scriptकर्ज के बोझ से दबे दर्जी ने बेटी की गला घोंट हत्या कर खुद ने आत्महत्या की | Tired of debt, the tailor committed suicide by strangling her daughter | Patrika News

कर्ज के बोझ से दबे दर्जी ने बेटी की गला घोंट हत्या कर खुद ने आत्महत्या की

locationकरौलीPublished: Aug 23, 2019 07:17:42 pm

Submitted by:

vinod sharma

करौली. यहां होली खिड़किया मोहल्ले में रहने वाले दर्जी ने घर में पहले अपनी बेटी की गर्दन दबाकर हत्या की और फिर खुद ने पांचना में जाकर जान दे दी। बताया गया है कि वह कर्ज के बोझ से आहत था।

कर्ज के बोझ से दबे दर्जी ने बेटी की गला घोंट हत्या कर खुद ने आत्महत्या की

कर्ज के बोझ से दबे दर्जी ने बेटी की गला घोंट हत्या कर खुद ने आत्महत्या की


करौली. यहां होली खिड़किया मोहल्ले में रहने वाले दर्जी ने घर में पहले अपनी बेटी की गर्दन दबाकर हत्या की और फिर खुद ने पांचना में जाकर जान दे दी। बताया गया है कि वह कर्ज के बोझ से आहत था।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल तौर पर गंगापुर सिटी निवासी सुरेश कोली पिछले दस साल से करौली में होली खिड़किया स्थित अपनी ससुराल में रहकर दर्जी (सिलाई) का काम करता था। उसका शव गुरुवार को पांचना नदी में मिला था लेकिन १० साल की बेटी लक्ष्मी उर्फ भोलू का पता नहीं चल पाया था। पुलिस व परिजनों ने देर रात तक बेटी को विभिन्न स्थानों पर तलाश किया लेकिन सुराग नहीं मिलने पर रात में दो बजे परिजन थक हारकरघर जा पहुंचे। घर में उन्होंने सोने-बिछाने के लिए कुछ कपड़े निकाले तो वहां कपड़ों में बालिका का शव मिला। सूचना पर पहुंची पुलिस शव को अस्पताल लेकर आई और सुबह पोस्टमार्टम कराके अंतिम संस्कार के लिए बाप-बेटी के शव परिजनों को सौंप दिए। थानाप्रभारी मोहम्मद शफीक खान ने बताया कि प्रारम्भिक तौर पर पता चला है कि मृतक दर्जी कर्ज से परेशान था। उसने पहले बेटी की गला घोंट हत्या की तथा बाद में पांचना में कूदकर आत्महत्या कर ली। बालिका के मुहं व नाक से खून भी निकला। उन्होंने बताया कि परिजनों ने किसी पर हत्या का शक नहीं जताया है। फिर भी पुलिस मामले का गहन अनुसंधान कर रही है।
मृतक निजी स्कूलों के छात्र-छात्राओं की यूनिफार्म सिलने का काम करता था। उसने अनेक स्कूलों से अनुबंध कर रखा था। बताया गया है कि यूनिफार्म के कपड़े वह उधारी से लाया लेकिन सिली हुई यूनिफार्म का भुगतान नहीं हो पाने से वह तनाव में रहता था। उसकी पत्नी निजी स्कूल में नौकरी करती है। जब वह घर लौटी तो उसके ४ वर्षके पुत्र ने बताया कि भोलू तो पापा के साथ गई है। यह पुत्र अपने नाना के पास था। जबकि सुरेश के घर से जाने के समय नाना (मृतक के ससुर) सो रहे थे।
इन सवालों के जवाब खोजने है
पुलिस को अनेक सवालों के जवाब खोजने है, इसके बाद ही बाप-बेटी की मौत के मामले के रहस्य से पर्दा उठेगा। सुरेश कोली घर से बेटी के साथ रवाना हुआ था, यह बात मृतक के चार साल के बेटे ने अपनी मां को बताई। इसके बाद ही दोनों की तलाश शुरू हुई। यदि पुलिस के अनुसंधान के अनुसार कर्ज से परेशान दर्जी ने बेटी की हत्या की तो उसने घर पर मौजूद चार साल के बेटे को कैसे छोड़ दिया, दूसरा सवाल घर से बेटी के साथ रवाना हुआ था, फिर कौनसे रास्ते से घर पहुंचा। क्योंकि घर में उसका ससुर व बेटा मौजूद था। इस घटना का ससुर व बेटे को पता क्यों नहीं चला। वह ससुर व बेटे को गुमराह कर अन्य रास्ते से घर पहुंचा तो कैसे। इसके अलावा इस बात का भी खुलासा होना है कि उस पर कितना कर्ज था, कर्ज देने वाले लोग कौन थे।

कपड़े सिलने का काम करता था
जानकारी के अनुसार मृतक निजी स्कूलों के छात्र-छात्राओं की यूनिफार्म सिलने का काम करता था। उसने अनेक स्कूलों से अनुबंध कर रखा था। बताया गया है कि सिले कपड़ों का भुगतान नहीं हो पाने से वह तनाव में रहता था। पिता के गायब होने की जानकारी उसके चाल साल के बेटे ने अपनी मां को दी। मां निजी स्कूल से नौकरी के बाद घर पहुंची तब चार साल का बेटा उसके नानाजी के साथ था, लेकिन बेटी व पति घर पर नहीं था। बेटे ने मां को बताया कि भोलू तो पापा के साथ गई हुई है। इसके बाद पीडि़ता ने पति व बेटी की तलाश शुरू की।
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