नशा करने के बाद वाहन चलाना आम बात हो गया है। नशा का सेवन करने के बाद चालक सड़क पर रेस ड्राइविंग करता है। वहीं ट्रक एवं बाइक के चालकों द्वारा सफर के दौरान नशा का सेवन कर वाहन चलाया जाता है। अधिकांश मामलों में दुर्घटना की वजह चालक का नशे में होना पाया गया है।
क्षमता से अधिक यात्रियों एवं सामानों को लेकर चलना आम बात है। छोटे से लेकर बड़े वाहन तक क्षमता से अधिक सवारियों को लेकर चलता है। पांच सीट की क्षमता वाली ऑटो पर आठ से दस सवारियों तक को बैठाया जाता है। वहीं बसों पर छत तक पर लोगों को बिठाया जाता है। माल ढोने वाली छोटी से बड़ी वाहन भी क्षमता से अधिक सामान लेकर चलती है। बताया जाता है कि वाहनों के ओवरलोडेड रहने की स्थिति में वाहन पर चालक का ठीक से नियंत्रण नहीं रह पाता है।
सड़क बनाते समय तीखे मोड़ का ध्यान नहीं रखा जाता है। चकाचक सड़कों पर तीखे मोड़ की वजह से चालक नियंत्रण खो देते हैं और दुर्घटना हो जाती है। बयाना मार्ग पर चौबे के बांध व नहर के पास के पास की तीखी मोड़ पर कई दुर्घटना हो चुकी है। सड़क निर्माण के समय ही अगर इस पर ध्यान दिया गया होता तो यह हालत नहीं होता। इस तरह की तीखी मोड़ जिले में कई सड़कों में है। महवा मार्ग में भी ऐसी कई तीखी मोड़ है।
सड़क पर दौड़ रहे ट्रैक्टर एवं पिकअप वैन से ज्यादातर दुर्घटनाएं होती है। इन वाहनों के अनफिट रहने एवं दक्ष चालक के नहीं रहने की वजह से पिकअप एवं टैक्टरों से आए दिन दुर्घटना होते रहती है। किसी वाहन का ब्रेक कमजोर रहता है तो किसी का हेडलाइट और ब्रेक लाइट ही नहीं रहती है।(पत्रिका संवाददाता)
शादी विवाहों के सीजन के चलते सड़कों पर लोगों की आवाजाही बढ़ी है। लोग बेपहरवाह होकर वाहन चला रहें हैं। पुलिस प्रतिदिन 100 से अधिक चालान काट रही है, लेकिन लापरवाह वाहन चालक बाज नहीं आ रहे।नागरिकों से अपील की जाती है कि यातायात नियमों का पालन करें, तेज रफ्तार में एवं नशे की हालत में वाहन नहीं चलाएं।
किशोरी लाल, पुलिस उपाधीक्षक, हिण्डौनसिटी।