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दूसरों की जान बचाने को युवाओं में बढ़ रहा रक्तदान का रुझान

locationकरौलीPublished: Oct 01, 2022 10:42:22 pm

Submitted by:

Anil dattatrey

The trend of blood donation is increasing among the youth to save the lives of othersप्रति वर्ष शिविरों में होता डेढ़ से दो हजार यूनिट रक्तदान

 दूसरों की जान बचाने को युवाओं में बढ़ रहा रक्तदान का रुझान

दूसरों की जान बचाने को युवाओं में बढ़ रहा रक्तदान का रुझान

हिण्डौनसिटी. रुढि़वादी मिथकों को तोड़ क्षेत्र में युवाओं में रक्तदान के प्रति रुझान बढ़ रहा है। युवा न केवल शिविरों में रक्तदान करते हैं, वे आपात स्थिति में दूसरे शहरों में पहुंच स्पॉट ब् लड डोनेशन कर रोगी के जीवन रक्षक बनरहे हैं। शहर में कमोबेश प्रति माह शिविरों के आयोजन से वर्ष में डेढ़ से दो हजार युनिट रक्तदान हो रहा है।
करीब दो दशक पहले भारत विकास परिषद व लायंस क्लब स्वयं सेवी संगठनों की ओर से रक्तदान शिविर लगाने की पहल की थी। जिससे आपात स्थिति जीवन रक्षा के लिए जरुरतमंद को रक्त मिल सके। उस दौरान जागरुकता के प्रयासों के रंग लाने से शहर से लेकर गांवों तक युवाओं में रक्तदान के प्रति रुझान विकसित हो गया। अब लोगों द्वारा राष्ट्रीय पर्व, महापुरुषों की जयंती सहित स्वजन के जन्मोत्सव व पुण्यस्मृति पर रक्तदान शिविर लगाने लगे हैं।हाल ही में अग्रसेन जयंती पर अग्रवाल युवा संगठन द्वारा लगाए गए रक्तदान शिविर में 135 यूनिट रक्तदान हुआ था। लोगों द्वारा दान किया रक्त संकलित करने वाली संबंधित ब्लड बैंक से डोनर कार्ड व राजकीय चिकित्सालय में चिकित्सकीय परामर्श पर जरुरतमंद रोगियों को मिल रहा है। शहर में राजकीय जिला चिकित्सालय में रक्त संग्रह़संचालित हैं।
रक्तदान मुहिम से जुड़े दर्जनों संगठन
भरतपुर संभाग में रक्तदाताओं के क्षेत्र के नाम से ख्यात हिण्डौन में एक दर्जन से अधिक स्वयं सेवी संगठन रक्तदान की मुहिम से जुड़े हैं। भारत विकास परिषद, इंडियन रेडक्रॉस सोसाइटी, श्री जैन श्वेतांबर नवयुवक चैरिटेबल ट्रस्ट, जीवन ज्योति रक्त फाउंडेशन, संजीवनी रक्त फाउंडेशन, संजीवनी रक्तदाता ग्रुप, टीम रक्त क्रांति फाउंडेशन, महिला सुरक्षा समूह, अग्रवाल युवा संगठन, लायंस क्लब एवं जैन रत्न युवक परिषद प्रमुख हैं।
9 माह में रोगियों को चढ़ाया 564 युनिट रक्त
राजकीय चिकित्सालय में चालू वर्ष में 9 माह में 564 रोगियों को रक्त चढ़ाया गया। रक्त चढ़ाने का यह आंकड़ा छह वर्षों में सर्वाधिक है। चिकित्सालय सूत्रों के अनुसार सर्वाधिक प्रसूति विभाग व मेडिकल वार्ड में रक्ताल्पता के रोगियों व गर्भवतियों चढ़ाया जाता है।वर्ष 2021 में 508 यूनिट व वर्ष 2020 में 436 रोगियों को रक्त चढ़ाया गया था।
बजट में मिली सौगात, ब्लड बैंक खुलने का इंतजार
रोगियों को रक्त जरुरत व रक्तदान के प्रति रुझान को देखते सरकार ने बजट में ब्लड़ बैंक की सौगात दी थी। लेकिन चिकित्सालय में अभी रक्त संग्रहण केंन्द्र ही संचालित है। वर्ष 2009 में स्थापित हुए रक्त संग्रहण केंद्र मदर ब्लड बैंकों से मिलने वाली आपूर्ति पर आश्रित है।

भाविप ने 17 वर्ष में लगाए 41 रक्तदान शिविर-
वर्ष 2005 से रक्तदान के क्षेत्र में कार्य करत रहे भारत विकास परिषद द्वारा 17वर्ष में 41 रक्तदान शिविर लगाए है। रक्तदान प्रकल्प प्रभारी शिंभू गुप्ता ने बताया कि परिषद द्वारा प्रति वर्ष 3 से 4 रक्तदान शिविर लगाए जाते हैं। बीते चार वर्ष में वर्ष 2018 में दो शिविरों में 431, वर्ष 2019 में दो शिविरों में 484, वर्ष 2020 में तीन शिविरोंं में 488 तथा वर्ष 2021 में तीन शिविरों में 318 यूनिट तथा वर्ष 2022 में जुलाई माह तक दो शिविरों में 232 यूनिट रक्तदान किया गया है।

फैक्ट फाइल
वर्ष रक्त चढ़ा(यूनिट)
2017 -48
2018 -142
2019 -106
2020 -436
2021- 508
2022- 564(सितम्बर तक)

फोटो सहित..

हिण्डौनसिटी.राजकीय चिकित्सालय के रक्त संग्रहण केन्द्र में एक रोगी के लिए ब्लड जारी करते लैब टक्नीशियन।

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