कैलादेवी अभयारण्य में फैली खुशखबरी
कैलादेवी अभयारण्य में बाघिन ने दिया दो शावकों को जन्म
फैली खुशखबरी
करौली. जिले के कैलादेवी अभयारण्य क्षेत्र में बाघिन ११८ की ओर से खुश-खबरी फैली है। रणथंभौर बाघ परियोजना (द्वितीय) करौली के कैलादेवी रेंज में मादा बाघ टी-118 ने दो शावकों को जन्म दिया है। रणथम्भौर बाघ परियोजना सवाईमाधोपुर के मुख्य वन संरक्षक टीसी वर्मा ने बताया कि कैलादेवी रेंज के अन्तर्गत नाका राहर ब्लॉक चिरमिल के घोड़ीखोह नाला में मादा बाघ-टी -118 के दो शावकों के साथ 23 जनवरी की शाम 6 बजे जंगल में फोटो ट्रेप हुए हैं।

कैलादेवी अभयारण्य में बाघिन ने दिया दो शावकों को जन्म
फैली खुशखबरी
करौली. जिले के कैलादेवी अभयारण्य क्षेत्र में बाघिन ११८ की ओर से खुश-खबरी फैली है। रणथंभौर बाघ परियोजना (द्वितीय) करौली के कैलादेवी रेंज में मादा बाघ टी-118 ने दो शावकों को जन्म दिया है। इससे कैलादेवी अभयारण्य क्षेत्र में बाघों का कुनबा बढ़ गया है। रणथम्भौर बाघ परियोजना सवाईमाधोपुर के मुख्य वन संरक्षक टीसी वर्मा ने बताया कि कैलादेवी रेंज के अन्तर्गत नाका राहर ब्लॉक चिरमिल के घोड़ीखोह नाला में मादा बाघ-टी -118 के दो शावकों के साथ 23 जनवरी की शाम साढ़े 6 बजे जंगल में लगे कैमरे में फोटो ट्रेप हुए हैं। उन्होंने जानकारी दी है कि करीब साढ़े तीन वर्ष की उम्र की इस बाघिन ने शावकों को जन्म दिया है। बाघिन टी-118 मादा बाघ टी-92 की बेटी है। दोनों शावकों के नजर आने के बाद बाघिन के विचरण क्षेत्र में विभाग की टीम ने सुरक्षा बढ़ा दी है। उसकी गतिविधियों पर पूरी निगरानी की जा रही है।
तूफ ान के साथ करती है विचरण
वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बाघिन टी-118 करौली कें कैलादेवी अभयारण्य में बाघ टी-80 यानि तूफान के साथ विचरण करती है। वन विभाग के कर्मचारियों को पूर्व में कई बार नाका राहर, नाका कसेड व नाकाश्यामपुर वन क्षेत्र मेें एक साथ विचरण करते नजर आए हैं।
पहले मां ने किया था कैलादेवी अभयारण्य को आबाद
वन अधिकारियों ने बताया कि यह दूसरा मौका है जब कैलादेवी अभयरारण्य में शावकों की किलकारी गूंजी है। इससे पहले अप्रेल 2018 में बाघिन टी-118 की मां टी-92 ने ही करौली के कैलादेवी अभयारण्य में दो शावकों को जन्म दिया था। अब मां के के बाद बेटी ने कैलादेवी अभयारण्य को आबाद किया है।
इनका कहना है....
करौली के कैलादेवी अभयारण्य में बाघिन टी-118 दो शावकों के साथ कैमरे में कैद हुई है। बाघिन व शावकों की मॉनिटरिंग कराई जा रही है।
- टीकमचंद वर्मा, सीसीएफ, रणथम्भौर बाघ परियोजना,
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