पीएचईडी ने जो 61 योजनाएं स्वीकृत की हैं, इनसे कुतकपुर, गुनसार, फैलीकापुरा , शेरपुर, खेडीहैवत, नांगल दुर्गसी, चिनायटा, जटवाड़ा, लहचौड़ा, अटकोली, खेडली गुर्जर, क्यारदा कलां, पट्टी नारायणपुर, फुलवाड़ा, चमरपुरा, बंदकापुरा, दुर्गसी, खिजूरी, खातीपुरा, खुरसटपुरा, वमनपुरा, गुढापोल, गद्दीपुरा, पोंछडी, खीपकापुरा, घोंसला, खिरखिरियान का पुरा, पाली, सिघान जट्ट, आरेनी गुर्जर, मीना दांत का पुरा, हरीरामपुरा, सांवरे का पुरा, कोटापुरा, गढ़ी बांधवा, गढ़ी पट्टी, बाढ़ पोंछरी, खेडा, जमालपुर, कल्हारन का पुरा, नथोले का पुरा, रेवई, कालाखाना, सनेट का पुरा, चुरारी, जटनंगला, हाडौली, मुंडापुरा, तिघरिया का पुरा, मुकंदपुरा, पटोंदा, गांवडी, बनवारी पुर, दुब्बी, कोटरा ढहर, खानाका, अकबरपुर, नौरंगाबाद, बाढ़ करसौली, राराशाहपुर, भुकरवाली, इरनियां, जहानाबाद, कजानीपुर, दानालपुर, हिंगोट, सिकरौदा मीणा, सिकरौदा जट्ट, चंदीला, करई, सीतापुर, खरेटा, हुक्मीखेडा, ढिंढोरा, सनेट, काचरौली गावों के 25 हजार 849 घरों में नल कनेक्शन करा पानी पहुंचाया जाएगा।
सूत्रों के अनुसार स्वीकृत हुई 61 पेयजल योजनाओं में से सबसे बड़ी 12 करोड़ 46 लाख 71 हजार रुपए की योजना इरनियां-जहानाबाद-कजानीपुर गांवों के लिए स्वीकृत हुई है। जिसके तहत छह गावों के 1789 घरों में नल कनेक्शन होंगे। जबकि सबसे छोटी 26 लाख 84 हजार रुपए की स्कीम गुढापोल के लिए स्वीकृत कह गई है। जिसके तहत 126 परिवारों को नल कनेक्शन मुहैया कराए जाएंगे।
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग द्वारा हिण्डौन खंड क्षेत्र में बेस लाइन सर्वे कराया है। इसमें ग्रामीण क्षेत्रों में बंद पड़ी पाइप पेयजल योजनाओं के साथ हाउस होल्ड सर्वे भी कराया गया है। इसके बाद करीब 125 गांवों के लोगों को पेयजल संकट से छुटकारा दिलाने के लिए 99 पाइप पेयजल योजनाएं चिन्हित की गई हैं। सरकार ने दो चरणों में 83 गावों के लिए 1 अरब 3 करोड़ 88 लाख 32 हजार रुपए की 61 योजनाओं की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जारी कर दी है। तकनीकी स्वीकृति मिलने के बाद टेंडर प्रक्रिया पूरी होगी। कार्यादेश जारी होने के छह माह की समयावधि में काम पूरा कराया जाएगा।
जल जीवन मिशन योजना के तहत सरकार द्वारा दो चरणों मे क्षेत्र के 83 गांवों के लिए 61 पेयजल योजनाओं की स्वीकृति जारी की जा चुकी है। तकनीकी स्वीकृति के बाद निविदा प्रक्रिया होगी। संवेदक को छह माह के अंदर कार्य पूरा कर घरों तक नलों से जल पहुंचाना सुनिश्चित करना होगा।
– रविन्द्र मीणा, अधिशासी अभियंता जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, हिण्डौनसिटी।