scriptकरौली जिले के सुजानपुरा गांव के युवक ने संगीत की दुनिया में मचाया तहलका | The youth of Sujanpura village created a stir in the world of music | Patrika News

करौली जिले के सुजानपुरा गांव के युवक ने संगीत की दुनिया में मचाया तहलका

locationकरौलीPublished: Jul 10, 2020 08:59:26 pm

Submitted by:

Surendra

सुजानपुरा के युवक ने संगीत की दुनिया में मचाया तहलकाउसके गीत को मिले 10 करोड़ व्यूज एवं 7 लाख लाइक्सटोडाभीम (करौली) – टोडाभीम क्षेत्र की ग्राम पंचायत शहराकर के गांव सुजानपुरा के एक युवक ने इन दिनों संगीत की दुनिया में तहलका मचाया हुआ है। उसे संगीत के न केवल पुरस्कार मिल रहे हैं बल्कि गायन के लिए नए ऑफर भी आ रहे हैं। यह युवक छोटे से सुजानपुरा गांव के निवासी सरकारी अध्यापक सत्यप्रकाश शर्मा का पुत्र अश्वनी भारद्वाज है

करौली जिले के सुजानपुरा गांव के युवक ने संगीत की दुनिया में मचाया तहलका

करौली जिले के सुजानपुरा गांव के युवक ने संगीत की दुनिया में मचाया तहलका

सुजानपुरा के युवक ने संगीत की दुनिया में मचाया तहलका
उसके गीत को मिले 10 करोड़ व्यूज एवं 7 लाख लाइक्स
टोडाभीम (करौली) – टोडाभीम क्षेत्र की ग्राम पंचायत शहराकर के गांव सुजानपुरा के एक युवक ने इन दिनों संगीत की दुनिया में तहलका मचाया हुआ है। उसे संगीत के न केवल पुरस्कार मिल रहे हैं बल्कि गायन के लिए नए ऑफर भी आ रहे हैं। यह युवक छोटे से सुजानपुरा गांव के निवासी सरकारी अध्यापक सत्यप्रकाश शर्मा का पुत्र अश्वनी भारद्वाज है। उसके द्वारा गाए गीत ‘ बन कर हवा ‘ को देश-विदेश में यूट्यूब चैनल पर करोड़ों की संख्या में देखा-सुना जा रहा है। इस उभरते सितारे अश्वनी भारद्वाज ने करौली जिले के छोटे से गांव सुजानपुरा का देश विदेश में नाम रोशन कर दिया है। अश्वनी भारद्वाज 2017 से केंद्रीय विद्यालय गांधीधाम गुजरात में संगीत के शिक्षक है।
अश्वनी भारद्वाज के एल्बम सॉन्ग’ बन कर हवा ‘ को उसके यूट्यूब चैनल पर देश विदेश में 100 मिलियन व्यूज एवं 7 लाख लाइक्स मिल चुके हैं। खास बात यह है कि अश्वनी ऐसे पहले गीतकार है, जिनका पहला ही गीत इतना हिट हुआ है कि करोडो़ं लोगों तक पहुंच गया। इस उपलब्धि पर अश्वनी तथा इस गीत के लेखक गुल्लू बंजारा को मुंबई के अल्ट्रा बॉलीवुड चैनल द्वारा विशेष पुरस्कार एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जा चुका है। साथ ही चैनल द्वारा उसे एक बड़े बजट के गाने के लिए साइन किया गया है। अश्वनी के द्वारा बेवफा तेरे बिन एवं सेल्फी के नाम से दो अन्य गाने भी अल्ट्रा बॉलीवुड चैनल पर आ चुके हैं। जिन्हें भी लाखों दर्शकों द्वारा देखा एवं पसंद किया जा रहा है।
पिता से मिली प्रेरणा
अश्वनी भारद्वाज को संगीत की प्रेरणा एवं प्रारंभिक शिक्षा अपने पिता सत्यप्रकाश से मिली। उनको भजन गाने का शौक हैं। घर में बचपन से ही संगीत का माहौल था। प्रारम्भ से ही गायन वादन में रुचि होने के कारण अश्वनी ने स्कूल शिक्षा के दौरान विद्यालयों में प्रस्तुतियां देकर अनेक पुरस्कार प्राप्त किए। पिताजी के शिक्षक होने पर भी अश्वनी पढ़ाई में ज़्यादा अच्छा नहीं था। विद्यालय से लगातार पढ़ाई को लेकर शिकायतें घर पर आती थी। जैसे तैसे सैकंडरी स्कूल परीक्षा शहराकर (टोडाभीम) से करके वह 2009 में 11 वीं कक्षा में प्रवेश के लिए जयपुर चला गया। यहां उसने संगीत के अच्छे गुरु की तलाश शुरू की। लगभग दो साल बाद 2011 में राजस्थान विश्वविद्यालय के संगीत विभाग से शास्त्रीय संगीत की शिक्षा प्रारम्भ हुई। अश्वनी के अनुसार उसका शुरू में रुझान फिल्मी गानों की तरफ था लेकिन संगीत का आधार शास्त्रीय संगीत होता है। इसलिए चरणबद्ध तरीके से शास्त्रीय संगीत सीखा।
देश में आया अव्वल और संगीत शिक्षक बना
अश्वनी बताता है कि 3-4 साल संगीत सीखने के बाद भी कुछ समझ नहीं आने पर संगीत में स्नातक डिग्री करने के बाद संगीत छोडऩे का निर्णय किया लेकिन मेरी गुरु चांदनी सिन्हा ने मुझे संगीत में प्रयास करते रहने की प्रेरणा देते हुए मनोबल बढ़ाया। उन्होंने संगीत की बारीकियों से परिचित करवाया। अश्वनी ने 2014 में संगीत में स्नातक एवं 2016 में स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त कर ली। इसके बाद २०१६ में केंद्रीय विद्यालय में संगीत शिक्षक की हुई परीक्षा में उसने पूरे देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया। वह 2017 से केंद्रीय विद्यालय गांधीधाम गुजरात में संगीत शिक्षक है। इस सफलता के लिए अश्वनी अपने संगीत शिक्षक सत्यवती शर्मा, आरती भट्ट, मोहन नायक, पंडित राम अवतार को श्रेय देने के साथ माता पिता के आशीर्वाद को प्रमुख बताता है।
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