धरातल पर नहीं उतरी बेटी बचाओ योजना, नवजात कन्याओं को नहीं मिला संरक्षण
करौलीPublished: Sep 18, 2018 10:15:30 pm
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धरातल पर नहीं उतरी बेटी बचाओ योजना, नवजात कन्याओं को नहीं मिला संरक्षण
करौली.नवजात बेटियों को संरक्षण देने के लिए राज्य सरकार ने अनेक योजनाएं संचालित की हुई हैं। लेकिन करौली जिले में बेटी बचाओ योजना धरातल पर ठीक प्रकार से उतरी नहीं है। इसी का परीणाम है कि श्रीमहावीरजी में नवजात कन्याओं की देखभाल नहीं हो रही है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने बेटी बचाओ के प्रति जागरुकता लाने के लिए ‘डाटर्स आर प्रीशियस’ कार्यक्रम चालू किया है। इसके तहत प्रत्येक पंचायत मुख्यालय पर डेप रक्षक बनाए गए। जो गांव-गांव में जाकर बेटियों के लिए संचालित योजना तथा उनके महत्व की जानकारी देते हैं। सूत्रों ने बताया कि सरकार के कागजों में प्रत्येक माह में अलग-अलग समय पंचायत मुख्यालयों पर डाटर्स आर प्रीशियस के कार्यक्रम होते हैं। लेकिन इन कार्यक्रमों से आमजन तथा ग्रामीण महिलाओं की दूरी ही बनी रहती है। इस कारण यह अभियान जिले में पूरी तरह से फेल नजर आ रहा है। इस योजना के संचालन के लिए लाखों रुपए के उपकरण तथा संसाधन भी जुटाए गए। विभिन्न डिजीटल तकनीक के माध्यम से बेटियों का महत्व दर्शाना का प्रावधान हुआ है। जिले के राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के अधिकारी-कर्मचारियों को इसकी जिम्मेदारी दी हुई है। लेकिन विभाग की उदासीनता से जिले में इसका फायदा नहीं मिल रहा है।
राजश्री का भी नहीं दिखा असर
बेटियों के संरक्षण के लिए सरकार ने राजश्री योजना चला रखी है। इस योजना के तहत बालिका के जन्म पर पहली किश्त के तौर पर २५०० रुपए, एक साल का टीकाकरण होने पर दूसरी किश्त २५०० रुपए बाद में कक्षा प्रथम से १२वीं तक की पढ़ाई के दौरान ५० हजार का पैकेज सरकार देती है। जिससे अभिभावक बेटियों को बोझ नहीं समझे। सूत्रों ने बताया कि श्रीमहावीरजी क्षेत्र में इस योजना का लाभ तो लोग उठा रहे हैं। लेकिन बेटियों के संरक्षण, शिक्षा तथा उनके विकास में योजना का असर नहीं दिख रहा है। इसी प्रकार प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट बेटी बचाओ,बेटी पढ़ाओ अभियान को सफलता नहीं मिली है।
बेटियों के उत्थान के विषय पर कार्यशाला आज
करौली. बेटियों के संरक्षण व उत्थान के विषय पर बुधवार को श्रीमहावीरजी में शिक्षक परिवार की ओर से 19 सितम्बर को कार्यशाला होगी। शिक्षक परिवार के शान्तनु पाराशर व धारा सिंह गुर्जर ने बताया कि सार्वजनिक स्थान पर आयोजित कार्यशाला में नवजात कन्याओं की मौत के कारण व उनके संरक्षण पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। उन्होंने बताया कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के बारे में भी चर्चा की जाएगी। ग्रामीणों को बालिकाओं के प्रति जागरूक किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि राजस्थान पत्रिका ने 14 सितम्बर को दो माह में 11 कन्याओं की मौत के मामले का खुलासा किया। इसके बाद चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, जिला प्रशासन ने मामले की जांच शुरू की है।
जांच जारी है
सभी तथ्यों को ध्यान में रख जांच की जा रही है। जांच में ही पता चलेगा कि योजनाएं धरातल पर उतरी है या नहीं।
डॉ. हरफूल सीएमएचओ करौली