उठा ले गया टाइगर, तलाशते रहे परिजन
करौलीPublished: Jul 31, 2019 11:12:21 am
करौली। जिला मुख्यालय के समीप दुर्गेशी घटा की बस्ती के पास से एक चरवाहे को टाइगर उठा ले गया। लगभग 19 घंटे बाद क्षत-विक्षित स्थिति में उसका शव बुधवार को मिला। हालांकि वन विभाग के अधिकारी अभी टाइगर के होने की पुष्टि नहीं कर रहे हैं। उनका कहना है कि विशेषज्ञ टीम की जांच के बाद ही यह स्पष्ट कहा जा सकेगा कि यह टाइगर था या पैंथर या फिर अन्य जानवर।
उठा ले गया टाइगर, तलाशते रहे परिजन
उठा ले गया टाइगर, तलाशते रहे परिजन करौली। जिला मुख्यालय के समीप दुर्गेशी घटा की बस्ती के पास से एक चरवाहे को टाइगर उठा ले गया। लगभग 19 घंटे बाद क्षत-विक्षित स्थिति में उसका शव बुधवार को मिला। हालांकि वन विभाग के अधिकारी अभी टाइगर के होने की पुष्टि नहीं कर रहे हैं। उनका कहना है कि विशेषज्ञ टीम की जांच के बाद ही यह स्पष्ट कहा जा सकेगा कि यह टाइगर था या पैंथर या फिर अन्य जानवर।
मृतक 45 वर्षीय रूपसिंह माली है। जो मवेशी को चराने के लिए गया था। शाम को वह वापस नहीं लौटा तो परिजनों ने उसकी रातभर तलाश भी की लेकिन सुराग नहीं मिल सका। सुबह किसी को जंगल में कपड़े मिले तो रूपसिंह की तलाश गहनता से ग्रामीणों ने की। इसके बाद उसका शव एक पेड़ के नीचे पड़ा हुआ पाया। सूचना पर पुलिस, वन विभाग की टीम व एसडीएम मुनि देव यादव ने नायाब तहसीलदार बृज लाल मीणा सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंच गए। ग्रामीणों ने बाघ को देखने की दावे किये है। मौके पर बाघ के पैरों के निशान, मृतक की चप्पल, लाठी कपड़े मिले हैं। वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे लेकिन उन्होंने टाइगर के पग मार्गो को लेकर शंका जताई। इस पर सवाईमाधोपुर से विशेषज्ञों की टीम जांच के लिए बुलाई गई है। इस टीम की जांच के बाद बाघ या पैंथर की पुष्टि हो सकेगी। इधर मृतक के शव मिलने के बाद से परिजनों का रो रो कर बुरा हाल हुआ है। पुलिस ने मृतक का पोस्टमार्टम कराया है। वैसे करौली के आसपास कभी टाइगर के विचरण की सूचना नहीं मिली थी। अमूमन टाइगर का मूवमेंट मंडरायल और करणपुर इलाके में ही रहता है। इस घटना से लोगों में दहशत हो गई है।