रोडवेज सूत्रों के अनुसार एक फेरे में 1338 किलोमीटर दूरी तय करने वाली श्रीमहावीरजी-नाकोड़ा बस सेवा जोधपुर तक चलेगी। इसके 264 किलोमीटर की कटौती की है। वहीं श्रीमहावीरजी-चांदखेड़ी बस को जयपुर तक चला कर एक फेरे में 704 किलोमीटर, हिण्डौन-उदयपुर को भीलवाड़ा में रोक कर 398 किलोमीटर, महवा का एक फेरा कम कर 76किलोमीटर तथा भिवाड़ी-श्रीमहावीरजी बस के वापसी में हिण्डौन में ऑफ कर 36 किलोमीटर की बसों की दौड़ कम कर दी है। वहीं कैलादेवी-दिल्ली बस सेवा को बंद कर डिपो ने दैनिक परिचालन के 626 किलोमीटर कम कर दिए हैं।
रोडवेज के आंकड़ों के अनुसार नाकाड़ों एक्सप्रेस में जोधपुर से आगे बालोतरा व नाकोड़ा के लिए यात्री नहीं मिल रहे थे। वहीं जयपुर से लगातार बस सेवाएं होने से चांदखेड़ी बस जयपुर से कोटा तक खाली दौड़ रही थी। कमोबेश यही स्थिति भीलवाड़ा से उदयपुर बस की थी। यात्री भार कम होने से घाटे का सौदा साबित हो रही कैलादेवी-दिल्ली सेवा को पूरी तरह बंद कर दिया गया है।
शॉर्ट रूट करने से हिण्डौन डिपो से बसों का परिचालन में 20 हजार किलोमीटर की दैनिक कटौती की है। 5 किलोमीटर के माइलेज से 20 हजार किलोमीटर बसों के दौडऩे पर करीब 500 लीटर की खपत होती है। यानी एक माह में 15 हजार लीटर डीजल खर्च होता है। बसों के शॉर्ट रू ट करने से हिण्डौन डिपो में प्रतिमाह डीजल की बचने से करीब साढ़े नौ लाख रुपए की बचत होना संभावित है।
20 रुपए प्रतिकिलोमीटर से कम आय के मार्गों पर बसों का शॉर्ट रूट किया है। डीजल खपत के अलावा अन्य खर्चांे के बचत होने से हर माह करीब 10 लाख रुपए की बचत होगी। वहीं घाटे के मार्गों पर बसों का संचालन बंद होने से रोडवेजकर्मियों को भी राहत मिली है।
-भाईराम गुर्जर, कार्यवाहक मुख्य प्रबंधक,
हिण्डौन आगार, राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम।