भारत माता गमगीन ना हो, सर दे देंगे रखवाली में,जवानों को नमन करते पूर्व सैनिकों के छलके आंसू
करौलीPublished: Feb 17, 2019 08:39:23 pm
rajasthan patrika hindi news.com
भारत माता गमगीन ना हो, सर दे देंगे रखवाली में,जवानों को नमन करते पूर्व सैनिकों के छलके आंसू
पकिस्तान के खिलाफ दिखा गुस्सा
करौली. स्थानीय मुंशी त्रिलोकचंद माथुर स्टेडियम में रविवार को पुलवामा के शहीदों को श्रद्धांजलि देते समय पूर्व सैनिकों की आंखों में आंसू छलक पड़े। इस दौरान भारत माता जिन्दाबाद तथा वीर सैनिक अमर रहे नारे गूंजे।
सभा की शुरूआत में १९७१ में पाकिस्तान से जंग में सहभागी रहे कर्नल कृपाल सिंह ने कहा कि पाकिस्तान ही आंतकवाद को बढ़ावा दे रहा है। वहीं कभी बातचीत से सुधरेगा नहीं। उन्होंने कहा कि अब सीमा पार जाकर पाकिस्तान के खिलाफ आर-पार की लड़ाई करनी पड़ेगी। उन्होंने १९७१ के युद्ध कर्नल ने जोशीले अंदाज में कहा कि वे खुद और करौली के पूर्व सैनिक फिर से सीमा पर जाने को तैयार हैं।
सूबेदार मेजर नरेश सिंह ने कहा कि भारत देश की सेना को विश्व में कोई हरा नहीं सकता, साधन सम्पन्न सेना को मुहंतोड़ जवाब देने की अनुमति दी जानी चाहिए। पूर्व सैनिक जीतेन्द्र सिंह ने भावुक होकर गीत सुनाया कि भारत माता गमगीन ना हो, सर दे देंगे रखवाली में, लाखों शहीद पैदा होंगे हिन्द चमन की रखवाली में। इतना सुनते ही पूर्व सैनिकों की आंखों में आंसू निकल पड़े। इस दौरान पूर्व सैनिक मानसिंह, तेजेन्द्र सिंह, सूबेदार रणवीर सिंह, अंजनी विकास समिति के अध्यक्ष सुरेश पाल, देवीसिंह बदनपुरा, गोविन्द सेठ, बिजेन्द्र सिंह, भारत विकास परिषद के योगेन्द्र सिंहल, खुश बिहारी व्यास आदि मौजूद थे। सभा में कवि विपिन शर्मा ने वीर रस की कविता अबकी बार जंग छिड़ी तो नामोनिशान नहीं होगा, दुनिया का नक्शा तो होगा, लेकिन पाकिस्तान नहीं होगा सुनाकार पूर्व सैनिकों में जोश भर दिया।
कैण्डल मार्च आज
करौली. पुलवामा के शहीदों की याद में पूर्व सैनिक व अंजनी विकास समिति की ओर से कैण्डल मार्च सोमवार को निकाला जाएगा। कैण्डल मार्च शाम ५.३० बजे रवाना होकर पुरानी नगरपालिका कार्यालय पहुंचेगा। इस दौरान पूर्व सैनिक, आमजन, व्यवसायी तथा सरकारी कर्मचारी कैण्डल मार्च में भाग लेंगे।
घात लगाके किया हमला
१९७१ की जंग लडऩे वाले कर्नल कृपाल सिंह ने बताया कि १९७१ में जम्मू सेक्टर में सीमा के पास जवान बॉलीवाल खेल रहे थे। इसी दौरान पाकिस्तान के सैनिकों ने घात लगाके भारत के सैनिकों पर हमला कर दिया था। इसकी सूचना पर उनकी बटालियन को आरएसपुरा सैक्टर से मौके पर पर भेजा गया तब तक आधे से अधिक भारतीय सैनिक शहीद हो गए। बाद में भारत के सैनिकों ने धोखेबाज पाकिस्तान के सैनिकों को चुन-चुन कर मार। कर्नल ने बताया कि भारतीय सैनिक खराब मौसम में भी अपनी जान को खतरे में डाल देश की सीमाओं की रक्षा करते हैं।