन भी क्षमता से अधिक सामान लेकर चलती है। बताया जाता है कि वाहनों के ओवरलोडेड रहने की स्थिति में वाहन पर चालक का ठीक से नियंत्रण नहीं रह पाता है।
सड़क निर्माण में रहती हैं खामियां-
सड़क बनाते समय तीखे मोड़ का ध्यान नहीं रखा जाता है। चकाचक सड़कों पर तीखे मोड़ की वजह से चालक नियंत्रण खो देते हैं और दुर्घटना हो जाती है। बयाना मार्ग पर चौबे के बांध व नहर के पास के पास की तीखी मोड़ पर कई दुर्घटना हो चुकी है। सड़क निर्माण के समय ही अगर इस पर ध्यान दिया गया होता तो यह हालत नहीं होता। इस तरह की तीखी मोड़ जिले में कई सड़कों में है। महवा मार्ग में भी ऐसी कई तीखी मोड़ है।
ट्रैक्टर, पिकअप और बाइकों से होती हैं ज्यादातर दुर्घटनाएं-
सड़क पर दौड़ रहे ट्रैक्टर एवं पिकअप वैन से ज्यादातर दुर्घटनाएं होती है। इन वाहनों के अनफिट रहने एवं दक्ष चालक के नहीं रहने की वजह से पिकअप एवं टैक्टरों से आए दिन दुर्घटना होते रहती है। किसी वाहन का ब्रेक कमजोर रहता है तो किसी का हेडलाइट और ब्रेक लाइट ही नहीं रहती है।(पत्रिका संवाददाता)
पुलिस की अपील, सड़क पर चलें संभलकर-
शादी विवाहों के सीजन के चलते सड़कों पर लोगों की आवाजाही बढ़ी है। लोग बेपहरवाह होकर वाहन चला रहें हैं। पुलिस प्रतिदिन 100 से अधिक चालान काट रही है, लेकिन लापरवाह वाहन चालक बाज नहीं आ रहे।नागरिकों से अपील की जाती है कि यातायात नियमों का पालन करें, तेज रफ्तार में एवं नशे की हालत में वाहन नहीं चलाएं।
किशोरी लाल, पुलिस उपाधीक्षक, हिण्डौनसिटी।
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