हिण्डौन के नायब तहसीलदार हेमेंद्र कुमार मीणा व श्री महावीर जी के नायब तहसीलदार महावीर प्रसाद ने बताया कि मुख्यमंत्री बजट घोषणा के तहत 2 अक्टूबर से प्रशासन गांव और शहरों के संग अभियान शुरु होने वाले हैं। जिससे शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को काफी राहत मिलेगी। इस अभियान में राजस्व विभाग के कार्मिकों की अहम भूमिका रहेगी, लेकिन विगत 3 वर्षों से सरकार की उदासीनता एवं संवादहीनता के कारण राजस्व कर्मियों की लंबित मांगों पर सकारात्मक कार्यवाही नहीं हो पाई है। जिससे कार्मिकों में रोष व्याप्त है।
राजस्व कर्मियों ने बताया कि सरकार के साथ समय-समय पर हुए समझौते के अनुसार पटवारी, भूअभिलेख निरीक्षक, नायब तहसीलदार एवं तहसीलदार के वेतनमान में सुधार नहीं किया गया है। जबकि पटवारी को 5 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण करने पर वरिष्ठ पटवारी की सेवा अवधि पूर्ण करने पर भूअभिलेख निरीक्षक के पद का वेतन आदेश जारी नहीं किया है।
राजस्व कर्मियों ने बताया कि नायब तहसीलदार के पद को राजपत्रित अध्यक्ष करते हुए इस पद को शत प्रतिशत पदोन्नति से व तहसीलदार पद को 50 प्रतिशत पदोन्नति एवं 50 प्रतिशत सीधी भर्ती से भरे जाने की मांग की जा रही है, लेकिन सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही। उन्होंने नवीन पदों का सृजन करने और कोटा संभाग एवं सवाई माधोपुर के राजस्व कर्मियों के आंदोलन अवधि के असाधारण अवकाश को उपार्जित अवकाश में परिवर्तित करने की मांग की है।
राजस्व कर्मियों ने ज्ञापन के जरिए चेताया कि पूरे राजस्थान में 27 सितंबर को एक दिन का पेन डाउन रखकर विरोध किया जाएगा। इसके बाद 30 सितंबर तक मांगे नहीं मानी गई, तो दो अक्टूबर से शुरु हो रहे प्रशासन गांवों के संग एवं शहरों के संग अभियानों का बहिष्कार किया जाएगा। इस दौरान भूअभिलेख निरीक्षक पुष्पेंद्र सिंह राजावत, पटवारी सत्येंद्र कुमार, ओम प्रकाश जाटव, राजेंद्र गुर्जर, राहुल डागुर, मदन मोहन शर्मा आदि मौजूद थे।