scriptस्नेह विश्वास के प्रतीक रक्षासूत्र पर चकाचौंध हुई हावी | The symbol of affection, trust, dazzling dominated the rakshasutra | Patrika News

स्नेह विश्वास के प्रतीक रक्षासूत्र पर चकाचौंध हुई हावी

locationकरौलीPublished: Aug 09, 2022 08:08:23 pm

Submitted by:

Surendra

स्नेह विश्वास के प्रतीक रक्षासूत्र पर चकाचौंध हुई हावीकरौली। भाई-बहन के स्नेह-विश्वास के प्रतीक रक्षा सूत्र पर भी अब आधुनिकता और चकाचौंध हावी हुई है। बाजार में सजे राखियों के बाजार में विभिन्न प्रकार की राखियां आकृर्षित कर रही हैं इनमें 5 रुपए से लेकर 200 रुपए तक की राखियां हैं। महंगाई की मार ने राखियों को भी अछूता नहीं छोड़ा है। इस बार बाजार में साधारण राखियों के साथ चांदी के वर्क और मोतियों वाली महंगी राखी भी आई हुई हैं जो बहनों को खरीदने के लिए उलझन में उलझा डालती हैं।

स्नेह विश्वास के प्रतीक रक्षासूत्र पर चकाचौंध हुई हावी

स्नेह विश्वास के प्रतीक रक्षासूत्र पर चकाचौंध हुई हावी

स्नेह विश्वास के प्रतीक रक्षासूत्र पर चकाचौंध हुई हावी
बाजार में सजी हैं विभिन्न डिजाइनोंं की राखियां
करौली। भाई-बहन के स्नेह-विश्वास के प्रतीक रक्षा सूत्र पर भी अब आधुनिकता और चकाचौंध हावी हुई है। बाजार में सजे राखियों के बाजार में विभिन्न प्रकार की राखियां आकृर्षित कर रही हैं इनमें 5 रुपए से लेकर 200 रुपए तक की राखियां हैं। महंगाई की मार ने राखियों को भी अछूता नहीं छोड़ा है। विभिन्न किस्म की राखियों पर 20 से 30 प्रतिशत तक महंगाई बढ़ चुकी है।इस बार बाजार में साधारण राखियों के साथ चांदी के वर्क और मोतियों वाली महंगी राखी भी आई हुई हैं जो बहनों को खरीदने के लिए उलझन में उलझा डालती हैं।
राखी बिक्रेता वहीद के अनुसार चांदी के वर्क वाली राखियां 50 रुपए से अधिक कीमत की है। जबकि मोतियों की राखी 10 रुपए से 40 रुपए कीमत की मिल रही हैं। अमरेकिन डायमंड के नाम से बिक रही राखियों की रेट 30 से 60 रुपए तक बताई गई है। आजकल पन्नी और स्पंज की गद्दी वाली राखियों का चलन कम होने से ऐसी राखी बाजार में कम है। एक दौर था जब बड़ी राखियों का चलन हुआ करता था, अब छोटी और मोतियों की राखी का चलन अधिक बताया गया है। बच्चों के लिए रंग-बिरंगी लाइटिंग वाली राखी इस बार भी बाजार में आई हैं। उनके लिए पेंसिल वाली और सिंघम वाली राखी भी बाजार में सजी हुई है और ज्यादा बिक रही हैं। नवनीत नाम के दुकानदार का कहना था कि चाइना से आने वाली रंग-बिरंगी राखी अब नहीं आती हैं।बहनों द्वारा अपनी भाभियों को भी राखी बांधने का चलन चल निकला है। एक राखी बिक्रेता आशुतोष के अनुसार भाभियोंं के लिए राखी के रूप में चूड़ा, कडा, ब्रॉशलेट और धागा वाली राखी की मांग है।
एक दुकानदार राजकुमार के अनुसार ऑनलाइन राखी मंगाने के चले चलन से इस बार अन्य वर्षों के मुकाबले में बिक्री कम चल रही है। बावजूद इसके राखियों की खरीद को लेकर बाजार में रौनक हैं। शहर के विभिन्न मॉल और बाजारों में सजी राखियां काफी आकृर्षित कर रही हैं।

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