दोपहर करीब 12 बजे जांच दल कॉलेज पहुंचा, तो वहां छात्रसंघ अध्यक्ष चेतराम मीणा, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष खेमसिंह मीणा के नेतृत्व में काफी छात्र मौजूद मिले। छात्रसंघ पदाधिकारियों ने जांच टीम को ज्ञापन सौंप महाविद्यालय निर्माण में नियमों की अवहेलना के साथ ही कृषि विपणन विभाग के अभियंता व संवेदक पर मिलीभगत के आरोप लगाए। जांच दल के सामने ही छात्रों ने कॉलेज के मुख्य द्वार पर प्रदर्शन किया।
छात्रों ने बताया कि राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रुसा) के अन्तर्गत 4 करोड़ रुपए की लागत से राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय हिण्डौन में कराए जा रहे नवीन भवन व पुनरुद्धार कार्य में कार्यकारी एजेंसी आरएसएएमबी भरतपुर के अभियंता व संवेदक द्वारा लापरवाही बरती जा रही हैं।
गुणवत्ताहीन निर्माण सामग्री का आरोप-
पदाधिकारियों ने निर्माण कार्य में घटिया बजरी, कंक्रीट, सरिया, सीमेंट व अन्य निर्माण सामग्री के उपयोग करने का आरोप लगाया और प्रयोगशाला में इसकी जांच कराने की मांग की है। छात्रसंघ पदाधिकारियों ने बताया कि अगर निर्माण कार्य की जांच जल्द ही नहीं कराई तो छात्रसंघ के बैनर तले छात्र-छात्राओं को आंदोलन करना पडेगा।
जांच दल के सामने ही छात्रसंघ पदाधिकारी व महाविद्यालय के दो व्याख्याताओं के बीच तीखी तकरार हो गई। एक प्रवक्ता ने तो छात्रसंघ पदाधिकारियों को देख लेने की धमकी तक दे डाली। मामला गरमाते देख वहां मौजूद अन्य प्रवक्ताओं ने समझाइश कर माहौल को शांत किया। इस दौरान कृषि विपणन बोर्ड के अधिशासी अभियंता पारसमल जैन, सहायक अभियंता राजेश शर्मा आदि मौजूद थे।
राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रुसा) के तहत चल रहे निर्माण कार्य में मापदण्डों की अनदेखी को पत्रिका ने उजागर किया था। श्ऱृंखलाबद्ध समाचार प्रकाशित होने पर बंद पड़ा निर्माण कार्य शुरू हुआ। साथ ही जिला कलक्टर सिद्धार्थ सिहाग ने कृषि विपणन बोर्ड के अभियंताओं को तलब किया था। यहीं नहीं जयपुर व भरतपुर से कृषि विपणन बोर्ड की टीम कई बार निर्माण कार्य का निरीक्षण भी किया।